EXCLUSIVE INTERVIEW: विराट कोहली के कप्तानी छोड़ने से आश्चर्य नहीं हुआ : केविन पीटरसन
केविन पीटरसन ने दैनिक जागरण से कहा कोहली जैसे खिलाड़ियों के लिए मौजूदा हालात में अपनी क्षमता के अनुरूप प्रदर्शन करना कठिन है। मैं इसलिए कोहली के फैसले से चौंका नहीं कि वह अतिरिक्त दबाव से ब्रेक लेना चाहते हैं। बबल में खेलना वाकई कठिन है।
इंग्लैंड के पूर्व कप्तान केविन पीटरसन इन दिनों ओमान के मस्कट में जारी लीजेंड्स लीग क्रिकेट (एलएलसी) में वर्ल्ड जायंट्स की टीम से खेल रहे हैं, लेकिन उनकी नजर भारतीय क्रिकेट पर भी बनी हुई है। वह भारत को शानदार टीम मानते हैं और विराट कोहली के टेस्ट कप्तानी छोड़ने के फैसले ने उन्हें बिलकुल भी नहीं चौंकाया है। साथ ही उनका कहना है कि रोहित शर्मा टेस्ट कप्तान बनने की दौड़ में हैं, जबकि रिषभ पंत को भविष्य में कप्तानी का मौका मिल सकता है। मस्कट में एलएलसी के दौरान अभिषेक त्रिपाठी ने केविन पीटरसन से खास बातचीत की। पेश हैं प्रमुख अंश :-
-भारत क्रिकेट का पावरहाउस है और उस टीम में अचानक बदलाव हुए हैं जहां विराट कोहली ने कप्तानी छोड़ दी है। आप इसे कैसे देखते हैं?
- भारत शानदार टीम है। मुझे लगता है कि सभी अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों को आंकना मुश्किल है। सभी प्रीमियर लीग फुटबाल खिलाड़ी, दुनिया भर के सभी खिलाड़ी महामारी के बीच खेल रहे हैं। विराट कोहली चल रहे हैं क्योंकि वह एक एंटरटेनर हैं, इसलिए जो लोग आधुनिक समय के खिलाड़ी की आलोचना करते हैं, मुझे लगता है कि वे मूर्ख हैं क्योंकि बायो-बबल के तहत खेलना मुश्किल है। मैं कमेंट्री के लिए बायो-बबल में रहा हूं और यह बहुत कठिन है। इसमें अविश्सनीय दबाव होता है। कल्पना कीजिए कि खिलाड़ियों के लिए क्या चल रहा है। मैं अपने नजरिये से देखता हूं कि मुझसे कहा जाए कि मैं अगले दो साल तक बिना दर्शकों के क्रिकेट खेलूं। एक बल्लेबाज की दृष्टि से मेरे लिए यह आसान नहीं होगा। मुझे दर्शकों से ऊर्जा मिलती है। बहुत सारे खिलाड़ी हैं, चाहे वह क्रिकेट हो, फुटबाल हो, रग्बी हो या टेनिस सभी लोगों ने पिछले दो वर्षो में बहुत सहा है। इसे दुनिया में महान काम माना जाता है और यह दुनिया का सबसे बड़ा काम है, लेकिन जब आप उन्हें बायो-बबल में रहने को कहते हैं तो यह दुनिया का अच्छा काम नहीं है। इसमे कोई मजा नहीं है।
-आप भारतीय टीम को किस तरह देखते हैं, जहां फिलहाल नियमित कप्तान नहीं है?
-- मैं राहुल द्रविड़ को पसंद करता हूं, वह मेरे दोस्त हैं। मैं उन्हें कोच के रूप में काम करते हुए देखकर उत्साहित हूं कि वह किस तरह खिलाडि़यों को आगे ला रहे हैं।
-आपको क्या लगता है लोकेश राहुल और रोहित शर्मा में से कौन बेहतर कप्तान हो सकता है?
-- मैं रोहित और राहुल दोनों को पसंद करता हूं। आपके पास चयन के लिए मुश्किल दावेदार हैं। रिषभ पंत फिलहाल नहीं। हालांकि, भविष्य में किसी दिन वह इस दौड़ में शामिल हो सकते हैं, लेकिन अभी नहीं। भारत के पास रोहित और राहुल जैसे खिलाड़ी मौजूद हैं। रोहित शानदार खिलाड़ी हैं और मुंबई इंडियंस के लिए उन्होंने बेहतरीन कप्तानी की है।
-आपको आश्चर्य लगा जब कोहली ने टेस्ट कप्तानी भी छोड़ दी?
