EXCLUSIVE: वसीम अकरम बोले- India vs Pakistan मैच भाई-भाई की नोकझोंक की तरह
World Cup 2019 EXCLUSIVE पाकिस्तान के पूर्व दिग्गज खिलाड़ी वसीम अकरम ने कहा है कि India vs Pakistan मैच भाई-भाई की नोकझोंक की तरह है।
अभिषेक त्रिपाठी, नॉटिंघम। विश्व कप में भारत और पाकिस्तान की टक्कर का इंतजार दोनों देशों के क्रिकेट प्रेमियों को बेसब्री से है। 16 जून को होने वाले मैच में एक बार फिर मैदान पर तू-तू मैं-मैं देखने को मिल सकती है, लेकिन कई बार मैदान की यह गर्माहट बेकाबू हो जाती है। हालांकि, 1992 में पाकिस्तान को विश्व चैंपियन बनते देख चुके और भारत के खिलाफ कई यादगार मुकाबलों के गवाह रहे पूर्व पाकिस्तानी कप्तान वसीम अकरम को मैदान पर यह नोकझोंक भाई-भाई की लड़ाई की तरह लगती है। विश्व कप में दोनों देशों की प्रतिद्वंद्विता और तैयारियों को लेकर वसीम अकरम से विशेष बातचीत के प्रमुख अंश:
प्रश्न : भारत-पाकिस्तान क्रिकेट मैच के दौरान माहौल इतना गरम क्यों हो जाता है?
अकरम: यह प्रतिद्वंद्विता भाई-भाई के झगड़े की तरह होती है, जिसमें माहौल गरम होता है, लेकिन मजा भी आता है। मेरा यकीन कीजिए, हमारे यहां भारतीय क्रिकेटरों की उतनी ही इज्जत है जितनी पाकिस्तानी क्रिकेटरों की है। मुझे उम्मीद है आपके देश में भी हमें सचिन और गांगुली जैसी तवज्जो मिलती है। सचिन, सहवाग, द्रवि़ड, धौनी और गांगुली के पाकिस्तान में अनगिनत प्रशंसक हैं और कोहली तो वहां के लोगों के दिलों पर राज करते हैं।
प्रश्न : इस विश्व कप में भारतीय टीम के क्या आसार हैं?
अकरम: मेरे हिसाब से भारतीय टीम इस विश्व कप की सबसे संतुलित टीम है। मैंने हमेशा से भारत की मजबूत बल्लेबाजी लाइन-अप देखी है। आपके पास हमेशा से गावस्कर, विश्वनाथ, सचिन, द्रवि़ड, गांगुली और सहवाग जैसे धाक़़ड बल्लेबाज रहे हैं। मौजूदा समय में कोहली, रोहित और धौनी जैसे दिग्गज बल्लेबाज हैं,लेकिन आज से पहले मुझे कभी भारतीय गेंदबाजी आक्रमण में तेज और स्पिन गेंदबाजी का इतना संतुलन कभी नहीं दिखा और क्षेत्ररक्षण विभाग के तो क्या कहने। कुल मिलाकर यह एक बेहतरीन संतुलित टीम है। इसका सारा श्रेय बीसीसीआई और मेरे दोस्त रवि शास्त्री एवं कप्तान कोहली की अगुआई वाले टीम प्रबंधन को जाता है।
प्रश्न: दुनिया के सबसे बेहतरीन गेंदबाजों में से एक होने के नाते आप भारतीय गेंदबाजी को कैसे देखते हैं?
अकरम: इस समय भारतीय गेंदबाजी विभाग दुनिया में सर्वश्रेष्ठ है। बुमराह और शमी की मौजूदगी से आप दुनिया के किसी भी शीर्ष बल्लेबाजी क्रम को उखाड़ सकते हैं। मैं जितना ज्यादा बुमराह को गेंदबाजी करते देखता दूं, उतना ज्यादा उनका मुरीद होता जाता हूं। बैकअप के तौर पर आपके पास हार्दिक पांड्या जैसे मध्यम तेज गति के गेंदबाज हैं जो हमेशा जरूरत पड़ने पर विकेट निकालते हैं। लेग स्पिनर चहल, चाइनामैन गेंदबाज कुलदीप और परंपरागत बाएं हाथ के स्पिनर जडेजा के रूप में एक अनोखा स्पिन संयोजन है।
प्रश्न : किस टीम की विश्व कप ट्रॉफी उठाने की ज्यादा संभावनाएं हैं?
अकरम: मेरे हिसाब से विश्व कप में भारत और इंग्लैंड के पास खिताब जीतने की ज्यादा संभावनाएं हैं।
प्रश्न: चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल में पाकिस्तान ने भारत को हराया था। क्या उसका मनोवैज्ञानिक लाभ पाकिस्तान को मिलेगा?
अकरम: वह बीती बातें हैं। उसे ना ही याद करें तो बेहतर है। हर दिन क्रिकेट बदल रहा है। इसमें कोई भी टीम किसी को भी हरा सकती है। चैंपियंस ट्रॉफी में जो हुआ वह अब इतिहास बन चुका है।
प्रश्न: आंकड़े देखें तो पाकिस्तान का रिकॉर्ड भारत से कहीं बेहतर है, लेकिन फिर भी विश्व कप इतिहास में पाकिस्तान कभी भारत को नहीं हरा पाया है। इसकी कोई खास वजह?
