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लारा ने खोले क्रिकेट के शर्मिंदा करने वाले कई गंदे राज, रह जाएंगे हैरान

लारा ने खोल दिए विश्व क्रिकेट के कई राज...

By Bharat SinghEdited By: Published: Wed, 06 Sep 2017 12:06 PM (IST)Updated: Wed, 06 Sep 2017 03:57 PM (IST)
लारा ने खोले क्रिकेट के शर्मिंदा करने वाले कई गंदे राज, रह जाएंगे हैरान
लारा ने खोले क्रिकेट के शर्मिंदा करने वाले कई गंदे राज, रह जाएंगे हैरान

नई दिल्ली, जेएनएन। वेस्टइंडीज के पूर्व कप्तान और महान बल्लेबाज ब्रायन लारा ने अपने देश की विश्व विजयी टीम के बेईमानी के बारे में खुलकर दुनिया को बताया है। क्रिकेट की दुनिया में ऑस्ट्रेलिया का राज आने से पहले वेस्टइंडीज की टीम का राज था और उसके पास दुनिया के सबसे खतरनाक बल्लेबाज और गेंदबाजों की पूरी फौज थी। 

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इन्हीं के दम पर वेस्टइंडीज ने करीब डेढ़ दशक तक कोई भी टेस्ट सीरीज नहीं हारी थी। हालांकि, जब दुनिया की दूसरी टीमें इस टीम को टक्कर देने लगी तो वेस्टइंडीज के कई महान खिलाड़ियों ने मैदान पर बेईमानी भी की। लारा ने ऐसी ही कुछ घटनाओं के बारे में दुनिया को बताया है।

लारा ने कहा है कि उनकी टीम 90 के दशक में विश्व क्रिकेट में अपनी बादशाहत के बावजूद खेल भावना से नहीं खेलती थी। लारा ने यह बात लॉर्ड्स में एमसीसी स्प्रिट ऑफ क्रिकेट लेक्चर के दौरान कही। लारा ने इस दौरान शीर्ष टीमों से खेल की अखंडता को बनाए रखने की अपील की है। 

क्रिकइन्फो ने लारा के हवाले से लिखा, 'विश्व की शीर्ष टीम पर पर खेल की अखंडता को बनाए रखने की जिम्मेदारी होती है। वे जब भी मैदान पर उतरते हैं तो खेल भावना को बनाए रखने की जिम्मेदारी हमेशा से उनकी प्राथमिकता होती है।'

नहीं दिखाई थी खेल भावना

लारा का मानना है कि 1980 और 1990 में वेस्टइंडीज के बेहतरीन रिकॉर्ड के बाद भी कई ऐसे मौके थे जब टीम ने अपनी रणनीतियों को लागू किया तो परिणाम उनके हित में नहीं आए। लारा ने 1989 में न्यूजीलैंड के खिलाफ खेली गई टेस्ट सीरीज का उदाहरण देते हुए कहा कि जब कोलिन क्रॉफ्ट से बहस के बाद माइकल होल्डिंग ने अंपायर को कंधा मार दिया था। उन्होंने कहा, 'मैं उस समय पैदा हुआ था जब वेस्टइंडीज का विश्व क्रिकेट में दबदबा था। 1980 से 15 साल तक वेस्ट इंडीज ने कभी टेस्ट सीरीज नहीं हारी थी। इसके बाद न्यूजीलैंड के साथ सीरीज में कोलिन क्रॉफ्ट ने अंपायर फ्रेड गुडाल को इतनी जोर से कंधा मारा मानो वह उनका कंधा ही उखाड़ देना चाहते हों। इसके अलावा एक बार माइकल होल्डिंग शायद यह भूल गए थे कि वह क्रिकेटर नहीं, फुटबॉलर हैं। उन्होंने गुस्से में स्टंप्स को ही किक मार दी। इन घटनाओं का उस समय विश्व क्रिकेट पर काफी बुरा असर पड़ा था।'

पाकिस्तान दौरे पर अंपायरों की बेईमानी

लारा बताते हैं कि जब वेस्टइंडीज की टीम को एक के बाद एक जीत की आदत पड़ी थी तो उन्हें अपनी इस टीम पर गर्व नहीं हो रहा था। उन्होंने इसकी वजह बताई है कि 1988 में पाकिस्तान दौरे पर अंपायरों के गलत फैसलों की मदद से वेस्टइंडीज टीम जीत हासिल कर रही थी। उन्होंने कहा कि इमरान खान ने शानदार गेंद पर विव रिचर्ड्स को एलबीडब्ल्यू आउट कर दिया था। इसके अलावा एक बार अब्दुल कादिर की गेंद पर जेफ्री डुजॉन कैच आउट हो गए थे, लेकिन यह अंपायरों की मेहरबानी थी कि वे दोनों खेलते रहे। इस तरह से विंडीज टीम की जीत कई बार अंपायरों की बेईमानी का नतीजा भी रही।