-- कोहली जैसे खिलाड़ियों के लिए मौजूदा हालात में अपनी क्षमता के अनुरूप प्रदर्शन करना कठिन है। मेरे क्रिकेट के अलावा अन्य खेलों में भी दोस्त हैं जो दुनिया में नंबर-1 हैं और वे भी कहते हैं कि पिछले दो वर्षो से जारी मौजूदा स्थिति में खेलना काफी मुश्किल है। मैं इसलिए कोहली के फैसले से चौंका नहीं कि वह अतिरिक्त दबाव से ब्रेक लेना चाहते हैं। बबल में खेलना वाकई कठिन है।
-इंग्लैंड के कुछ पूर्व खिलाड़ियों ने एशेज में टीम के निराशाजनक प्रदर्शन के लिए आइपीएल को दोष दिया। आप इसे किस तरह देखते हैं?
-- यह बेवकूफी है। आप इंग्लैंड में टेस्ट क्रिकेट में गिरावट के लिए आइपीएल को जिम्मेदार नहीं ठहरा सकते। यह काउंटी क्रिकेट प्रणाली है जो खराब है, इसलिए आइपीएल को दोष देना पागलपन है। आप टेस्ट टीम को देखें तो बेन स्टोक्स, जानी बेयरस्टो और जोस बटलर के अलावा कौन सा टेस्ट खिलाड़ी आइपीएल में खेल रहा है।
-मौका मिलने पर आप इंग्लैंड के बल्लेबाजी कोच बनना पसंद करेंगे?
-- मैं देखूंगा और शायद किसी दिन बन जाऊं।
-इंग्लैंड में ऐसा माहौल है कि खिलाड़ी ड्रिंक करते हैं। कैसी स्थिति थी जब आप खेलते थे?
-- मैं कभी बबल में नहीं खेला। यह काफी तनावपूर्ण है और आपको अकेलापन महसूस होता है। आप रेस्त्रा नहीं जा सकते और कुछ नहीं कर सकते। मुझे लगता है कि खिलाड़ी किसी तरह सामाजिक गतिविधि करने की कोशिश करते हैं। पिछले दो वर्षो में यह सभी के लिए बेहद चुनौतीपूर्ण स्थिति रही है।
-आप एलएलसी टूर्नामेंट को किस तरह देखते हैं?
--यह ऐसा विचार है जिसमें कई पूर्व खिलाड़ी दोबारा साथ में खेल रहे हैं। यह एक अनूठा टूर्नामेंट है। हम सभी काफी प्रतिस्पर्धी लोग हैं और जब आप ऐसे खिलाडि़यों को एक साथ लाते हैं यह काफी उत्साहित करने वाला होता है। आप दर्शकों को देखते हैं तो अच्छा लगता है। यह रोड सेफ्टी वर्ल्ड सीरीज की तरह ही है।
-कई खिलाड़ी 40 साल के ऊपर हैं, ऐसे में क्रिकेट के इतर बात करें तो खिलाड़ियों को इस खेल के दबाव से जूझना पड़ता है?
-- यह पहला संस्करण है और यह अचानक हुआ है इसलिए थोड़ा कठिन है लेकिन मेरे खयाल से इसका अगला संस्करण सितंबर में होना है। लोगों को तैयारियों के लिए मौका मिलेगा क्योंकि इन्हें छह महीने का वक्त मिलेगा और यह काफी मेजदार तो होगा ही साथी ही प्रतिस्पर्धी भी रहेगा।
-ओमान जैसा उभरता हुआ देश अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में खुद की छाप छोड़ने की कोशिश कर रहा है, इनके लिए यह कितना महत्वपूर्ण है?
--लोग यहां क्रिकेट देखने आ रहे हैं क्योंकि वे खिलाडि़यों को पहचानते हैं। लोग यहां इसका लुत्फ उठा रहे हैं।
-आपने हाल ही में एक ट्वीट किया जिसमें गैंडा को बचाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद किया। इस बारे में विस्तृत जानकारी दे सकते हैं?
-- मैंने एक छोटी डाक्यूमेंट्री देखी थी जिसमे देखा कि गैंडों की संख्या में इजाफा हो रहा है। यह ऐसा है जिस पर भारत के लोग ध्यान दे रहे हैं। अफ्रीका में गैंडों की संख्या घट रही है और भारत में बढ़ोत्तरी हो रही है जो मुझे पसंद आया।