भारतीय क्रिकेट के लिए बेहद खास है आज का दिन, एक नहीं तीन-तीन हैं वजह
इसी के साथ टीम इंडिया ने दुनिया को ये संदेश दिया कि अब ये टीम भी किसी से कम नहीं है।
नई दिल्ली, [जागरण स्पेशल]। टीम इंडिया ने बीती रात इंग्लैंड को मात देकर वनडे सीरीज़ में 1-0 की बढ़त बना ली। ये टीम इंडिया का 940वां वनडे मैच था। लेकिन बहुत कम लोगों को मालूम है कि इस सफर की शुरुआत 54 साल पहले आज ही के दिन (13 जुलाई 1974) को हुई थी। इतना ही नहीं 16 साल (2002) पहले आज ही के दिन भारत ने इंग्लैंड के खिलाफ वनडे में अपनी सबसे यादगार जीत दर्ज की थी, लेकिन कम ही लोगोंं को जानकारी होगी कि आज ही के दिन भारत ने अपने क्रिकेट इतिहास का पहले वनडे मैच भी खेला था।
वो यादगार दिन
बहुत कम फैंस को उस समय ध्यान होगा कि इंसी दिन 1974 में भारत ने वनडे क्रिकेट में अपना पहला कदम रखा था। आज हम बेशक हजार वनडे खेलने की ओर बढ़ रहे हैं लेकिन 1974 की 13 जुुुुलाई यादगार थी और रहेगी। भारत एक ऐसे प्रारूप की ओर कदम बढ़ा चुका था जिसमें उसे व उसके खिलाड़ियों को कई महान रिकॉर्ड दर्ज करने थे। ये शुरुआत इंग्लैंड की जमीन पर ही हुई थी, किसी को क्या पता था कि आगे भारत अपना पहला वर्ल्ड कप (1983) भी इंग्लैंड की जमीन पर जीतेगा और फिर सालों बाद इसी जमीन पर अपनी सबसे यादगार वनडे जीत (2002) भी दर्ज करेगा। टेस्ट क्रिकेट की शुरुआत 1877 में हुई थी और इस प्रारूप में भारत की शुरुआत 1932 में हुई। जबकि वनडे में इतना इंतजार नहीं करना पड़ा क्योंकि सीमित ओवर क्रिकेट का आगाज 1971 में हुआ था और हमने 1974 में इस प्रारूप में अपना आगाज कर दिया था।
इसी दिन मिली वो यादगार जीत
2002 में वो आज ही का दिन था जब भारत ने इंग्लैंड को लॉर्ड्स के मैदान पर हराकर अपनी सबसे यादगार वनडे जीत दर्ज की थी, तो वो भारतीय वनडे इतिहास का 504वां मुकाबला था। टीम इंडिया ने इस मैच को जीतकर नेटवेस्ट ट्रॉफी अपने नाम की थी। इस मैच में इंग्लैंड टॉस जीतकर पहले बल्लेबाज़़ी का फैसला किया। इंग्लैंड की ओर से मार्क ट्रेस्कोथिक और नासिर हुसैन ने शतक जड़ दिया और इंग्लैंड ने 50 ओवर में 325 रन का पहाड़ सा स्कोर खड़ा कर दिया।
कैफ ने किया कमाल
326 रन का पीछा करते हुए टीम इंडिया की शुरुआत भी काफी अच्छी रही। सौरव और सहवाग ने मिलकर 14.2 ओवर में ही 106 रन जोड़ दिए। लेकिन अगली ही गेंद पर गांगुली (60) बोल्ड हो गए। इसके बाद सहवाग (45) भी एशले जाइल्स की शिकार हो गए। 146 के स्कोर तक पहुंचते-पहुंचते भारत ने पांच विकेट गंवा दिए। सचिन-सहवाग, द्रविड़ और गांगुली जैसे दिग्गज आउट हो चुके थे और भारत की जीत की उम्मीद भी काफी कम बची थी। क्रीज़ पर थे युवराज सिंह और मोहम्मद कैफ। इन दोनों ने मिलकर 121 रन की साझेदारी कर डाली। युवराज (69) रन बनाकर आउट हो गए। इसके बाद भज्जी (15) ने कैफ का साथ दिया, लेकिन 314 रन के स्कोर पर वो भी आउट हो गए। दो गेंद के बाद कुंबले ने भी अपना विकेट गंवा दिया। अब कैफ के साथ थे ज़हीर खान। आखिरी दो ओवर में भारत को जीत के लिए 11 रन की जरुरत थी, लेकिन 8 विकेट गिर चुके थे। कैफ और ज़हीर ने मिलकर भारत को जीत दिलाकर इतिहास रच दिया।
