अपनी बल्लेबाजी से आलोचकों को करारा जवाब दिया 'विहारी' ने, द्रविड़ व गांगुली की बराबरी की
हनुमा विहारी ने पहली पारी में इंग्लैंड के खिलाफ 56 रन की अहम पारी खेली।
नई दिल्ली, जेएनएन। भारतीय टेस्ट टीम में पांचवें टेस्ट मैच के लिए जब इंग्लैंड के खिलाफ ऑलराउंडर हनुमा विहारी को शामिल किया गया तो टीम मैनेजमेंट के इस फैसले ने सबको हैरत में डाल दिया। विहारी को टीम में ऑलराउंडर हार्दिक पांड्या की जगह शामिल किया गया था। उनके टीम में शामिल होने पर कुछ पूर्व खिलाड़ियों ने सवाल भी उठाए और इसकी आलोचना भी की लेकिन विहारी ने अपने प्रदर्शन से सबको चुप करा दिया साथ ही उन्होंने सौरव गांगुली और राहुल द्रवि़ड़ की भी बराबरी की।
अपने डेब्यू टेस्ट में अर्धशतक लगाया विहारी ने
हनुमा विहारी ने इंग्लैंड के खिलाफ अपने डेब्यू टेस्ट मैच की पहली पारी में ही अर्धशतक लगाया। वो ऐसा करने वाले यानी इंग्लैंड में अपने डेब्यू टेस्ट मैच की पहली पारी में शतक लगाने वाले चौथे भारतीय खिलाड़ी बन गए। उन्होंने 124 गेंदों का सामना करते हुए 56 रन की पारी खेली। अपनी पारी में विहारी ने सात चौके और एक छक्के लगाए। उन्होंने पहली पारी में पांचवें विकेट के लिए कप्तान विराट के साथ 51 रन और सातवें विकेट के लिए रवींद्र जडेजा के साथ 77 रन की अहम साझेदारी की।
गांगुली व द्रविड़ जैसे खिलाड़ियों के क्लब में हुए शामिल
टेस्ट क्रिकेट में इंग्लैंड की धरती पर अपने डेब्यू इनिंग में अर्धशतक लगाने वाले विहारी चौथे खिलाड़ी बने। इससे पहले इंग्लैंड की धरती पर अपने टेस्ट की डेब्यू पारी में अर्धशतक लगाने वाले पहले भारतीय खिलाड़ी रूसी मोदी थे। उन्होंने वर्ष 1946 में लॉर्ड्स में अपने डेब्यू टेस्ट की पहली पारी में ही 57 रन बनाए थे। इसके बाद वर्ष 1996 यानी 50 वर्ष के बाद राहुल द्रविड़ व सौरव गांगुली ने अपने डेब्यू टेस्ट मैच की पहली पारी में अर्धशतक लगाए थे। उस मैच में द्रविड़ ने 95 रन जबकि सौरव गांगुली ने 131 रन की पारी खेली थी। विहारी भारत की तरफ से डेब्यू इनिंग में 50 से ज्यादा रन बनाने वाले 26 वें खिलाड़ी बने। उनसे ठीक पहले ये कमाल हार्दिक पांड्या ने किया था। पांड्या ने वर्ष 2017 में श्रीलंका के खिलाफ गॉल टेस्ट मैच में ये कमाल किया था।
हनुमा का औसत दुनिया में सबसे बेहतर
हनुमा के नाम तिहरा शतक है। वर्तमान क्रिकेटरों में उनका औसत दुनिया में सबसे बेहतर है। वह 59.45 के औसत से शीर्ष पर हैं। स्टीव स्मिथ इस मामले में दूसरे नंबर पर हैं। इससे समझ आता है कि विहारी ने किस निरंतरता के साथ रन बनाए हैं। इस साल जून में उन्हें भारत-ए के इंग्लैंड दौरे के लिए सीमित ओवरों और चार दिन के मैचों की टीम में चुना गया था। वहां त्रिकोणीय सीरीज में वह 253 रन बनाने में कामयाब हुए। कुछ समय पहले दक्षिण अफ्रीका-ए के खिलाफ बेंगलुरु में खेले गए प्रथम श्रेणी मैच में उन्होंने 148 रन बनाए थे। पिछली पांच प्रथम श्रेणी पारियों में उनका एक शतक और दो अर्धशतक हैं। विहारी ने रणजी सत्र के छह मैचों में 94 के औसत से 752 रन बनाए। इसमें करियर की सर्वश्रेष्ठ नाबाद 302 रनों की पारी शामिल है, जो उन्होंने ओडिशा के खिलाफ खेली थी।
रणजी ट्रॉफी में बनाए थे सबसे ज्यादा रन
हनुमा विहारी के रिकॉर्ड पर ध्यान दें तो वर्ष 2017-18 में वह रणजी ट्रॉफी में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी बने थे। वह सनराइजर्स हैदराबाद की तरफ से 2013 और 2015 में आइपीएल में खेल चुके हैं। वह भारत-ए टीम का हिस्सा रहे हैं और आठ पारियों में 667 रन बनाए, जिसमें एक तिहरा शतक भी शामिल है। हनुमा ने 63 प्रथम श्रेणी मैच और 65 टी-20 मैच खेले हैं। उन्होंने प्रथम श्रेणी क्रिकेट में 15 शतक और 25 अर्धशतकों की मदद से 5000 से ज्यादा रन बनाए हैं। उन्होंने प्रथम श्रेणी क्रिकेट में 19 और टी-20 में 21 विकेट लिए हैं। वह भारतीय क्रिकेट टीम में 19 साल बाद खेलने वाले आंध्र प्रदेश के खिलाड़ी भी बन गए। उनसे पहले इस वक्त चयन समिति के अध्यक्ष एमएसके प्रसाद आंध्र प्रदेश से टीम इंडिया का हिस्सा थे, लेकिन इस बात को 19 साल बीत चुके हैं। उसके बाद आंध्र प्रदेश का कोई भी खिलाड़ी भारतीय टेस्ट टीम में नहीं रहा।