11 सालों बाद दिल्ली में इन 5 वजहों से हारी टीम इंडिया
दूसरे वनडे में न्यूजीलैंड के सामने भारत की अंतिम ओवर में छह रनों से हार की पांच प्रमुख वजहें ये हैं-
नई दिल्ली, भारत सिंह। भारत और न्यूजीलैंड के बीच दूसरे वनडे में कीवी टीम ने आखिरी ओवर में छह रनों के अंतर से जीत दर्ज कर सीरीज में 1-1 से बराबरी कर ली है। इस रोमांचक मैच में मेहमान खिलाड़ियों ने अंत तक जुझारूपन दिखाया और दिल्ली के फिरोजशाह कोटला मैदान में 11 साल बाद भारत को कोई हार मिली।
शुरुआत से बात करें तो विलियमसन और लाथम की शतकीय पारी की बदौलत मैच पहले न्यूजीलैंड की पकड़ में था। बाद में जसप्रीत बुमराह और अमित मिश्रा की गेंदबाजी से इसमें भारत ने पकड़ बनाई। भारतीय बल्लेबाजी के दौरान भी मैच कभी इधर तो कभी उधर झुकता रहा। एकबारगी आसान नजर आ रही जीत भारत से कैसे छिन गई, जानिए इसकी पांच बड़ी वजहें-
विलियमसन-लाथम की शतकीय साझेदारी
पहला विकेट जीरो पर गंवाने के बावजूद कीवी टीम की जीत की शुरुआत इन दोनों खिलाड़ियों के बीच 122 रन की साझेदारी से हो चुकी थी। विलियमसन ने भारत में अपना पहला और कुल आठवां वनडे शतक बनाया। लाथम ने 46 रनों का योगदान दिया। कीवी टीम के 242 रनों में से 146 रन अकेले इन दोनों खिलाड़ियों ने बनाए।
टिम साउदी का जबरस्त कैच
भारत ने 72 रनों पर चार विकेट गंवा दिए थे। धौनी और जाधव ने विकेट पर जमने की रणनीति बनाई। जाधव तेज खेलकर रन रेट को गति देने का काम कर रहे थे। 20 ओवरों में भारत ने 109 रन बना लिए थे और धौनी क्रीज पर थे। यहां से भारत की जीत संभव लग रही थी। जाधव के आउट होने के बाद भी धौनी क्रीज पर थे, पर साउदी ने अपनी ही गेंद पर एक हाथ से उनका बेहतरीन कैच पकड़ कर भारत की जीत की उम्मीदों को लगभग खत्म कर दिया।
गप्टिल का गेंदबाजी में कमाल
गप्टिल अपनी टीम के लिए बल्लेबाजी में कुछ नहीं कर सके तो उन्होंने इसकी कसर गेंदबाजी में पूरी कर दी। उन्होंने एक ही ओवर में अक्षर पटेल और अमित मिश्रा को आउट कर भारतीय बल्लेबाजी को करारा झटका दिया। गप्टिल ने केवल एक ओवर कराया और 41वें ओवर के बाद भारत का स्कोर 184 रन पर आठ विकेट हो गया था। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि उन्होने भारत की हार में क्या भूमिका निभाई।
विलियमसन की कप्तानी धौनी से बेहतर
इस मैच में विलियमसन ने धौनी से बेहतर कप्तानी दिखाई। पहले उन्होंने अपनी बल्लेबाजी से टीम को सुरक्षित लक्ष्य तक पहुंचाया। विलियमसन ने इस दौरे का अपना और भारतीय जमीन पर भी पहला शतक बनाया। मुश्किल परिस्थितियों में से टीम को निकालने के बाद उन्होंने यही नेतृत्व क्षमता टीम की गेंदबाजी के दौरान दिखाई। गप्टिल से गेंदबाजी कराने का फैसला यही था। गप्टिल ने एक ओवर में छह रन देकर दो विकेट लिए। विलिमयसन दूसरे वनडे में 'मैन ऑफ द मैच' भी रहे।
भारतीय बल्लेबाजी का फेल होना
कागजों पर कीवी टीम से बेहतर नजर आ रही भारतीय बल्लेबाजी 243 रनों के लक्ष्य के सामने ही ढेर हो गई। रोहित शर्मा हाथ में चोट लगने की वजह से दर्द में दिखे और 15 रन ही बना सके। पिछले मैच के हीरो कोहली भी 9 रनों पर चलते बने। काफी समय विकेट पर बिताने के बाद रहाणे से जब तेजी दिखाने की उम्मीद थी तो आउट हो गए। यही हाल धौनी का भी रहा। भारत की ओर से सबसे ज्यादा 41 रन केदार जाधव ने बनाए। केवल जाधव और हार्दिक पांड्या ही 100 से ऊपर स्ट्राइक रेट बनाए रख सके।