गांगुली ने दिखाई 'दादागिरी'
नेटवेस्ट ट्रॉफी के फाइनल में भारत की इस ऐतिहासिक जीत के बाद भारत के कप्तान सौरव गांगुली ने लॉर्ड्स के मैदान पर अपनी टी-शर्ट को उतारकर लहराया। इसी के साथ उन्होंने दुनिया को ये संदेश दिया कि अब भारतीय टीम भी किसी से कम नहीं है। आज भी जब टीम इंडिया की इस जीत की बात होती है तो सौरव का वो टी-शर्ट उतारकर लहराना सभी को याद आ जाता है।
(आप भी देखिए गांगुली का टी-शर्ट लहराने का वीडियो)
(वीडियो साभार- यू ट्यूब)
भारत के पहले वनडे मैच में हुआ कुछ ऐसा
13 जुलाई 1974 को खेला गया वो वनडे मैच 55-55 ओवर का मुकाबला था। ये भारत-इंग्लैंड के बीच दो वनडे मैचों की सीरीज का पहला मुकाबला था। मेजबान इंग्लिश टीम 1972 में अपना पहला वनडे मैच जीत चुकी थी और उसे इस फॉर्मेट में दो साल हो चुके थे इसलिए जाहिर तौर पर दबदबा उन्हीं का था। भारत के खिलाफ मुकाबला हेडिंग्ले के मैदान पर खेला जा रहा था और इंग्लैंड ने टॉस जीतकर पहले फील्डिंग का फैसला किया। कप्तान अजीत वाडेकर की अगुआइ में भारत पहले बल्लेबाजी करने उतरा। सुनील गावस्कर (28) और सुधीर नायक (18) की ओपनिंग जोड़ी 50 रन के अंदर आउट हो गई थी। इसके बाद कप्तान वाडेकर ने मोर्चा संभाला और 82 गेंदों पर 67 रनों की शानदार पारी खेली। इस दौरान विकेटकीपर बल्लेबाज फारुख इंजीनियर (32) ने भी उनका साथ दिया और बाद में बृजेश पटेल ने 78 गेंदों पर 82 रनों की पारी खेलकर टीम के स्कोर को अच्छी उड़ान दे दी। भारत 53.5 ओवर में 265 रन पर सिमट गया लेकिन पहले वनडे मैच के हिसाब से ये एक बेहतरीन स्कोर माना जा रहा था।
भारत गेंदबाजों का अच्छा आगाज, इंग्लिश बल्लेबाजों का करारा जवाब
भारत ने इंग्लैंड को 266 रनों का लक्ष्य दिया था। इंग्लैंड ने अपना पहला विकेट ओपनर डेनिस अमिस (20) के रूप में 37 के स्कोर पर गंवा दिया और उनको आउट करने वाले एकनाथ सोल्कर भारत की तरफ से पहला वनडे विकेट लेने वाले खिलाड़ी बन गए। भारत की शुरुआत अच्छी लग रही थी लेकिन इसके बाद ओपनर डेविड लॉयड (34), जॉन एडरिच (90), कीथ फ्लेचर (39) और टोनी ग्रेग (40) ने कुछ शानदार पारियां खेलकर टीम को मजबूत स्थिति में पहुंचा दिया। इंग्लैंड ने 51.1 ओवर में 6 विकेट के नुकसान पर लक्ष्य हासिल कर लिया और भारत को अपना पहला वनडे मैच 4 विकेट से गंवाना पड़ा। भारत की तरफ से एकनाथ सोल्कर और बिशन सिंह बेदी ने दो-दो विकेट लिए जबकि मदन लाल और श्रीनिवास वेंकटराघवन ने एक-एक विकेट झटका। सीरीज का दूसरा व अंतिम मैच इंग्लैंड ने छह विकेट से जीतकर सीरीज पर 2-0 से कब्जा किया था।