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अजहर ने लगाए थे 62 गेंदों पर ताबड़तोड़ शतक, पर भारतीय दर्शक नहीं देख पाए थे वो एतिहासिक मैच

Azhar hit century on just 62 balls against New Zealand अजहर ने न्यूजीलैंड के खिलाफ 62 गेंदों पर शतक लगाकर भारत को जीत दिलाई थी।

By Sanjay SavernEdited By: Published: Sat, 11 Apr 2020 07:44 PM (IST)Updated: Sat, 11 Apr 2020 07:45 PM (IST)
अजहर ने लगाए थे 62 गेंदों पर ताबड़तोड़ शतक, पर भारतीय दर्शक नहीं देख पाए थे वो एतिहासिक मैच
अजहर ने लगाए थे 62 गेंदों पर ताबड़तोड़ शतक, पर भारतीय दर्शक नहीं देख पाए थे वो एतिहासिक मैच

नई दिल्ली, प्रेट्र। भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन का क्रिकेट करियर काफी लंबा रहा और उन्होंने भारत के लिए कप्तानी भी की साथ ही खूब मैच भी खेले। पर अब उन्होंने कहा है कि इंटरनेशनल लेवल पर उन्होंने जो 30 शतक लगाए थे उसमें से वो 10 से 12 को ही याद कर सकते हैं, लेकिन 31 साल पहले उन्होंने न्यूजीलैंड के खिलाफ वनडे मैच में 62 गेंदों पर जो ताबड़तोड़ शतकीय पारी खेली थी वो उनके दिमाग में तरोताजा है। 

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साल 1988 दिसंबर में अजहर ने कीवी टीम के खिलाफ उन्होंने 62 गेंदों पर 100 रन बनाए थे जो उस वक्त वनडे क्रिकेट में भारत की तरफ से सबसे तेज शतक था। कमाल की बात ये है कि इस मैच के फुटेज उपलब्ध नहीं हैं, लेकिन दूरदर्शन पर इस मुकाबले का सीधा प्रसारण उस वक्त किया गया था। दरअसल इस मैच में जब भारत ने जीत के लिए मिले टारगेट का पीछा करना शुरू किया तो ट्रांसमिशन लिंक चला गया और दर्शक टेलीविजन पर अजहर की इस एतिहासिक पारी को देखने से चूक गए। 

अजहर ने अपनी इस पारी को याद करते हुए कहा कि वो मोती बाग पैलेस मैदान था। मैदान खुला था और दर्शकों के लिए शानदार इंतजाम थे। मुझे लगता है कि मैंने अपनी उस पारी में तीन या चार छक्के लगाए थे जिसमें दो मैदान के बाहर गिरे थे और एक पेड़ पर लगा था। उस दिन मुझे ऐसा लग रहा था जैसे मैं अपने खेल के दौरान किसी भी तरह की कोई गलती नहीं कर सकता और मुझे लगा ही नहीं कि मैंने अपना शतक 60 के करीब गेंद पर पूरा कर लिया था। 

इस मैच में मैदान पर कीवी टीम के खिलाफ कपिल देव नहीं उतरे थे और भारतीय गेंदबाजों ने काफी रन लुटा दिए थे। संजीव शर्मा ने ही 10 ओवर में 74 रन, राशिद पटेल ने 10 ओवर में 58 रन, चेतन शर्मा ने 10 ओवर में 54 रन दे दिए थे। अजहर ने बताया कि हमें 279 रन के लक्ष्य का पीछा करना था, लेकिन उस वक्त वो ऐसा लग रहा था जैसे कि आज 340 का पीछा करने में लगता है। उस मुकाबले में मैं छठे नंबर पर बल्लेबाजी करने के लिए आया था और अजय शर्मा ने मेरा अच्छा साथ दिया था और हम दोनों ने मिलकर जल्दी ही 100 से ज्यादा रन की साझेदारी कर ली थी और टीम को दो विकेट से जीत मिली। 


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