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भारत के खिलाफ टेस्ट सीरीज में अंग्रेजों ने क्यों कर दिया आत्मसमर्पण, जानिए 5 कारण

Ind vs Eng भारत और इंग्लैंड के बीच चार मैचों की टेस्ट सीरीज आइसीसी वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के तहत खेली गई जिसमें मेजबान भारत ने 3-1 से जीत दर्ज की। इसी सीरीज के पहले मैच को छोड़ दें तो अंग्रेजों ने आत्मसमर्पण कर दिया था।

By Vikash GaurEdited By: Published: Sun, 07 Mar 2021 07:58 AM (IST)Updated: Sun, 07 Mar 2021 07:58 AM (IST)
इंग्लैंड ने टेस्ट सीरीज गंवा दी है (फोटो बीसीसीआइ)

अभिषेक त्रिपाठी, अहमदाबाद। Ind vs Eng: भारत ने जिस तरह ऑस्ट्रेलिया के घर में पहला टेस्ट मैच हारने के बाद वापसी की थी, वैसा ही प्रदर्शन उसने अपने घर में इंग्लैंड के खिलाफ किया। हालांकि, ऑस्ट्रेलिया में घरेलू टीम ने अच्छी टक्कर दी थी और वह सीरीज टेस्ट क्रिकेट के रोमांच को चरम तक पहुंचाने वाली रही, लेकिन यहां पर मेहमान इंग्लैंड ने आखिरी तीन मैचों में इतना खराब प्रदर्शन किया कि सीरीज एकतरफा हो गई। कुल मिलाकर भारत के सामने अंग्रेजों ने आत्मसमर्पण कर दिया।

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इंग्लैंड ने चार मैचों की सीरीज का पहला मुकाबला चेन्नई में 227 रनों से जीता था। इसके बाद विराट कोहली की टीम ने चेन्नई में ही दूसरा टेस्ट 317 रनों से, अहमदाबाद में तीसरा टेस्ट 10 विकेट से और चौथा टेस्ट पारी व 25 रनों से जीतकर 18-22 जून तक इंग्लैंड में न्यूजीलैंड के खिलाफ होने वाले पहले विश्व टेस्ट चैंपियनशिप (डब्ल्यूटीसी) फाइनल में ही जगह नहीं बनाई, बल्कि अपनी कप्तानी पर उठ रहे सवालों को भी शांत कर दिया। विराट कोहली की अनुपस्थिति में अजिंक्य रहाणे की कप्तानी में भारतीय टीम ने चोटिल टीम के सहारे 2-1 से सीरीज जीतकर डब्ल्यूटीसी के फाइनल में पहुंचने की जो उम्मीद जगाई थी उसे विराट की कप्तानी में टीम ने इंग्लैंड के खिलाफ पूरा कर लिया।

कमाल के स्पिनर

इस पूरी सीरीज में पिच पर भी सवाल उठाए गए, खासतौर पर गुलाबी गेंद से दो दिन में खत्म हुए डे-नाइट टेस्ट की पिच पर, लेकिन सीरीज खत्म होते-होते इंग्लिश बल्लेबाजों ने बता दिया कि गड़बड़ी पिच में नहीं, बल्कि उनके बल्ले में थी। उनका कोई बल्लेबाज भारतीय स्पिनरों के सामने टिकने की जहमत ही नहीं उठाना चाहता था। इसका अंदाजा आपको इस बात से लगेगा कि इंग्लैंड के कुल 80 विकेट में से 59 विकेट सिर्फ दो भारतीय स्पिनरों रविचंद्रन अश्विन (32 विकेट) और अक्षर पटेल ने (27 विकेट) ने लिए। वहीं इंग्लैंड के स्पिनर यहां पर अपनी छाप नहीं छोड़ सके, जिसका सीधा फायदा भारतीय टीम को मिला। भारतीय स्पिनरों का दबदबा इस बात से पता चलता है कि जब टीम इंडिया दूसरी पारी में गेंदबाजी करने उतरी तो इशांत शर्मा मैदान में ही नहीं आए। उन्हें दर्द था, लेकिन अश्विन और पटेल ने उनकी कमी खलने ही नहीं दी। यहां तक किसी ने इस बारे में सोचा तक नहीं।

