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अजित वाडेकर से इस मामले में बहुत पीछे हैं विराट, धौनी और रोहित शर्मा

वाडेकर के नाम एक ऐसी उपलब्धि दर्ज़ है, जिसमें विराट कोहली, धौनी और रोहित शर्मा तो क्या कोई भी भारतीय खिलाड़ी उन्हें कभी पीछे नहीं छोड़ पाएंगे।

By Pradeep SehgalEdited By: Published: Thu, 16 Aug 2018 11:38 AM (IST)Updated: Thu, 16 Aug 2018 12:26 PM (IST)
अजित वाडेकर से इस मामले में बहुत पीछे हैं विराट, धौनी और रोहित शर्मा
अजित वाडेकर से इस मामले में बहुत पीछे हैं विराट, धौनी और रोहित शर्मा

नई दिल्ली, [जागररण स्पेशल]। पूर्व भारतीय क्रिकेट कप्तान अजित वाडेकर का बुधवार रात मुंबई के जसलोक अस्पताल में निधन हो गया। वह 77 वर्ष के थे। वह लंबे समय से कैंसर की बीमारी से जूझ रहे थे। वाडेकर की कप्तानी में ही भारत ने इंग्लैंड और वेस्टइंडीज में पहली बार टेस्ट मैच और पहली बार टेस्ट सीरीज जीती थी। वाडेकर के नाम एक ऐसी उपलब्धि दर्ज़ है, जिसमें विराट कोहली, धौनी और रोहित शर्मा तो क्या कोई भी भारतीय खिलाड़ी उन्हें कभी पीछे नहीं छोड़ पाएगा।

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भारत के पहले वनडे कप्तान 

वाडेकर भारतीय क्रिकेट टीम के पहले वनडे कप्तान थे। वो भारत के पहले वनडे कप्तान तो थे ही, इसके साथ ही साथ वो वनडे क्रिकेट में अर्धशतक बनाने वाले पहले भारतीय बल्लेबाज भी थे। उन्होंने भारत के पहले वनडे मैच में ही इंग्लैंड के खिलाफ 67 रन बनाए थे। उनके बाद इसी मैच में बृजेश पटेल ने 82 रन की पारी खेली थी। उनके बाद वनडे क्रिकेट में भारत के लिए कप्तानी तो बहुत से खिलाड़ियों ने की। अजित वाडेकर के भारत के पहले वनडे कप्तान रहे तो सचिन तेंदुलकर भारत के 13वें वनडे कप्तान रहे, धौनी का नंबर 19वां रहा और विराट कोहली 22वें भारतीय वनडे कप्तान बनें। वहीं रोहित शर्मा भारत के लिए वनडे में कप्तानी करने वाले 24वें खिलाड़ी रहे।

भारत के लिए वनडे कप्तानी करने वाले खिलाड़ी

वाडेकर की उपलब्धियां

अजित वाडेकर भारतीय क्रिकेट टीम के पहले कप्तान थे जिन्होंने लगातार तीन टेस्ट सीरीज जीती थीं। इनमें से एक सीरीज वेस्टइंडीज में, एक इंग्लैंड में और एक इंग्लैंड के खिलाफ भारत में खेली गई थी।

अजित वाडेकर खिलाड़ी, कप्तान, कोच या मैनेजर और चयन समिति के अध्यक्ष पद पर रहने वाले चुनिंदा लोगों में शामिल थे। उनसे पहले लाला अमरनाथ और चंदू बोर्डे ही यह मुकाम हासिल कर सके थे।

1967 में उन्हें अर्जुन अवॉर्ड और 1972 में पद्मश्री से सम्मानित किया गया। इसके अलावा उन्हें बीसीसीआइ द्वारा सीके नायडू लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड भी दिया गया।

वाडेकर की कप्तानी में भारत ने जो वेस्टइंडीज में पहली टेस्ट जीत हासिल की थी वह सुनील गावस्कर के करियर का पदार्पण टेस्ट था।

16 टेस्ट में की भारत की कप्तानी

1971 से 1974 के दौरान उन्होंने 16 टेस्ट मैचों में भारतीय टीम की कप्तानी की, जिसमें से चार मैच जीते, चार हारे, जबकि आठ मैच ड्रॉ रहे। वह दो वनडे मैच भी खेले और दोनों में उन्होंने भारतीय टीम की कमान संभाली। वनडे क्रिकेट में वह भारतीय टीम के पहले कप्तान थे। वनडे कप्तान के रूप में उन्हें दोनों मैचों में हार का सामना करना पड़ा। वाडेकर कुशल क्षेत्ररक्षक भी थे।

 

ऐसा रहा वाडेकर का रिकॉर्ड

उन्होंने टेस्ट में 46, वनडे में एक और प्रथम श्रेणी करियर में 271 कैच लपके। टेस्ट करियर में उन्होंने एकमात्र शतक न्यूजीलैंड के खिलाफ 1968 में वेलिंगटन में लगाया। इस टेस्ट की पहली पारी में उन्होंने 143 रन बनाए थे। भारत ने यह टेस्ट आठ विकेट से जीता था। वाडेकर चार बार नर्वस नाइंटीज का भी शिकार बने, जिसमें एक बार वह 99 रन पर आउट हुए थे।

 

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