ये गलती द. अफ्रीका में टीम इंडिया पर पड़ सकती है बहुत भारी, कोहली भी कर चुके हैं सचेत
विराट कोहली श्रीलंका के खिलाफ वनडे और टी-20 सीरीज में खेले भी नहीं थे।
नई दिल्ली, अभिषेक त्रिपाठी। 2014-15 से लगातार 10 टेस्ट सीरीज में अजेय रही भारतीय टीम अगले साल की शुरुआत में दक्षिण अफ्रीका दौरे पर ताल ठोकेगी। यहां उसे तीन टेस्ट, छह वनडे और तीन टी-20 खेलने हैं। यह कप्तान विराट कोहली का सबसे कठिन दौरा होने वाला है, क्योंकि लगभग दो महीने दक्षिण अफ्रीका में बिताने के बावजूद भारतीय टीम वहां एक भी अभ्यास मैच नहीं खेलेगी। पहले दक्षिण अफ्रीका क्रिकेट बोर्ड ने दो दिवसीय अभ्यास मैच रखा भी था, लेकिन भारतीय टीम ने अतिव्यस्त कार्यक्रम को देखते हुए बीसीसीआइ को इसे ना आयोजित करने के लिए कह दिया। इसके बाद अब दक्षिण अफ्रीका दौरे से पहले कोई भी अभ्यास मैच नहीं होगा।
क्यों जरूरी होता है अभ्यास मैच
जब भी कोई टीम विदेश में किसी मजबूत टीम के खिलाफ लंबी द्विपक्षीय सीरीज खेलने जाती है तो उससे पहले वहां की परिस्थितियों के अनुरूप खुद को ढालने के लिए उसे अभ्यास मैच की जरूरत होती है। दस साल पहले तक तो विदेशी दौरों पर तीन-तीन अभ्यास मैच तक आयोजित होते थे। हाल के दिनों में टीमों का कार्यक्रम बहुत ज्यादा व्यस्त हो गया है जिस कारण अभ्यास मैचों की संख्या घटती जा रही है। पिछले साल भारत दौरे पर आने वाली इंग्लिश टीम ने कम अभ्यास मैच मिलने की शिकायत की थी। व्यस्त कार्यक्रम का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि इस साल फरवरी में ऑस्ट्रेलिया की टी-20 टीम अपने देश में श्रीलंका के खिलाफ सीरीज खेल रही थी और उसकी टेस्ट टीम भारत दौरे पर टेस्ट खेलने के लिए आ चुकी थी। क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने दोनों फार्मेट के लिए अलग-अलग टीमें रखी थीं। ऑस्ट्रेलिया ने श्रीलंका के खिलाफ एडिलेड ओवल में 22 फरवरी को तीसरा टी-20 मैच खेला और अगले ही दिन यानी 23 फरवरी को ऑस्ट्रेलिया की टेस्ट टीम ने पुणे में भारत के खिलाफ पहला टेस्ट मैच खेला। इन दोनों टीमों के सदस्य अलग-अलग थे, लेकिन टीम ऑस्ट्रेलिया की ही थी।
टीम इंडिया का कार्यक्रम अतिव्यस्त
भारतीय क्रिकेटर इस साल आइपीएल के शुरू होने के बाद से लगातार क्रिकेट खेल रहे हैं। आइपीएल के बाद आइसीसी चैंपियंस ट्रॉफी, वेस्टइंडीज और श्रीलंका के दौरे तथा घरेलू मैदान पर ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और श्रीलंका के खिलाफ लगातार तीन घरेलू सीरीज में 23 मैच (तीन टेस्ट, 11 वनडे और 9 टी-20) टीम इंडिया ने खेले हैं।
भारत के भविष्य दौरा एवं कार्यक्रम (एफटीपी) के अगले चक्र में (2019-23) टीम इंडिया को घरेलू सरजमीं पर 81 अंतरराष्ट्रीय मैच खेलने हैं जिसमें 27 टी-20 शामिल हैं। भारत इस दौर में कुल 53 टी-20 मैच खेलेगा जिसमें 26 मैच विदेशी सरजमीं पर होंगे। प्रस्तावित एफटीपी में भारत 37 टेस्ट मैच खेलेगा, जिसमें 19 स्वदेश में और 18 विदेश में खेलेगा। इस दौरान भारत 306 दिन क्रिकेट खेलेगा। अगर इस दौरान कुल मैचों की बात करें तो भारत 37 टेस्ट, 67 वनडे और 53 टी-20 के साथ कुल 157 मैच खेलेगा। इसमें चैंपियंस ट्रॉफी, टी-20 विश्व कप, विश्व कप और आइपीएल के मैच शामिल नहीं हैं। बीसीसीआइ ने यह सारा कार्यक्रम प्रसारणकर्ता को ध्यान में रखते हुए बनाया है, क्योंकि ज्यादा टी-20 मैच से ज्यादा धनराशि मिलने की उम्मीद है। प्रसारणकर्ता चाहते हैं कि भारतीय टीम ज्यादा से ज्यादा टी-20 खेले। यही कारण है कि इस बार बीसीसीआइ ने टी-20 मैचों की संख्या ज्यादा रखी है। भारत का घरेलू मैचों के प्रसारण अधिकार का करार मार्च 2018 में होना है और बोर्ड को इससे मोटी धनराशि मिलने की उम्मीद है।
विराट निकाल चुके हैं भड़ास
इससे पहले टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली ने हाल ही में खत्म हुई श्रीलंका सीरीज और अगले साल की शुरुआत में होने वाले दक्षिण अफ्रीका दौरे के बीच कम समय होने पर बीसीसीआइ पर भड़ास निकाली थी। वह शादी के कारण श्रीलंका के खिलाफ वनडे और टी-20 सीरीज में खेले भी नहीं थे। बीसीसीआइ सामान्य रूप से घरेलू सीरीज अक्टूबर से दिसंबर में आयोजित करता है। इसके बाद बीसीसीआइ के कार्यवाहक अध्यक्ष सीके खन्ना ने कहा था कि विराट भारतीय कप्तान हैं और उनके विचारों को पूरी गंभीरता से देखा जाना चाहिए। मुझे लगता है कि हमें आकलन करना चाहिए कि क्या खिलाड़ियों को बिना ब्रेक दिए लगातार तीन सीरीज आयोजित करना अच्छा विकल्प है या नहीं।