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जब ब्रायन लारा ने बनाया टेस्ट क्रिकेट के इतिहास का सबसे बड़ा स्कोर, देखते रहे इंग्लैंड के खिलाड़ी

वेस्टइंडीज के दिग्गज बल्लेबाज ब्रायन लारा ने आज ही के दिन टेस्ट क्रिकेट के इतिहास का सबसे बड़ा स्कोर बनाया था और इंग्लैंड के खिलाड़ी देखते रह गए थे।

By Vikash GaurEdited By: Published: Sun, 12 Apr 2020 07:53 AM (IST)Updated: Sun, 12 Apr 2020 07:53 AM (IST)
जब ब्रायन लारा ने बनाया टेस्ट क्रिकेट के इतिहास का सबसे बड़ा स्कोर, देखते रहे इंग्लैंड के खिलाड़ी
जब ब्रायन लारा ने बनाया टेस्ट क्रिकेट के इतिहास का सबसे बड़ा स्कोर, देखते रहे इंग्लैंड के खिलाड़ी

नई दिल्ली, जेएनएन। 16 अप्रैल 1994 को वेस्टइंडीज के दिग्गज बल्लेबाज ब्रायन लारा ने इंग्लैंड के खिलाफ 375 रन बनाकर टेस्ट क्रिकेट की एक पारी में सबसे ज्यादा रन बनाने का रिकॉर्ड बनाया था। इसके लगभग 10 साल बाद 12 अप्रैल 2004 को लारा ने इसी टीम के खिलाफ 400 रन का जादुई आंकड़ा छूकर इतिहास रच दिया था। इससे कुछ महीनों पहले ही वर्ष 2003 में ऑस्ट्रेलिया के मैथ्यू हेडन ने 380 रन बनाकर उनका 375 रन का रिकॉर्ड धराशायी किया था। लारा का यह स्कोर आज भी टेस्ट क्रिकेट का सर्वश्रेष्ठ निजी स्कोर है।

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लारा की शानदार पारी

पहले बल्लेबाजी करते हुए वेस्टइंडीज ने पांच विकेट पर 751 रन का बड़ा स्कोर खड़ा किया था। लारा ने इस पारी में 582 गेंद का सामना करते हुए नाबाद 400 रन बनाए थे, जिसमें 43 चौके और चार छक्के शामिल थे। लारा के अलावा रामनरेश सरवन ने 90, रिडली जैकब्स ने नाबाद 107 रन की पारी खेली। वहीं क्रिस गेल ने भी 69 रन की अहम पारी खेली थी।

इंग्लैंड की टीम पहली पारी में 285 रन पर ऑलआउट हो गई। बावजूद इसके वेस्टइंडीज की टीम को जीत नहीं मिली थी, क्योंकि फॉलोऑन खेलने के बाद इंग्लैंड ने पांचवें दिन तक पांच विकेट पर 422 रन बनाए जिससे मैच ड्रॉ हो गया था। इस तरह कैरेबियाई टीम के दिग्गज खिलाड़ी ब्रायन लारा के 400 रन की ऐतिहासिक पारी का जश्न फीका रह गया था। 

नहीं बचा सके कप्तानी

वेस्टइंडीज की टीम पिछले तीन टेस्ट हार चुकी थी और लारा की टीम पर सूपड़ा साफ होने का खतरा था। लारा चौथे टेस्ट में अपनी टीम को जीत तो नहीं दिला सके, लेकिन इस टेस्ट को ड्रॉ कराकर सूपड़ा साफ होने से बचा लिया। हालांकि इसके बाद भी उन्हें अपनी कप्तानी गंवानी पड़ी थी। लारा की टेस्ट की कप्तानी उतनी अच्छी नहीं रही थी, क्योंकि उन्होंने 47 मैच खेले थे, जिनमें से सिर्फ 10 मैच जीते थे, जबकि 26 मैचों में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। वहीं, 11 मैच ड्रॉ रहे थे। 


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