मांकडिंग के जनक थे ये भारतीय क्रिकेटर, 27 साल नहीं टूटा था बेस्ट स्कोर का रिकॉर्ड
क्या आप जानते हैं मांकडिंग किस शख्स के नाम पर पड़ा है? वीनू मांकड द्वारा बिल ब्राउन को एक ही सीरीज में दो बार एक तरीके (मांकडिंग) से रन आउट करने पर ऑस्ट्रेलियाई मीडिया ने इस भारतीय ऑलराउंडर की आलोचना की थी।
नई दिल्ली, जेनएन। IPL 2019 के चौथे मैच में मैनकेडिंग रन आउट देखने को मिला। इसी के बाद क्रिकेट की ये टर्म लोगों के सामने आई। सालों बाद क्रिकेट में इस शब्द का जिक्र हुआ। लेकिन क्या आप जानते हैं मैनकेडिंग किस शख्स के नाम पर पड़ा है? अगर नहीं जानते तो हम बता रहे हैं कि ये क्रिकेट की रूल बुक में कहां से आया और कौन इसका जनक है। दरअसल, मैनकेडिंग को नाम भारत के पूर्व खिलाड़ी वीनू मांकड के नाम पर मिला है।
12 अप्रैल 1917 को जन्मे वीनू मांकड का पूर नाम मलवंतराय हिम्मतलाल मांकड़ था लेकिन क्रिकेट में आने के बाद वे वीनू मांकड़ के नाम से फेमस हुए। वीनू मांकड को ही मांकडिंग का जनक कहा जाता है। भारत के इस दमदार ऑलराउंडर ने साल 1947 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सिडनी टेस्ट में ऑस्ट्रेलियाई प्लेयर बिल ब्राउन को इस तरीके से आउट किया था। दिलचस्प बात ये भी है कि मांकड ने इसी खिलाड़ी को उस टेस्ट सीरीज के आखिरी मुकाबले में भी इसी तरीके से रन आउट किया था।
वीनू मांकड द्वारा बिल ब्राउन को एक ही सीरीज में दो बार एक तरीके (मांकडिंग) से रन आउट करने पर ऑस्ट्रेलियाई मीडिया ने इस भारतीय ऑलराउंडर की आलोचना की थी। वहीं, उस दौर के दुनिया के दिग्गज ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज सर डॉन ब्रैडमैन ने वीनू मांकड की तारीफ की थी। उसी सीरीज के बाद क्रिकेट की रूल बुक में इस तरह से रन आउट होने को मांकडिंग कहा जाने लगा।
क्या है और कैसे होती है मांकडिंग
मांकडिंग का मतलब होता है कि गेंदबाजी करते समय एक्शन लेने के बाद गेंदबाज गेंद डालने के बजाय नॉन-स्ट्राइकर एंड की गिल्लियां उड़ा दे। ऐसे में क्रीज से बाहर होने की सूरत में नॉन-स्ट्राइकर बल्लेबाज को आउट करार दे दिया जाता है। ऐसा ही आइपीएल 2019 के चौथे मैच में हुआ था जब आर अश्विन ने जोस बटलर को रन आउट किया था।
भारत के बेस्ट आलराउंडर!
गुजरात के जामनगर में पैदा हुए वीनू मांकड़ भारतीय क्रिकेट इतिहास के बेस्ट आल-राउंडर्स में गिने जाते हैं। दाएं हाथ के सलामी बल्लेबाज और बाएं हाथ से ऑर्थोडॉक्स गेंदबाज रहे वीनू मांकड़ ने भारत के लिए 44 टेस्ट मैच खेले हैं। इन टेस्ट मैचों में मांकड ने 2109 रन बनाए थे। इसके अलावा 162 विकेट अपने नाम किए थे, जो कि उस दौर में बड़ी बात थी। इतना ही नहीं, साल 1956 में वीनू मांकड द्वारा बनाया गया 231 रन का बेस्ट स्कोर का रिकॉर्ड 27 साल साल 1983 में टूटा जब सुनील गावस्कर ने वेस्ट इंडीज के खिलाफ 236 रन बनाए।