टेस्ट में नतीजा देने वाले विकेट हों : कोहली
भारतीय टीम ने पहले टेस्ट के तीसरे ही दिन दक्षिण अफ्रीका को 108 रन से हरा दिया। इसके बाद से मोहाली की पिच पर सवाल खडे होने लगे हैं। पिछले कुछ समय से भारतीय क्रिकेट में पिच पर काफी चर्चाएं चल रही हैं। जहां दक्षिण अफ्रीका के ओपनिंग बल्लेबाज डीन
मोहाली। भारतीय टीम ने पहले टेस्ट के तीसरे ही दिन दक्षिण अफ्रीका को 108 रन से हरा दिया। इसके बाद से मोहाली की पिच पर सवाल खडे होने लगे हैं। पिछले कुछ समय से भारतीय क्रिकेट में पिच पर काफी चर्चाएं चल रही हैं। जहां दक्षिण अफ्रीका के ओपनिंग बल्लेबाज डीन एल्गर ने पहले दिन इसे टेस्ट क्रिकेट के लिए खराब विकेट करार दिया, वहीं रविचंद्रन अश्विन ने यह कहकर पलटवार किया कि दोनों टीमों के बल्लेबाज खराब शॉट खेलकर आउट हुए। बल्लेबाजी में विफलता का दोष पिच को नहीं दिया जाना चाहिए।
टीम इंडिया के टेस्ट कप्तान विराट कोहली ने भी मोहाली की पिच का बचाव करते हुए कहा कि नतीजा देने वाली पिच बननी चाहिए। कोहली ने कहा- अगर आप खेलना चाहते हो और टेस्ट में स्पर्धा करना चाहते हो तो पिच नतीजा देने वाली बननी चाहिए।
उन्होंने साथ ही कहा- मैं मानता हूं कि भारतीय विकेटों का स्वभाव अलग है। मुझे नहीं लगता कि ऐसी पिच बनाने की जरूरत है जिसमें कोई नतीजा बाहर न आए। अगर आप लगातार पूछते रहेंगे कि टेस्ट क्रिकेट को कैसे जिंदा रखा जा सकता है तो आपको ऐसे विकेटों की जरूरत है जो फैसला दे।
विराट ने श्रीलंका के खिलाफ टेस्ट सीरज का उदाहरण दिया जहां भारत ने 22 साल बाद 2-1 से टेस्ट सीरीज जीती। कोहली ने कहा- जब हम श्रीलंका में खेले तो पहले और दूसरे टेस्ट में स्पिनरों को मदद मिली, लेकिन तीसरे टेस्ट में तेज गेंदबाजों के लिए मददगार पिच बनाई गई। मगर तीनों की पिच नतीजा देने वाली रही। हमें इससे कोई परेशानी नहीं रही। अगर कहीं तेज गेंदबाजों के लिए मददगार पिच बनाई जाए तो ठीक है। यह हमारा फैसला है कि हमे किस प्रकार का विकेट चाहिए।
मैच के पास प्रेस कांफ्रेंस में ज्यादातर सवाल पिच से संबंधित पूछे गए। यह पूछने पर कि पांच दिन का टेस्ट तीन दिन में खत्म होने से टेस्ट क्रिकेट का अच्छा विज्ञापन होगा। टेस्ट कप्तान ने जवाब दिया- अगर हम इंग्लैंड में तीन दिन में हार गए तो किसी ने हमसे नहीं पूछा कि पिच अच्छी है या खराब। बस यही कहा जाता है कि हम खराब खेले।