अकरम: यह महज एक इत्तेफाक है। नतीजे बहुत हद तक दबाव झेलने की कला पर भी निर्भर करते हैं, जिसमें भारत ने हाल के दिनों में काफी सफलता पाई है और नतीजा आपके सामने है।
प्रश्न: वहाब रियाज और मो. आमिर को उनके अनुभव के कारण विश्व कप के लिए चुना गया, लेकिन जुनैद खान को नहीं। क्या आपको यह चयन सही लगता है?
अकरम: मैं चयन प्रक्रिया पर कुछ भी नहीं बोल सकता। अगर टीम प्रबंधन ने किसी खिलाड़ी को मौका दिया है तो यह उस खिलाड़ी का कर्तव्य बनता है कि वह उस फैसले को सही साबित करे।
प्रश्न: हाल के वर्षों में भारत और पाकिस्तान के बीच संबंध सही नहीं रहे हैं जिसकी वजह से दोनों देश द्विपक्षीय सीरीज नहीं खेलते हैं। आपके हिसाब से दोनों देशों को फिर से द्विपक्षीय सीरीज बहाल करने के लिए कैसी पहल करने की जरूरत है?
अकरम: यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। मुझे लगता है कि लाखों खेल प्रेमियों के लिए हमें इसे फिर से शुरू करना चाहिए। लेकिन, जहां तक राजनीति की बात है तो मैं इस मामले में नौसिखिया हूं।
प्रश्न : पाकिस्तान में विराट को पसंद करने वालों की तदाद बहुत ज्यादा है। उनके पाकिस्तानी खिला़ि़डयों के साथ रिश्ते भी काफी अच्छे रहे हैं। ऐसे में आप विराट को कैसे देखते हैं?
अकरम : विराट एक रॉकस्टार हैं। वह हर उम्र के लोगों की पसंद हैं।
प्रश्न : संभवत: धौनी अपना आखिरी विश्व कप खेल रहे हैं। आप उनके पूरे करियर को कैसे देखते हैं?
अकरम : धौनी का क्रिकेट करियर किसी परिकथा से कम नहीं है, लेकिन मुझे उम्मीद है कि हम उन्हें आने वाले एक-दो वर्ष और खेलते हुए देख सकते हैं। जहां तक विकेटकीपिंग की बात है तो वह दुनिया के सबसे फुर्तीले और सक्रिय विकेटकीपर हैं। मुझे आपको यह बताने की बिल्कुल जरूरत नहीं है कि फिनिशर की भूमिका में वह अतुलनीय हैं।
प्रश्न : पाकिस्तान को एक अप्रत्याशित टीम क्यों कहा जाता है? वह अच्छा खेलती है, लेकिन नतीजा उसके पक्ष में नहीं हो पाता है?
अकरम: टीम की योग्यता पर टिप्पणी करना अभी थोड़ी जल्दबाजी होगी, लेकिन आप सही हैं कि वह खेल को अपने पक्ष में खत्म नहीं कर पा रहे हैं जैसा कि उन्हें करना चाहिए था। टीम की योजना में संतुलन की कमी है।
प्रश्न: आपने भारत के खिलाफ लंबे समय तक क्रिकेट खेला है। दोनों टीमों के बीच प्रतिद्वंद्विता में बदलाव को आप किस तरह से देखते हैं?
अकरम : मेरे हिसाब से इसमें थो़ड़ा भी बदलाव नहीं आया है। दुनिया खत्म होने तक इसमें किसी तरह के बदलाव की संभावना भी नहीं है। मैंने कहा ना कि यह प्रतिद्वंद्विता भाई-भाई की तीखी नोकझोंक की तरह है, जो कभी खत्म नहीं होगी।
प्रश्न : आप 1992 की विश्व विजेता पाकिस्तान की टीम में शामिल थे और 1999 विश्व कप का फाइनल में ऑस्ट्रेलिया से हारने वाली टीम के आप कप्तान थे। एक खिलाड़ी और एक कप्तान के तौर पर ऐसी हार से उबरना कितना मुश्किल होता है?
अकरम: ऐसी स्थिति को पचा पाना बहुत मुश्किल होता है। यह आपको अंदर से मार देती है, क्योंकि आप ऐसे मुकाबलों में मानसिक रूप से जुड़े रहते हैं।
प्रश्न : सचिन के साथ आपकी प्रतिद्वंद्विता एक दशक से भी ज्यादा समय तक चली। आखिरी दो प्रतिद्वंद्वी इतने अच्छे दोस्त कैसे बन गए?
अकरम: मैदान के अंदर चाहे हम जैसे भी हों, लेकिन मैदान के बाहर हम शुरुआत से ही अच्छे दोस्त रहे हैं और मुझे उम्मीद है कि यह आगे भी जारी रहेगी।
प्रश्न: 1992 के विश्व कप के फाइनल में आपने 19 गेंदों में शानदार 33 रन बनाए थे। आपके करियर में सबसे मुश्किल क्या था। एक बेहतरीन बल्लेबाज के सामने गेंदबाजी करना या फिर एक शानदार गेंदबाजी इकाई के सामने बल्लेबाजी करना या फिर कप्तानी करना?
अकरम: ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाज शेन वार्न और ग्लेन मैक्ग्राथ के सामने बल्लेबाजी करना, सचिन और लारा के खिलाफ गेंदबाजी करना और बतौर कप्तान सहवाग को जल्द से जल्द से पैवेलियन भेजने के लिए क्षेत्ररक्षण तैयार करना सबसे मुश्किल था।
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