नए नियमों के साथ पहली बार खेला जाएगा चार दिवसीय डे-नाइट टेस्ट
द. अफ्रीका व जिम्बाव्बे के बीच पहला चार दिवसीय डे-नाइट टेस्ट मैच खेला जाएगा।
पोर्ट एलिजाबेथ। दक्षिण अफ्रीका और जिंबाब्वे के बीच मंगलवार से शुरू होने वाला एकमात्र डे-नाइट टेस्ट मैच प्रयोग के तौर पर नए नियमों के तहत खेला जाएगा। चार दिवसीय टेस्ट मैच होने की वजह से इसके लिए मानक और नियम काफी अलग होंगे।
साढ़े छह घंटे का खेल : मैच चार दिन का होगा, जिसमें हर दिन साढ़े छह घंटे का खेल होगा, जबकि पांच दिन के मैचों में खेल छह घंटे का होता है। इसमें 90 के बजाय प्रतिदिन 98 ओवर किए जाएंगे। पांच दिनी मैचों की तरह इसमें भी ओवर पूरे करने के लिए आधा घंटा जोड़ा जा सकता है।
दो सत्र सवा दो घंटे के : पहले दोनों सत्र दो घंटे के बजाय सवा दो घंटे के होंगे। पहले सत्र के बाद लंच ब्रेक के बजाय 20 मिनट का चाय का अंतराल होगा। दूसरे सत्र के बाद 40 मिनट का डिनर ब्रेक होगा। इसमें किसी दिन समय बर्बाद होने के कारण अगले दिन जल्दी मैच करवाने या इस वजह से अधिक ओवर करने का प्रावधान नहीं है।
150 रन की बढ़त पर फॉलोऑन : पांच दिनी मैचों में फॉलोऑन 200 रन की बढ़त पर दिया जाता है, लेकिन इसमें 150 रन की बढ़त पर फॉलोऑन दिया जा सकता है। प्रत्येक दिन खेल स्थानीय समयानुसार दोपहर एक बजकर 30 मिनट पर शुरू होगा।
1972-73 के बाद चार दिन का टेस्ट : यह 1972-73 के बाद पहला टेस्ट मैच होगा, जिसके लिए चार दिन का कार्यक्रम तय किया गया है। उससे पहले तक टेस्ट मैच तीन से छह दिनों तक खेले जाते थे। कुछ टेस्ट मैच में तो समय की कोई पाबंदी नहीं होती थी और उन्हें 'टाइमलेस' टेस्ट कहा जाता था। आखिरी टाइमलेस टेस्ट दक्षिण अफ्रीका और इंग्लैंड के बीच डरबन में 1938-39 में खेला गया था। दिलचस्प बात यह है कि यह मैच दस दिन (इनमें से एक दिन बारिश के कारण खेल नहीं हो पाया था) तक चला और फिर भी ड्रॉ रहा, क्योंकि इंग्लैंड की टीम को स्वदेश लौटने के लिए जहाज पकडऩा था।
आठवां डे-नाइट टेस्ट मैच : दक्षिण अफ्रीका- जिंबाब्वे मैच आठवां डे-नाइट टेस्ट मैच होगा। यह दक्षिण अफ्रीका में खेला जाने वाला इस तरह का पहला मैच होगा। पिछले सात डे-नाइट टेस्ट मैच टेस्ट मैचों में से चार ऑस्ट्रेलिया में खेले गए हैं।