भारतीय टीम ने तोड़ा था लगातार 3 वर्ल्ड कप और 34 मैच जीत चुकी ऑस्ट्रेलियाई टीम का गुरूर
भारतीय टीम ने आज ही के दिन साल 2011 में ऑस्ट्रेलियाई टीम के जीत के सिलसिले को तोड़ दिया था और वर्ल्ड कप से बाहर कर दिया था।
नई दिल्ली, जेएनएन। साल 1999 के वर्ल्ड कप ऑस्ट्रेलियाई टीम का जीत का सिलसिला शुरू हुआ था। 1999 के वर्ल्ड कप में आखिरी बार 23 मई को पाकिस्तान ने ऑस्ट्रेलियाई टीम को एक लीग मैच में मात दी थी, लेकिन इसके बाद से ऑस्ट्रेलिया ने 23 मार्च 2011 तक एक भी वर्ल्ड कप का मैच नहीं गंवाया था। यहां तक कि इस दौरान तीन बार लगातार कंगारू टीम विश्व कप जीती थी, लेकिन विश्व कप जीत की हैट्रिक लगा चुकी ऑस्ट्रेलियाई टीम का विजय रथ मेजबान भारतीय टीम ने तोड़ा था।
आज से ठीक 9 साल पहले साल 2011 में 24 मार्च को वर्ल्ड कप के क्वार्टरफाइनल में ऑस्ट्रेलियाई टीम का सामना भारतीय टीम से अहमदाबाद के मोटेरा स्टेडियम में हुआ। इस मैच में ऑस्ट्रेलियाई टीम के कप्तान रिकी पोंटिंग ने टॉस जीतकर बल्लेबाजी चुनी और पहले बल्लेबाजी करते हुए 50 ओवर में 6 विकेट के नुकसान पर 260 रन बनाए, जिसमें पोंटिंग का शतक भी शामिल था। इस मैच में पोंटिंग 104 के स्कोर पर आउट हुए थे। आउट होने वाली गेंद पर उन्होंने अपने करियर में पहला स्वीप शॉट खेला था, लेकिन आउट हो गए थे।
भारत को मिला था 261 रन का टारगेट
भारतीय टीम के सामने वर्ल्ड कप 2011 के सेमीफाइनल में जगह बनाने के लिए 261 रन का लक्ष्य था, लेकिन भारत के सामने वो टीम थी, जिसने वर्ल्ड कप के पिछले 34 मुकाबले लगातार जीते थे। ऐसे में टीम के हौसले इतने बुलंद नहीं थे, लेकिन एमएस धौनी की कप्तानी वाली टीम ने लक्ष्य का पीछा और वीरेंद्र सहवाग और सचिन तेंदुलकर ने मिलकर टीम को सधी शुरुआत दी, लेकिन सहवाग आउट हो गए। इसके बाद सचिन और गौतम गंभीर ने मोर्चा संभाला।
⭐ 57* runs
⭐ 65 balls
⭐ 8 fours#OnThisDay in 2011, a ferocious Yuvraj Singh took India to a five-wicket win against Australia in the @cricketworldcup quarter-final!
This was their first #CWC win over Australia in 24 years 🤯 pic.twitter.com/7Qejhqr5fM— ICC (@ICC) 24 March 2020
सचिन तेंदुलकर 54 रन बनाकर आउट हो गए। तेंदुलकर के बाद विराट कोहली 24 रन बनाकर चलते बने। वहीं, गौतम गंभीर 50 रन बनाकर रन आउट हो गए। इसके बाद युवराज सिंह ने वो कमाल किया जो इस विश्व में वे लगातार करते आ रहे थे। पहले दो विकेट चटका चुके युवराज ने संयम भरी पारी खेली और टीम को जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई। युवराज की 57 रन की पारी के दम पर भारत ने 47.4 ओवर में ये लक्ष्य 5 विकेट शेष रहते हासिल कर लिया।