अश्विन और अक्षर का जाल

अगर चौथे टेस्ट की बात करें तो रिषभ पंत की शतकीय पारी के बाद यह तो तय हो गया था कि भारतीय टीम आराम से यह मैच जीतने वाली है, लेकिन अश्विन और पटेल ने शनिवार को उसे और ज्यादा आसान कर दिया। भारत ने पहली पारी में पंत के शतक और वाशिंगटन सुंदर के नाबाद 96 रन की मदद से 365 रन बनाकर 160 रन की बढ़त ली थी। दूसरी पारी में इंग्लैंड की टीम 135 रन पर आउट हो गई। अक्षर ने 24 ओवर में 48 रन देकर पारी में पांच और मैच में नौ विकेट लिए, जबकि अश्विन ने 22.5 ओवर में 47 रन देकर पांच और मैच में कुल आठ विकेट लिए। मैन ऑफ द सीरीज अश्विन ने इस टूर्नामेंट में 32 विकेट लेने के साथ 189 रन भी बनाए।

फिर खराब बल्लेबाजी

पहली पारी में 205 रनों पर ऑलआउट होने वाली इंग्लिश टीम की दूसरी पारी सिर्फ 135 रनों पर खत्म हुई। कप्तान जो रूट (30) को छोड़कर कोई भी बल्लेबाज भारतीय गेंदबाजों का सामना नहीं कर सका। डॉम सिब्ले (03), जैक क्रॉले (5) और जॉनी बेयरस्टो (0) सहज नहीं दिखे, जबकि बेन स्टोक्स (2) गेंद की उछाल का अनुमान नहीं लगा सके और गलत स्वीप शॉट खेलकर आउट हुए। इंग्लैंड का आखिरी विकेट डैन लॉरेंस के रूप में गिरा जो 96 गेंद में छह चौकों की मदद से सर्वाधिक 50 रन बनाकर अश्विन की गेंद पर बोल्ड हुए।

रोटेशन पॉलिसी ने किया बंटाधार

इंग्लैंड की टीम ने टेस्ट सीरीज 3-1  से गंवाई है। हैरान करने वाली बात ये थी कि इंग्लैंड की टीम पहला टेस्ट मैच विशाल अंतर से जीता था। मेहमान टीम के हारने की वजह टीम मैनेजमेंट की रोटेशन पॉलिसी भी रही। यही वजह थी कि मोइन अली सिर्फ पहले दो टेस्ट मैचों के लिए उपलब्ध थे और पहले दो मैचों में उन्होंने गेंद और बल्ले से शानदार प्रदर्शन किया था और फिर स्वदेश रवाना हो गए थे। इसके अलावा टीम को ओपनिंग जोड़ी ने भी निराश किया, क्योंकि वे एक भी बार बड़ी साझेदारी नहीं कर पाए। 

शतक से चूके सुंदर

इससे पहले आठवें नंबर पर उतरकर बेहतरीन बल्लेबाजी का प्रदर्शन करने वाले वाशिंगटन सुंदर पहले टेस्ट शतक से चार रन से चूक गए। सुंदर ने 174 गेंद में नाबाद 96 रन बनाए। आखिरी तीन विकेट जल्दी गिरने से वह दूसरे छोर पर अकेले रह गए। भारत ने आखिरी तीन विकेट पांच गेंद के भीतर गंवा दिए। अंडर-19 टीम के पूर्व साथी रिषभ पंत की तरह सुंदर शतक की ओर बढ़ रहे थे। उन्होंने अक्षर पटेल के साथ आठवें विकेट के लिए 106 रन जोड़े। अक्षर ने 97 गेंद में 43 रन जोड़ लिए थे, लेकिन वह रनआउट हो गए। उसके बाद इशांत शर्मा और सिराज भी आउट हो गए। इसी सीरीज में दूसरी बार ऐसा था, जब वे अपना शतक नहीं पूरा कर पाए। 


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