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भारतीय टीम के बल्लेबाजी कोच राठौर बोले- बल्लेबाजों और गेंदबाजों के लिए होगी एक समान चुनौती

भारतीय टीम के बल्लेबाजी कोच विक्रम राठौर ने कहा है कि लंबे ब्रेक के बाद लय में लौटने के लिए बल्लेबाजों और गेंदबाजों के लिए एक समान चुनौती होगी।

By Vikash GaurEdited By: Published: Thu, 04 Jun 2020 09:00 AM (IST)Updated: Thu, 04 Jun 2020 09:00 AM (IST)
भारतीय टीम के बल्लेबाजी कोच राठौर बोले- बल्लेबाजों और गेंदबाजों के लिए होगी एक समान चुनौती
भारतीय टीम के बल्लेबाजी कोच राठौर बोले- बल्लेबाजों और गेंदबाजों के लिए होगी एक समान चुनौती

नई दिल्ली, जेएनएन। भारतीय टीम के बल्लेबाजी कोच विक्रम राठौर ने कहा है कि लॉकडाउन के दौरान खिलाड़ी मैदान पर नहीं लौटे हैं। ऐसे में अगर वे लंबे समय के बाद मैदान पर लौटते हैं तो उनको खोई हुई लय हासिल करने में उनको समय लगेगा। बल्लेबाजी कोच राठौर का कहना है कि बल्लेबाज और गेंदबाज दोनों को ही समान रूप से वापसी करने में चुनौतियों का सामना करना होगा। कोच ने ये भी माना है कि कुछ हफ्तों में खिलाड़ी लय में लौट सकेंगे। 

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क्या बल्लेबाजों को गेंदबाजों की अपेक्षा लय में लौटने के लिए ज्यादा समय लगेगा तो इसके जवाब में पूर्व क्रिकेटर विक्रम राठौर ने टाइम्स ऑफ इंडिया से बात करते हुए कहा है, "मुझे ऐसा नहीं लगता। यह दोनों बल्लेबाजों और गेंदबाजों के लिए समान रूप से चुनौतीपूर्ण होगा, इस तरह लंबे ब्रेक के बाद अपने चरम पर वापस जाना। अच्छी बात यह है कि ज्यादातर खिलाड़ी लॉकडाउन के दौरान अच्छी तरह से प्रशिक्षित करने के लिए प्रबंधन कर रहे हैं।"

उन्होंने आगे कहा है, "ट्रेनर और फीजियो द्वारा सभा खिलाड़ियों की फिटनेस रुटीन की बारीकी से निगरानी की जा रही है। इसलिए, हम उम्मीद कर रहे हैं कि जब भी आउटडोर सत्र शुरू होगा, कुछ हफ्तों के अभ्यास की बात होगी और फिर उन्हें कुछ अभ्यास/घरेलू मैच खेलने के लिए तैयार होना चाहिए और फिर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में खेलना चाहिए।" क्या विक्रम राठौर बिना दर्शकों के खेलने के लिए तैयार है? इस पर राठौर ने कहा कि खेल शुरू होना प्राथमिकता है।

उन्होंने कहा, "क्रिकेट शुरू करने के लिए प्राथमिकता होगी। यदि उस समय अभी भी कोई टीकाकरण उपलब्ध नहीं हैं, तो जो भी सावधानी बरतने की आवश्यकता है, हमें उसे स्वीकार करना होगा। यदि इसका मतलब है कि खाली स्टेडियमों में मैच खेलने हैं तो ऐसा होना चाहिए। यह आदर्श नहीं है, लेकिन मुझे यकीन है कि खिलाड़ी इसको मैनेज करेंगे।" वहीं, गेंद पर लार की जगह बाहरी पदार्थ प्रयोग करने को लेकर उनका मानना है कि अगर गेंद पर कुछ नहीं लगाया जाएगा तो बल्लेबाजों को फायदा होगा, लेकिन अगर गेंद पर कुछ लगाया जाता है तो फिर मुकाबला लगभग बराबरी का होगा।


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