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इस खिलाड़ी के आगे झूक सकता है बीसीसीआइ, करना पड़ सकता है करोड़ों का भुगतान

मालूम हो कि फिक्सिंग में फंसने के बाद बीसीसीआइ ने 2000 में अजहर पर प्रतिबंध लगा दिया था। इस फैसले के खिलाफ अजहर हैदराबाद हाईकोर्ट गए थे जहां सुबूतों के अभाव में उन्हें बरी कर दिया गया था।

By Pradeep SehgalEdited By: Published: Wed, 09 Aug 2017 01:36 PM (IST)Updated: Wed, 09 Aug 2017 01:36 PM (IST)
इस खिलाड़ी के आगे झूक सकता है बीसीसीआइ, करना पड़ सकता है करोड़ों का भुगतान
इस खिलाड़ी के आगे झूक सकता है बीसीसीआइ, करना पड़ सकता है करोड़ों का भुगतान

नई दिल्ली, अभिषेक त्रिपाठी भारतीय टीम के पूर्व कप्तान मुहम्मद अजहरुद्दीन को एकमुश्त अनुग्रह राशि और पेंशन देने का रास्ता खुलता नजर आ रहा है, क्योंकि बीसीसीआइ के कानूनी सलाहकारों ने अपना फैसला पूर्व कप्तान के पक्ष में दिया है।

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अजहर ने बीसीसीआइ के कार्यवाहक अध्यक्ष सीके खन्ना, कार्यवाहक सचिव अमिताभ चौधरी और सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त प्रशासकों की समिति (सीओए) के प्रमुख विनोद राय को मेल करके बीसीसीआइ से पूर्व क्रिकेटरों को मिलने वाली एकमुश्त अनुग्रह राशि और पेंशन को देने का आग्रह किया था। इसके बाद बीसीसीआइ ने इस पर कानूनी सलाह ली थी जो पूर्व कप्तान के पक्ष में गई है।

जब इस मामले में कार्यवाहक अध्यक्ष सीके खन्ना से पूछा गया तो उन्होंने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि हमने कानूनी सलाह ली थी और मैं इतना ही कह सकता हूं कि यह अजहर के पक्ष में है। हालांकि उन्होंने साफ किया कि इस पर कोई भी फैसला बुधवार को सीओए के साथ होने वाली बैठक में ही लिया जाएगा। मालूम हो कि दैनिक जागरण ने ही सबसे पहले बताया था कि बुधवार को सीओए और बीसीसीआइ पदाधिकारियों के बीच होने वाली बैठक में अजहर पर भी मंथन होगा। यही नहीं इसमें भारत के ओलंपिक में भाग लेने पर भी चर्चा होगी।

मालूम हो कि फिक्सिंग में फंसने के बाद बीसीसीआइ ने 2000 में अजहर पर प्रतिबंध लगा दिया था। इस फैसले के खिलाफ अजहर हैदराबाद हाईकोर्ट गए थे जहां सुबूतों के अभाव में उन्हें बरी कर दिया गया था। अजहर ने अपनी मेल में बीसीसीआइ पदाधिकारियों और राय से यही कहा है कि जब कोर्ट उन्हें बरी कर चुका है और बीसीसीआइ इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट नहीं गया है तो फिर उन्हें भुगतान किया जाना चाहिए।

बीसीसीआइ के अधिकारी ने कहा कि हम पांच साल पहले सुप्रीम कोर्ट में अपील कर सकते थे, लेकिन हमने ऐसा नहीं किया। कानूनी सलाह इसीलिए अजहर के पक्ष में है। फिलहाल अजहर पर कोई प्रतिबंध नहीं है और वह बोर्ड के समारोहों में भाग ले रहे हैं। उन्होंने कानपुर में भारत के 500वें टेस्ट के कार्यक्रम में भाग लिया था। बेंगलुरु में हुए बोर्ड के वार्षिक पुरस्कार कार्यक्रम में उन्हें निमंत्रण दिया गया था। अजहर को 17 साल से पेंशन नहीं मिली और एकमुश्त अनुग्रह राशि भी रुकी हुई है।

हर्षा भोगले के नाम पर होगा हंगामा : सीओए और बीसीसीआइ पदाधिकारियों के बीच बुधवार को होने वाली बैठक में कमेंटेटर की लिस्ट पर मुहर लगनी है। बोर्ड के मुंबई स्थित मुख्यालय के सूत्रों के अनुसार इस लिस्ट में हर्षा भोगले का भी नाम है। शशांक मनोहर के अध्यक्ष रहते हुए हर्षा को बीसीसीआइ की कमेंटेटर लिस्ट से निकाल दिया गया था। उन्होंने कप्तान विराट कोहली के खिलाफ टिप्पणी की थी जिसके बाद नाराज कोहली ने बीसीसीआइ से उनकी शिकायत की थी। तब से हर्षा लिस्ट में नहीं हैं और यही कारण है कि वह भारत में होने वाले मैचों में कमेंट्री नहीं कर पा रहे हैं।

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