इस भारतीय स्पिनर ने कहा- लाल गेंद के क्रिकेट में ज्यादा दिमाग के इस्तेमाल की जरूरत होती है
टेस्ट क्रिकेट में गेंदबाजों को अपनी स्किल से बल्लेबाजों को आउट करना पड़ता है।
नई दिल्ली, आइएएनएस। भारतीय क्रिकेट टीम के लेग स्पिनर युजवेंद्र चहल ने कहा कि लाल गेंद के क्रिकेट में ज्यादा दिमाग इस्तेमाल करने की जरूरत है क्योंकि इस प्रारूप में बल्लेबाज गेंदबाजों पर ज्यादा अटैक नहीं करते। क्रिकेट के लंबे प्रारूप में दो वर्ष के बाद चहल की इंडिया ए टीम में वापसी हुई थी। उन्होंने दक्षिण अफ्रीका ए टीम के खिलाफ दो चारदिवसीय मैच में चार विकेट लिए थे। चहल ने कहा कि टेस्ट क्रिकेट में बल्लेबाज पर ज्यादा दबाव नहीं होता और इस वजह से वो सेटल होने में ज्यादा वक्त लेते हैं। वनडे और टी20 में अगर रन रेट ज्यादा है तो बल्लेबाज रन बनाने की कोशिश करते हैं और आउट हो जाते हैं। वहीं टेस्ट क्रिकेट में आपको अपने स्किल से बल्लेबाज को आउट करना पड़ता है। इसलिए ज्यादा दिमाग इस्तेमाल करने की जरूरत होती है।
टेस्ट क्रिकेट बिल्कुल अगल है क्योंकि आपको 30-35 ओवर गेंदबाजी करनी होती है लेकिन टी20 में सिर्फ चार ओवर फेंकने होते हैं। 28 वर्ष के चहल को इंग्लैंड के खिलाफ उजले गेंद के क्रिकेट के लिए टीम में शामिल किया गया था लेकिन पांच टेस्ट मैचों की टेस्ट सीरीज के पहले तीन टेस्ट के लिए सेलेक्टर्स ने उन्हें टीम में शामिल नहीं किया था। इंग्लैंड दौरे के बारे में चहल ने कहा कि यहां पर मेरा अनुभव काफी अच्छा रहा क्योंकि ये मेरा पहला इंग्लैंड दौरा था लेकिन मेरा पूरा ध्यान खेल पर था। अगर अगले दो टेस्ट के लिए टीम में मेरा नाम नहीं आता है तो मेरा पूरा फोकस एशिया कप पर होगा।
विराट की कप्तान वाली भारतीय टेस्ट टीम पांच टेस्ट मैचों की सीरीज के पहले दो मैच में मेजबान टीम को ज्यादा टक्कर नहीं दे पाए लेकिन चहल को विश्वास है कि भारतीय टीम अगले तीन मैचों में वापसी सकता है। इंग्लैंड में तेज गेंदबाजों के लिए शानदार परिस्थिति है और यहां पर स्विंग भी है। आप देख सकते हैं कि एंडरसन 550 विकेट्स तक पहुंच गए हैं। यहां पर बल्लेबाजी कठिन है लेकिन ये पांच टेस्ट मैचों की सीरीज है। अगर आपने पहले दो मैच गवां दिए हैं तो आपके पास मौका है कि आप अगले तीन मैचों में वापसी कर सकते हैं।