‘एशेज फिक्सिंग स्कैंडल’ सामने आने के बाद बीसीसीआइ में भूचाल, ऐसे कैसे चलेगा भारतीय क्रिकेट?
क्रिकेट के बड़े भ्रष्टाचार भारत की धरती पर हुए हैं और कई आने वाले समय में होने को तैयार हैं।
नई दिल्ली, अभिषेक त्रिपाठी। ऑस्ट्रेलिया में चल रही एशेज सीरीज में स्पॉट फिक्सिंग का वीडियो सामने आने के बाद अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आइसीसी) ही नहीं भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआइ) के अंदर भी भूचाल आ गया है। स्पॉट फिक्सिंग पर लगाम लगाने को लेकर बीसीसीआइ सीईओ राहुल जौहरी और बोर्ड की एंटी करप्शन एंड सिक्योरिटी यूनिट (एसीएसयू) के प्रमुख व दिल्ली पुलिस के पूर्व कमिश्नर नीरज कुमार आमने-सामने आ गए हैं।
क्या कदम उठाए
इंग्लिश अखबार ‘द सन’ के स्टिंग में दो भारतीयों के फंसने के बाद जौहरी ने 16 दिसंबर को ‘द सन’ की क्लिपिंग अटैच करते हुए एक ईमेल नीरज कुमार को लिखा। उन्होंने इसमें लिखा कि मुङो आशा है कि इंग्लैंड से आ रही खबरों (अब भारतीय मीडिया भी इसे दिखा रही है) की आपको जानकारी होगी जिसमें दो व्यक्तियों पर अभी चल रही एशेज सीरीज में फिक्सिंग/सट्टेबाजी के आरोप लगे हैं। इन दोनों के बीसीसीआइ से तार जुड़े होने की बात सामने आना संकट की बात है। आप सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त प्रशासकों की समिति (सीओए) और बीसीसीआइ के पदाधिकारियों को इस दावे से अवगत कराएं साथ ही यह भी बताएं कि अभी भारत में चल रहे टीम इंडिया के बचे हुए मैचों और घरेलू टूर्नामेंट के मैचों से ऐसे लोगों को दूर रखने के लिए क्या कदम उठाए गए हैं?
आप सोते रहे
इसके अगले दिन यानि 17 दिसंबर को नीरज कुमार ने जवाबी ईमेल लिखा। उन्होंने इसमें लिखा है कि मैं आपके ईमेल से हतप्रभ हूं और लगता है कि आप इसको समझने से चूक गए। उन्होंने इसमें लिखा है कि आपने टीम इंडिया के मैच और घरेलू मैच से ऐसे लोगों को दूर करने की बात कही है तो मैं कहना चाहूंगा कि आपकी तरफ से एसीएसयू को मजबूत करने और जरूरी सुविधाएं देना का मुश्किल से ही प्रयास किया जिससे हम भारतीय क्रिकेट में भ्रष्टाचार से लड़ पाएं। मुझे याद नहीं आता कि आपने किसी भी बैठक में इस पर चर्चा भी की हो। अगर मैं अपनी बात करूं तो मैंने इसको लेकर कई प्रजंटेशन दिए जिसमें इसके बारे में बताया गया। यही नहीं मैंने एसीएसयू को मजबूत करने के लिए कई प्रस्ताव दिए लेकिन उस पर कोई जवाब तक नहीं आया।
तीन लोगों वाली एसीएसयू कैसे देखेगी 900 मैच
नीरज ने आगे लिखा है कि मैंने बीसीसीआइ को दी अपनी प्रस्तुति में बताया था कि घरेलू सत्र में 900 से ज्यादा मैच खेले जाते हैं और मुझे मिलाकर तीन लोगों वाली एसीएसयू से कैसे यह अपेक्षा की जाती है कि वह सभी मैचों को कवर कर सकेगी। तीन लोग इन मैचों से पहले सभी जगह एंटी करप्शन एजूकेशन प्रोग्राम (एसीईपी) कैसे कर पाएंगे? अगर आपको याद हो तो मैंने कई बार आपसे कहा कि भ्रष्टाचार विरोधी एक प्रशिक्षण फिल्म बनाई जाए जो एसीईपी का हिस्सा हो। यह हमारे क्रिकेटरों को भ्रष्टाचार विरोधी संदेश देने का महत्वपूर्ण हिस्सा हो सकती थी लेकिन दुख की बात है कि आपने इसे खर्चीला बताकर खारिज कर दिया। कहा गया कि बीसीसीआइ का मीडिया स्टाफ ऐसी फिल्म बनाएगा लेकिन अभी तक कुछ नहीं हुआ। यही नहीं एसीएसयू से संबंधित लोगों की सेलरी और आइसीसी टी-20 विश्व कप का मेहनताना देने तक के ईमेल पर आपकी तरफ से कोई जवाब नहीं आया। नीरज कुमार ने आगे लिखा है कि हाल के महीनों में मैंने आपको ईमेल करना ही बंद कर दिया क्योंकि मुझे पता है कि बीसीसीआइ में मेरे कुछ ही दिन बचे हैं।
खतरनाक स्थिति
नीरज ने आगे लिखा है कि अगर हम क्रिकेट खेलने वाले देशों में गर्व से अपने आपको खड़ा पाते हैं तो उसमें हमारी सर्वश्रेष्ठ एसीएसयू की भूमिका है जो भ्रष्टाचार से लड़ रही है। हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि क्रिकेट के बड़े भ्रष्टाचार हमारी धरती पर हुए हैं और कई आने वाले समय में होने को तैयार हैं। द सन के स्टिंग में कुछ गलत होने का पता नहीं चला है लेकिन उससे यह पता चलता है कि भविष्य में क्या हो सकता है। बीसीसीआइ में एसीएसयू को पूर्ण सुसज्जित करने को लेकर हमारी जो लापरवाह सोच है वह बहुत ही घातक है।