Ind vs Aus: ये खिलाड़ी रहे भारत की जीत के हीरो, इनके बिना इतिहास रचना होता मुश्किल
Ind vs Aus: भारत ने ऑस्ट्रेलिया में पहली बार टेस्ट सीरीज़ जीतते हुए इतिहास तो रचा ही इसके साथ ही साथ 71 साल का इंतज़ार भी खत्म हो गया।
नई दिल्ली, [जागरण स्पेशल]। सिडनी में टेस्ट मैच ड्रॉ होने के साथ ही भारतीय टीम ने टेस्ट सीरीज़ को 2-1 से अपने नाम कर लिया। इसी के साथ भारत ने ऑस्ट्रेलिया में पहली बार टेस्ट सीरीज़ जीतते हुए इतिहास तो रचा ही इसके साथ ही साथ 71 साल का इंतज़ार भी खत्म हो गया। भारत की ऑस्ट्रेलिया में पहली सीरीज़ जीत के लिए पूरी टीम ने अच्छा प्रदर्शन किया, लेकिन कुछ खिलाड़ी ऐसे रहे जिन्होंने अपने बेहतरीन प्रदर्शन से सीरीज़ का रुख भारत की ओर मोड़ दिया। चलिए आपको बताते हैं उन खिलाड़ियो के और उनके प्रदर्शन के बारे में-
चेतेश्वर पुजारा
चेतेश्वर पुजारा ने इस सीरीज़ में बेहतरीन बल्लेबाज़ी का प्रदर्शन करते हुए ऑस्ट्रेलियाई टीम के पसीने छुड़ा दिए। पुजारा ने इस सीरीज़ में तीन शतक के साथ 521 रन बनाए और वो इस सीरीज़ में सबसे ज़्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज़ भी रहे। पुजारा ने इस टेस्ट सीरीज़ में 1258 गेंदें खेलते हुए 1868 मिनट यानि की 31 घंटे और 08 मिनट क्रीज़ पर बिताए। पुजारा को इस सीरीज़ में शानदार प्रदर्शन के लिए मैन ऑफ द सीरीज़ का अवॉर्ड भी दिया गया। उन्हें सिडनी में 193 रन की पारी के लिए मैन ऑफ द मैच भी चुना गया।
जसप्रीत बुमराह
बुमराह ने इस सीरीज़ में बेहतरीन गेंदबाज़ी करते हुए कंगारुओं की कमर तोड़ दी। बुमराह ने इस सीरीज़ में भारत की ओर से सबसे ज़्यादा 21 विकेट लिए। बुमराह और नाथन लियोन दोनों ने ही 21-21 विकेट लिए, लेकिन बुमराह ने लियोन से कम रन दिए। लियोन ने 639 रन दिए तो बुमराह ने केवल 357 रन देकर ये शिकार किए।बुमराह ने मेलबर्न टेस्ट की पहली पारी में बुमराह ने छह बल्लेबाजों का शिकार किया, तो दूसरी पारी में भी उन्होंने तीन अहम विकेट चटकाकर ऑस्ट्रेलिया की बल्लेबाजी की कमर तोड़ दी।
मेलबर्न टेस्ट में बुमराह ने 86 रन देकर 9 विकेट लिए और वो ऑस्ट्रेलिया की धरती पर सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले भारतीय तेज गेंदबाज भी बन गए। बुमराह से पहले अजीत अगरकर ने 2003 में खेले गए एडिलेड टेस्ट में 160 रन देकर 8 विकेट चटकाए थे। उससे भी पहले 1985 में कपिल देव ने एडिलेड में 109 रन देकर 8 विकेट लिए थे।
विराट कोहली
भारतीय कप्तान विराट कोहली ने भी इस टेस्ट सीरीज़ में शानदार बल्लेबाज़ी की। उन्होंने इस सीरीज़ में 282 रन बनाए। इस दौरान उनके बल्ले से एक शतक और एक अर्धशतक भी निकला। कोहली ने मेलबर्न में 82 रन की शानदार पारी खेली थी। इससे पहले उन्होंने पर्छ के मैदान पर शतक भी जड़ा था। पर्थ में खेले गए दूसरे टेस्ट मैच में शानदार शतक जमाया था और फिर उसके बाद मेलबर्न में भी उन्होंने अर्धशतक जमाकर दिखा दिया था कि कोहली को यूं ही दुनिया का दिग्गज बल्लेबाज नहीं कहा जाता।
मोहम्मद शमी
शमी ने भी इस टेस्ट सीरीज़ में बेहतरीन गेंदबाज़ी की। उन्होंने अपना धार और रफ्तार के दम पर ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज़ों की नाक में दम कर दिया। शमी ने इस सीरीज़ में 419 रन देकर 16 विकेट चटकाए। शमी ने पर्थ टेस्ट मैच में 56 रन देकर 06 विकेट लिए थे हालांकि भारत इस मैच को जीत नहीं सका था, लेकिन फिर भी शमी को काम को कम नहीं आंका जा सकता। शमी ने अहम मौकों पर भारत को विकेट दिलवाए और 71 साल के इंतज़ार को खत्म करते हुए इतिहास रचने में अहम भूमिका निभाई।
मयंक अग्रवाल
मयंक अग्रवाल ने इस सीरीज़ में सिर्फ दो ही टेस्ट मैच खेले और उन्होंने दो अर्धशतक भी जमाए। इस सीरीज़ में मयंक ने दो मैचों में 195 रन बनाए। उन्होंने ने सिडनी में 77 रन बनाए। इससे पहले उन्होंने मेलबर्न में अपने डेब्यु टेस्ट मैच की पहली पारी में अर्धशतक जमाते हुए 76 रन बनाए। इसके बाद मेलबर्न टेस्ट की दूसरी पारी में जब एक और से विकेट गिर रहे थे तो मयंक ने एक छोर को मजबूती से थामे रखा और अंगद की तरह विकेट पर जमे रहे। दूसरी पारी में उन्होंने 44 रन बनाए। मयंक ने टीम इंडिया की ओपनिंग की समस्या हल की। राहुल और मुरली के निराशाजनक प्रदर्शन करने के बाद मयंक ने टीम इंडिया को मेलबर्न में जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई।