फाइनल में हराने का पूरा इंतजाम कर दिया था इस भारतीय ऑलराउंडर ने पर नहीं हुआ ऐसा
विजय शंकर का खेल देखकर लग रहा था कि भारत शायद बांग्लादेश के खिलाफ फाइनल मुकाबला गवां देगा।
नई दिल्ली, संजय सावर्ण। श्रीलंका में खेले गए ट्राई सीरीज के फाइनल मैच का रोमांच क्रिकेट प्रेमियों के जहन में लंबे समय तक याद रहने वाला मुकाबला बन गया। इस मैच में वो सबकुछ हुआ जिससे पता चलता है कि क्रिकेट को क्यों अनिश्चितता का खेल कहा जाता है। इस मैच में भारत हारते-हारते जीत गया और बांग्लादेश की टीम जीतते-जीतते हार गई। वैसे इस मैच में अगर भारतीय टीम हार जाती तो भारतीय ऑलराउंडर विजय शंकर विलेन बन जाते लेकिन टीम को आखिरकार जीत मिली।
विजय शंकर को भेजने का फैसला गलत
विजय शंकर को उनके अंतरराष्ट्रीय करियर में पहली बार बल्लेबाज़ी करने के लिए भेजा गया वो भी ऐसी स्थिति में जब टीम इंडिया बेहद प्रेशर में थी, ऐसी स्थिति में उन बड़े-बड़े बल्लेबाज़ों के पसीने छूट जाते हैं, लम्बे अर्से से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेलते आ रहे हैं और ऐसी नाजुक स्थिति में भारतीय टीम मैनेजमेंट ने शंकर को बल्लेबाज़ी के लिए भेजा। जब भारतीय कप्तान रोहित शर्मा आउट हुए उसके बाद ये अंदाजा लगाया जा रहा था कि अब बल्लेबाजी करने पांचवें नंबर पर दिनेश कार्तिक आएंगे। रोहित उस वक्त आउट हुए जब टीम का स्कोर 98 था और तीन बल्लेबाज आउट हो चुके थे। भारतीय टीम के लिए जीत का लक्ष्य हासिल करना ज्यादा मुश्किल नहीं था लेकिन विजय शंकर ने इस लक्ष्य को कठिन बना दिया। हैरानी तो इस बात पर थी कि अच्छी फॉर्म में चल रहे कार्तिक की जगह शंकर को बल्लेबाजी के लिए क्यों भेज दिया गया और शंकर ने ये साबित कर दिया कि ऐसे मैचों के लिए फिलहाल उन्हें और तैयारी की जरूरत है।
साफ तौर पर दिखी विजय शंकर की अनुभव की कमी
भारतीय टीम ऐसे मुकाम पर पहुंच चुकी थी जहां उसे 18 गेंदों पर 35 रन बनाने थे। मैच के 18 वें ओवर में बांग्लादेश के कप्तान शाकिब अल हसन ने अपनी टीम के सबसे बेहतरीन गेंदबाज मुस्ताफिजुर रहमान को गेंद थमा दिया। इस ओवर में रहमान के सामने थे विजय शंकर। रहमान की चार गेंदों को तो शंकर खेल भी नहीं पाए और भारतीय टीम पर दबाव और बढ़ गया। अंत में पांचवीं गेंद पर शंकर किसी तरह से लेग बॉय के तौर पर एक रन लेने में कामयाब रहे और अंतिम गेंद पर स्ट्राइक मनीष पांडे को मिली। मनीष भी पूरी तरह से दबाव में थे और ये नजर आया उनके शॉट में। उन्होंने आखिरी गेंद पर छक्का लगाने के कोशिश की लेकिन लांग ऑन पर खड़े शबीर रहमान ने उनका कैच पकड़ लिया और फिर भारतीय टीम का लक्ष्य हो गया 12 गेंदों पर 34 रन। अगर इस ओवर में विजय शंकर एक-एक रन या फिर कुछ बड़ा शॉट लगाने में कामयाब हो जाते तो शायद टीम पर इतना दबाव नहीं बन पाता।
विजय शंकर ने बनाए 19 गेंदों पर 17 रन
विजय शंकर ने अपने अंतरराष्ट्रीय करियर की शुरुआत श्रीलंका में खेले गए ट्राई सीरीज के जरिए की। अपने अंतरराष्ट्रीय करियर में पहली बार बल्लेबाजी करने उतरे शंकर को अपनी बल्लेबाजी के दौरान ऐसी परीक्षा का सामना करना पड़ा जिसके लिए वो शायद ही तैयार थे। जिस स्टेज पर वो बांग्लादेश के खिलाफ बल्लेबाजी करने गए उस मौके के लिए 19 गेंदों पर 17 रन का स्कोर शायद ही अच्छा स्कोर कहा जाए। जिस बल्लेबाजी के लिए शंकर जाने जाते हैं उसकी जरा सी भी झलक फाइनल मैच में नजर नहीं आई और अपनी बल्लेबाजी के दौरान वो पूरी तरह से दबाव में दिखे।