जब वाजपेयी ने पाकिस्तान जाने से पहले टीम इंडिया से कहा, खेल ही नहीं दिल भी जीतिए
वाजपेयी का राजनीति और कविताओं से तो गहरा नाता था ही लेकिन क्रिकेट का भी उन्हें काफी शौक था।
नई दिल्ली, जेएनएन। भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का 93 में साल की उम्र में निधन हो गया। अटल जी लंबे समय से बीमार चल रहे थे। वाजपेयी को सांस लेने में परेशानी, यूरिन व किडनी में संक्रमण होने के कारण 11 जून को एम्स में भर्ती किया गया था। 15 अगस्त को उनकी तबीयत काफी बिगड़ गई थी, जिसके बाद उन्हें लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर रखा गया।
अटल बिहारी वाजपेयी का जन्म 25 दिसंबर, 1924 को ब्रह्ममूहुर्त में शिन्दे की छावनी वाले घर में हुआ था। वैसे उनके स्कूल के सर्टिफिकेट में जन्म की तिथि 25 दिसंबर 1926 लिखी है। यह दो वर्षों का अंतर उनके पिताजी ने इसलिए कराया था कि कम आयु लिखी जाएगी तो लड़का ज्यादा दिनों तक नौकरी कर सकेगा।
वाजपेयी का राजनीति और कविताओं से तो गहरा नाता था ही लेकिन क्रिकेट का भी उन्हें काफी शौक था। इसका सबसे बड़ा सबूत तब देखने को मिला जब कारगिल युद्ध और आतंक के साए में उन्होंने पाकिस्तान से रिश्ते बेहतर करने के लिए करीब 14 साल बाद भारतीय क्रिकेट टीम को पाकिस्तान के दौरे का समर्थन किया था। उस दौरान उस सीरीज को दोनों देशों के रिश्ते का टर्निंग पॉइंट माना गया।
अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने दोनों देशों के रिश्ते सुधारने के लिए क्रिकेट की मदद ली। साल 2004 में सौरव गांगुली की कप्तानी वाली टीम इंडिया 5 वनडे और 3 टेस्ट की सीरीज के लिए पाकिस्तान गई। दौरे से पहले उस समय के प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने पूरी टीम इंडिया से मुलाकात की।
उस मुलाकात में उन्होंने टीम इंडिया का हौंसला बढ़ाते हुए एक बल्ला टीम इंडिया को गिफ्ट किया। उस बैट पर उन्होंने शुभकामना देते हुए लिखा था कि खेल ही नहीं बल्कि दिल भी जीतिए, शुभकामनाएं।
उसके बाद कड़ी सुरक्षा के बीच टीम इंडिया पाकिस्तान रवाना हुई हालांकि उस समय भी इस दौरे का पूरे देश में विरोध हुआ था। लेकिन जब टीम इंडिया ने पाकिस्तान में जाकर जीत का तिरंगा फहराया तो सबका गुस्सा शांत हो गया।
उस समय टीम इंडिया में सचिन तेंदुलकर, वीरेंद्र सहवाग, सौरव गांगुली और राहुल द्रविड़ जैसे अनुभवी खिलाड़ियों के साथ इरफान पठान, बालाजी और कैफ जैसे युवा खिलाड़ी भी टीम का हिस्सा थे। भारत ने पहले वनडे सीरीज 3-2 से जीती और उसके बाद टेस्ट सीरीज पर 2-1 से कब्जा जमाया।
आपको याद होगा कि उसी दौरे की टेस्ट सीरीज में सहवाग ने 309 रन की पारी खेलते हुए इतिहास रचा था। वह भारत की तरफ से तिहरा शतक लगाने वाले पहले खिलाड़ी है।