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विश्व कप एक रात में नहीं जीते जाते, इस भारतीय दिग्गज ने कही ये बात

टीम इंडिया के पूर्व दिग्गज मिडिल ऑर्डर बैट्समैन वीवीएस लक्ष्मण ने कहा है कि कोई भी टीम एक रात में विश्व कप नहीं जीत सकती।

By Vikash GaurEdited By: Published: Tue, 16 Jul 2019 01:39 PM (IST)Updated: Tue, 16 Jul 2019 01:39 PM (IST)
विश्व कप एक रात में नहीं जीते जाते, इस भारतीय दिग्गज ने कही ये बात
विश्व कप एक रात में नहीं जीते जाते, इस भारतीय दिग्गज ने कही ये बात

वीवीएस लक्ष्मण का कॉलम। क्या फाइनल था! यह वाकई गर्व का विषय रहा कि मैं लॉ‌र्ड्स में रविवार को मौजूद रहा। यहां कुछ भी ऐसा नहीं था जिसने न्यूजीलैंड को इंग्लैंड से अलग कर दिया हो। दुर्भाग्यवश, क्योंकि एक विजेता होना था तो दूसरे को उप विजेता, लेकिन केन विलियमसन और उनकी टीम सिर ऊंचा करके वापस लौटेगी।

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मैं न्यूजीलैंड क्रिकेट का लंबे समय से प्रशंसक रहा हूं और इस टूर्नामेंट में उन्होंने मान, इच्छा और काम नैतिकता के साथ किसी तरह का कोई समझौता नहीं करने की प्रतिबद्धता को दोहराया। वे मुश्किल से सेमीफाइनल में पहुंचे, लेकिन उन्होंने उस समय अपने खेल का स्तर उठाया जिस वक्त सबसे ज्यादा जरूरत थी और उन्होंने यह काम भारत के खिलाफ किया।

इंग्लैंड के खिलाफ भले टीम हार गई लेकिन उन्होंने अपने संकल्प और चरित्र को दर्शाया। केन ने अपनी टीम का खूबसूरती से नेतृत्व किया और तब भी वह सामने आए जब उनके साथी खिलाड़ी बल्ले से अच्छा नहीं कर पा रहे थे। ऐसे में उन्होंने अपने गेंदबाजों से सर्वश्रेष्ठ निकलवाया। न्यूजीलैंड को इस दिल तोड़ने वाली हार से उबरने में लंबा वक्त लगेगा लेकिन मैं पूरे विश्वास से कहता हूं कि वे मजबूती के साथ वापसी करेंगे क्योंकि यह उनका स्वभाव है।

इंग्लैंड की टीम शानदार थी। विश्व कप के दावेदार का टैग उनके कंधों पर था और वे इस बार पहला विश्व कप खिताब जीतने के हकदार थे। यह जीत तैयारियों और रणनीति के कारण थी जो उन्होंने 2015 में पहले ही दौर में बाहर होने के बाद शुरू की थी। इसका श्रेय इयोन मोर्गन और उनके नेतृत्वकर्ताओं के ग्रुप को जाता है जिन्होंने ना सिर्फ अपने वनडे क्रिकेट को दोबारा खड़ा किया लेकिन साथ ही अच्छे शख्स चुने और उनका बचाव भी किया। इससे यह समझ आता है कि विश्व कप एक रात में नहीं जीते जाते और बड़े टूर्नामेंट में सफलता एक पूरी प्रक्रिया से मिलती है।

पूरे टूर्नामेंट की तरह बेन स्टोक्स फाइनल में भी शानदार खेले। आप उनकी दृढ़ता उनकी आंखों में देख सकते थे जब जोस बटलर के आउट होने के बाद उनके साथी लगातार वापस लौट रहे थे। ऐसे में निजी और पेशेवर दोनों जिंदगी में कुछ खराब वर्ष के बाद उन्हें वापसी करते देखना अच्छा लगा।

मुझे सुपर ओवर का नियम पसंद आया। हालांकि मैं बाउंड्री की जगह किसी अन्य चीज से नतीजा निकाले जाने से खुश होता। ऐसे में विकेट गिरने का नियम या हेड टू हेड से नतीजा होता, लेकिन कुल मिलाकर मुझे टूर्नामेंट का प्रारूप बेहद पसंद आया जिसमें सभी टीम को एक-दूसरे से भिड़ना था। इससे चार मजबूत टीमों को अगले दौर में जाने का मौका मिलता है, जो इस बार देखने को मिला।


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