जब भी 2007 टी20 विश्व कप और 2011विश्व कप फाइनल की बात होगी, याद आएंगे गंभीर
गंभीर ने 2007 टी20 और 2011 विश्व कप फाइनल में भारत की तरफ से सबसे ज्यादा रन बनाए थे।
नई दिल्ली, जेएनएन। किसी भी खेल में कोई भी खिलाड़ी आता है देश के लिए खेलता है और एक दिन अपने फैंस को अलविदा कह जाता है। उस खिलाड़ी के जाने के बाद याद रह जाती है उनकी कुछ ऐसी यादें जिसकी वजह से देश को गौरव के पल मिले होते हैं। भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व ओपनर बल्लेबाज गंभीर ने क्रिकेट को अलविदा जरूर कह दिया लेकिन जब-जब टी 20 विश्व कप 2007 और 2011 विश्व कप फाइनल की बात होगी वो जरूर याद किए जाएंगे।
टी 20 विश्व कप 2007 के फाइनल में पाकिस्तान के खिलाफ गंभीर ने खेली सबसे बड़ी पारी
धौनी की कप्तानी में भारत ने पहली बार टी 20 विश्व कप का खिताब पाकिस्तान को हराकर जीता। ये देश के लिए गौरव का पल था। इस विश्व कप में पाकिस्तान के खिलाफ फाइनल मुुकाबले में गंभीर की पारी को शायद ही भूला जा सकता है। इस मैच में गंभीर ने भारतीय टीम की तरफ से सबसे ज्यादा 75 रन बनाए थे। गंभीर की इस शानदार पारी के दम पर टीम इंडिया ने पाकिस्तान के खिलाफ 20 ओवर में पांच विकेट पर 157 रन बनाए थे। गंभीर ने ये पारी सिर्फ 54 गेंदों पर आठ चौके और दो छक्कों की मदद से खेले थे। इस मैच में पाकिस्तान की टीम 19.3 ओवर में 152 रन पर ऑल आउट हो गई और भारतीय टीम ने खिताब जीता था।
आइसीसी विश्व कप 2011 फाइनल में गंभीर की वो पारी
आइसीसी विश्व कप 2011 का खिताब भारत ने धौनी की कप्तानी में जीता और इस मैच में भी अपनी टीम को जीत दिलाने में गौतम गंभीर ने बड़ी भूमिका अदा की थी। फाइनल मैच में श्रीलंका ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 50 ओवर में 6 विकेट पर 274 रन बनाए थे। भारत को जीत के लिए 275 रन का लक्ष्य मिला था। भारतीय टीम की शुरुआत फाइनल मैच में काफी खराब रही और टीम के ओपनर बल्लेबाज सहवाग (0) और तेंदुलकर (18) जल्दी आउट हो कर पवेलियन लौट गए। इनके आउट होने के बाद तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी के लिए आए गंभीर ने एक छोर पर टिककर बल्लेबाजी करते हुए 97 रन बनाए और टीम को जीत की राह पर ले गए। फिर बार में धौनी ने नाबाद 91 और युवी ने नाबाद 21 रन की पारी खेलते हुए टीम को जीत दिला दी। इस फाइनल मैच की सबसे खास बात ये रही कि गंभीर ने एक छोर से भारतीय बल्लेबाजी को पूरी तरह से संभाला था और जीत का रास्ता तैयार कर दिया था।