इंग्लैंड के दौरे पर को हो गई थी इंतहा

लारा बताते हैं कि वेस्टइंडीज और इंग्लैंड के बीच 1990 में हुई टेस्ट सीरीज में भी कई ऐसे उदाहरण आए थे, जिनसे वह काफी परेशान हो गए थे। उन्होंने कहा कि उनके क्रिकेट के हीरो इस तरह का खेल दिखाते थे जो उनके लिए दुनिया की सबसे बुरी चीज थी। लारा बताते हैं कि सब कह रहे थे कि इंग्लैंड की जीत की कोई उम्मीद नहीं है। लेकिन उन्होंने जमैका टेस्ट जीत लिया था। इसके बाद त्रिनिदाद में बारिश के बाद उनके पास जीतने का बेहतरीन मौका था। उन्हें काफी छोटा लक्ष्य हासिल करना था। मैच अधिकारी और ग्राउंड्समेन जानबूझकर मैच शुरू नहीं कर रहे थे। अगर उन्हें मैदान पर कहीं भी पानी पड़ा दिख जाता तो वह फिर से मैच में देर करते थे। इसके बावजूद जब खेल शुरू हुआ तो इंग्लैंड के पास जीत का मौका था। लेकिन विंडीज, टीम ने एक घंटे में केवल सात ओवर किए। फिर अंधेरा हो गया था और हारकर इंग्लिश कप्तान ग्राहम गूच को अपने खिलाड़ियों को मैदान से बाहर बुलाना पड़ा। इस तरह विंडीज ने मैच ड्रॉ करा लिया। 

इंग्लैंड के साथ ही लारा का उठा खेल से भरोसा

लारा ने बताया, 'मैं त्रिनिदाद टेस्ट मैच में 12वां खिलाड़ी था। मुझे इस तरह का खेल देखकर बहुत बुरा लग रहा था। इसके बाद बारबडोस में दोनों टीमों के बीच एक और जबरदस्त मैच हुआ। रॉब बैली अच्छी बल्लेबाजी कर रहे थे और मैच ड्रॉ की ओर बढ़ रहा था। उन्होंने लेग साइड की ओर गेंद फ्लिक की और जेफ्री डुजॉन ने डाइव लगाई। इसके बाद पहली स्लिप का खिलाड़ी अंपायर के पास दौड़कर पहुंचा और उसने अपील की। मैं उस खिलाड़ी का नाम नहीं लूंगा। अंपायर को इस कैच पर भरोसा नहीं था कि यह कैच है, लेकिन वह खिलाड़ी लगातार अपील करता ही गया और करता ही रहा। आखिरकार अंपायर ने अपनी अंगुली खड़ी कर दी और खिलाड़ी को आउट करार दिया गया। बैली आउट हो गए, जो कि असल में आउट ही नहीं थे। इस घटना के बाद इंग्लैंड का भरोसा क्रिकेट से उठ ही गया था। उन्हें इस टेस्ट में और फिर एंटीगा में हार झेलनी पड़ी थी और इंग्लैंड 2-1 से टेस्ट सीरीज हार गया।'

इसलिए पतन हुआ वेस्टइंडीज की टीम का

लारा ने इसके बाद बड़ी अहम बात कही। उन्होंने कहा कि आने वाले सालों में वेस्टइंडीज के पतन की वजह भी यही बेईमानी बनी। उन्होंने कहा कि इंग्लैंड और पाकिस्तान के खिलाफ सीरीज में बेईमानी से जीत हासिल करने के बाद वेस्टइंडीज को अपनी गलतियों पर काम करने, उसमें सुधार करने का मौका नहीं मिल सका। सब जीत की खुमारी में ही डूबे रहे। लारा ने कहा कि लोग कहते हैं कि 1995 में हार के बाद से वेस्टइंडीज का बुरा समय शुरू हुआ, लेकिन उनकी टीम का बुरा समय तब शुरू हो गया था जब उनके देश के महान खिलाड़ी इस तरह का खेल दिखा रहे थे। इसके बाद लारा ने हाल ही में लीड्स टेस्ट में इंग्लैंड की मजबूत टीम को हराने वाली वेस्टइंडीज की टीम की जमकर तारीफ की। 

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