विकेटकीपर साहा ने बताया, अब इस वजह से बढ़ गया है टीम इंडिया का मनोबल
भारतीय विकेटकीपर ऋद्धिमान साहा ने कहा कि हम जीत के करीब थे और यदि थोड़ा समय मिल जाता तो हम जीत भी सकते थे।
नागपुर, जेएनएन। भारतीय टीम के सामने श्रीलंका को कमजोर माना जा रहा था, पर कोलकाता में पहले ही टेस्ट में अधिकांश सत्रों में श्रीलंकाई टीम का ही दबदबा रहा। हालांकि, अंतिम दिन भारतीय टीम ने वापसी करते जीत की उम्मीदें जगा दी थीं। भारतीय विकेटकीपर ऋद्धिमान साहा ने बताया कि भले ही टेस्ट ड्रॉ समाप्त हुआ, लेकिन जिस जीवटता का परिचय टीम ने आखिरी दिन दिखाया, उससे पूरी टीम का मनोबल बहुत बढ़ गया है। हम पहली पारी में क्षमताओं के अनुरूप नहीं खेल सके, लेकिन दूसरी पारी में हमारी बल्लेबाजी और गेंदबाजी जिस तरह की रही, उससे मनोबल बढ़ा है। धवन, कोहली और राहुल की आक्रामक बल्लेबाजी के बाद गेंदबाजों ने 70 रनों के भीतर सात विकेट चटकाए थे। हम जीत के करीब थे और यदि थोड़ा समय मिल जाता तो हम जीत भी सकते थे।
मैच जीतना पहला लक्ष्य : कोलकाता में तेज गेंदबाजों के मददगार विकेट के बाद नागपुर के विकेट पर सभी की निगाहे हैं। साहा ने कहा कि मैंने पिच नहीं देखी है। पिच स्पिनरों के मददगार हो या तेज गेंदबाजों के, यदि श्रीलंका पहले बल्लेबाजी करता है तो उसके विकेट लेना हमारा काम है, ताकि मैच जीतें। मैच जीतना हमारा उद्देश्य है। पिछले टेस्ट का परिणाम दिमाग में है, पर हम वर्तमान पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।
टीम प्रबंधन तय करता है क्रम : साहा विकेटकीपर बल्लेबाज हैं, जरूरत के समय रन भी बनाते हैं, पर उनका बल्लेबाजी क्रम तय नहीं रहता। कोलकाता में तो उनसे पहले अश्विन को भेजा गया। यह बल्लेबाज कोलकाता टेस्ट में सातवें और आठवें नंबर पर बल्लेबाजी करने उतरा थे। इस बारे में पूछने पर साहा ने कहा कि कौन किस क्रम पर बल्लेबाजी करेगा, यह टीम प्रबंधन तय करता है। कई बार मैं छठे क्रम पर खेलता हूं और अश्विन मेरे बाद उतरते हैं।
ढाई घंटे किया अभ्यास : भारतीय टीम ने कोच रवि शास्त्री के मार्गदर्शन में करीब ढाई घंटे अभ्यास किया। शुरुआत में राहुल, मुरली व पुजारा को शास्त्री ने तेज गेंदबाजों के सामने बल्लेबाजी का अभ्यास कराया। इस दौरान टीम में नए शामिल किए गए तमिलनाडु के ऑलराउंडर विजय शंकर भी थे। शास्त्री इस दौरान राहुल, पुजारा सहित सभी बल्लेबाजों खासकर शंकर को उनकी गलतियों को सुधारने के टिप्स भी देते रहे।