परिंदा भी पर नहीं मार सकता, ऐसा हो गया है कानपुर का ग्रीन पार्क मैदान
होटल में पांच दिन पहले से मैच के बाद तक ठहरने वालों की गहन पड़ताल की गई है।
कानपुर, जेएनएन। पुणे में भारत और न्यूजीलैंड के बीच दूसरे वनडे से पहले पिच फिक्सिंग के मामले ने पिच की सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं। सीरीज का अंतिम मैच रविवार को ग्रीनपार्क में होना है। पुणे से सबक लेते हुए यूपीसीए पिच की सुरक्षा को लेकर पूरी तरह सतर्क है। मैदान में जाने वाले की त्रिस्तरीय जांच हो रही है। पुलिस व एलआइयू मैदान पर पैनी नजर गड़ाए हुए हैं।
मैदान के मेन स्क्वॉयर (सभी विकेट) को चारों ओर से बैरीकेड कर दिया गया है। मुख्य विकेट नंबर पांच को मैट से कवर किया गया है। पिच के रंग रोगन का काम बीसीसीआइ सेंट्रल जोन के क्यूरेटर तापोश चटर्जी की निगरानी में किया जा रहा है। तापोश की अनुमति के बिना मेन स्क्वॉयर के अंदर कोई नहीं जा सकता। प्रोडक्शन की टीमों को भी उस तरफ जाने की अनुमति नहीं है।
प्रदेश के खेल मंत्री चेतन चौहान ने पिच व ग्राउंड की सुरक्षा में छोटी से छोटी चूक को भी बर्दाश्त न करने की चेतावनी दी है। यूपीसीए के सचिव युद्धवीर सिंह ने कहा कि ग्राउंड स्टाफ किसी से भी पिच के विषय की चर्चा न करे। पुणे के पिच क्यूरेटर पांडुरंग सलगांवकर को निलंबित किए जाने के बाद बीसीसीआइ, यूपीसीए, खेल विभाग, खेलमंत्री, पुलिस और प्रशासन किसी भी तरह का खतरा उठाने के मूड में नहीं हैं। जिन्हें पास जारी किए गए हैं, उन्हें भी तीन बार चेक करने के बाद ही मैदान में भेजा जा रहा है। ग्रीनपार्क में होने जा रहे पहले डे-नाइट वनडे इंटरनेशनल मैच में यूपीसीए कोई धब्बा नहीं लगने देना चाहता। शुक्रवार को यूपीसीए निदेशक राजीव शुक्ला भी मैदान पहुंचे और मैच की तैयारियों पर संतुष्टि जताई।
सतर्कता का कारण यह भी
सुरक्षा में अतिरिक्त सतर्कता के पीछे भी एक प्रमुख कारण यह है कि ग्रीनपार्क में हुए आइपीएल के दसवें सीजन के 50वें मैच में पिच फिक्सिंग का मामला सामने आया था। दस मई को गुजरात लायंस और दिल्ली डेयरडेविल्स के बीच हुए मैच में तीन सट्टेबाजों को गिरफ्तार किया गया था। तीनों सट्टेबाज उसी होटल में रुके थे जिसमें टीमें थीं। होटल में पांच दिन पहले से मैच के बाद तक ठहरने वालों की गहन पड़ताल की गई है।