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1983 World Cup: कपिल देव के नेतृत्व में भारतीय टीम ने रचा था इतिहास, वर्ल्ड कप जीतने वाले बने थे सबसे युवा कप्तान

1983 World Cup Win Anniversary 25 जून 1983 को युवा भारतीय टीम ने फेवरेट वेस्टइंडीज को 43 रनों से हराकर इतिहास रचा था। भारत ने इस मैच में पहले बल्लेबाजी करते हुए 183 रन बनाए थे जवाब में वेस्टइंडीज की टीम केवल 140 रन ही बना पाई।

By Sameer ThakurEdited By: Published: Sat, 25 Jun 2022 09:50 AM (IST)Updated: Sat, 25 Jun 2022 09:50 AM (IST)
1983 World Cup: कपिल देव के नेतृत्व में भारतीय टीम ने रचा था इतिहास, वर्ल्ड कप जीतने वाले बने थे सबसे युवा कप्तान
1983 World Cup Win Anniversary: कपिल देव के नेतृत्व में भारत ने रचा था इतिहास(फोटो क्रेडिट ट्विटर)

नई दिल्ली, आनलाइन डेस्क। 25 जून 1983, एक ऐसी तारीख जिसने भारतीय क्रिकेट की दिशा और दशा दोनों को हमेशा के लिए बदलकर रख दिया। एक ऐसी तारीख जब पूरा हिंदुस्तान एकजुट होकर खुशियां मना रहा था और हो भी क्यों न कपिल देव के नेतृत्व में एक युवा टीम ने लार्ड्स के मैदान पर वह कारनामा किया था जिसकी उम्मीद किसी ने नहीं की थी। युवाओं से सजी भारतीय टीम ने वर्ल्ड कप क्रिकेट में डामिनेट कर रही क्लाइब लायड की वेस्टइंडीज टीम को हराकर भारतीय क्रिकेट जगत में सनसनी मचा दी थी।

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तीसरे फाइनल पर थी वेस्टइंडीज की नजर

पहले ही दो खिताब पर कब्जा कर चुकी वेस्टइंडीज टीम की नजर तीसरे कप पर थी। दबाव में लाने के लिए क्लाइब लायड ने टास जीतकर युवा भारतीय टीम को बल्लेबाजी सौंपी। टीम इंडिया की शुरुआत अच्छी नहीं रही और गावस्कर केवल 2 रन बनाकर आउट हो गए। हालांकि मोहिंदर अमरनाथ के साथ मिलकर श्रीकांत ने 57 रनों की साझेदारी कर टीम की वापसी करानी चाही।

लेकिन उसके बाद लगातार अंतराल पर विकेट गिरते चले गए। यशपाल शर्मा 11, सैयद किरमानी 14, बलविंदर संधू 11, मोहिंदर अमरनाथ के 26 और कपिल देव के 15 रनों के दम पर भारतीय टीम ने वेस्टइंडीज के सामने 183 रन बनाए। भारत की तरफ से सर्वाधिक रन श्रीकांत ने बनाए उन्होंने 38 रनों की पारी खेली।

वेस्टइंडीज की पारी

वेस्टइंडीज के लिए यह लक्ष्य बड़ा नहीं था लेकिन भारतीय गेंदबाज खासतौर से मोहिंदर अमरनाथ कुछ और ही सोचकर आए थे। हालांकि इसकी शुरुआत की बलविंदर संधू ने जिन्होंने वेस्टइंडीज को 5 रन के स्कोर पर पहला झटका देकर भारत की उम्मीद को जगाया। उन्होंने गार्डन ग्रीनिज को 1 रन के व्यक्तिगत स्कोर पर क्लीन बोल्ड कर दिया।

लेकिन मैच का टर्निंग प्वाइंट आया तब जब मदन लाल की गेंद पर कपिल देव ने पीछे भागते हुए द ग्रेट विवियन रिचर्ड्स का कैच पकड़ा और भारत की जीत की उम्मीदों को पंख लग गए। रिचर्ड्स ने 28 गेंदों पर 33 रनों की पारी खेली। उसके बाद वेस्टइंडीज ने लगातार अंतराल पर विकेट गंवाया और जैसे ही माइकल होल्डिंग को मोहिंदर अमरनाथ ने एलबीडब्ल्यू आउट किया पूरा देश खुशी से झूम उठा। भारत ने 43 रनों से मैच जीतकर लार्ड्स के मैदान पर इतिहास रच दिया था।

मोहिंदर अमरनाथ बने थे प्लेयर आफ द मैच

इस ऐतिहासिक मैच में भारत के आलराउंडर मोहिंदर अमरनाथ "प्लेयर आफ द मैच" चुने गए। उन्होंने पहले बल्लेबाजी में 26 रन और फिर गेंदबाजी में 12 रन देकर 3 विकेट लेकर भारत की जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

करोड़ों भारतीयों को दिया सपने देखने की वजह

इस जीत ने भारतीय क्रिकेट की तस्वीर और तकदीर दोनों बदलकर रख दी। इस जीत ने करोड़ों भारतीयों को यह सपने देखने के लिए मजबूर किया कि वो क्रिकेट में अपने ड्रीम को हासिल कर सकते हैं।


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