भारतीय युवा खिलाड़ी की मां है बस कंडक्टर, बोलीं- ऐसे कैसे चलेगा, मुझे पूरी सैलरी चाहिए
भारतीय युवा खिलाड़ी अथर्व अंकोलेकर की मां मुंबई में बस कंडक्टर हैं जिनको हर रोज काम पर जाना पड़ रहा है। अगर वे छुट्टी लेती हैं तो उनके पैसे कटेंगे।
नई दिल्ली, जेएनएन। दुनिया भर में कोरोना वायरस महामारी ने लाखों लोगों की जान तो ले रखी है, जबकि करोड़ों जिंदगियां इससे प्रभावित हुई हैं। भारत की बात करें तो महाराष्ट्र कोरोना वायरस का गढ़ बना हुआ है, जहां सबसे ज्यादा मामले सामने आए हैं। खासकर मायानगरी मुंबई में कोरोना वायरस के केसों की संख्या भारत के किसी भी शहर के मुकाबले काफी ज्यादा है। कोरोना वायरस से न सही, लेकिन इसकी वजह से एक युवा क्रिकेटर की मां परेशान हैं।
दरअसल, इसी साल भारतीय टीम के लिए अंडर 19 वर्ल्ड कप खेलने वाले अथर्व अंकोलेकर की मां वैदेही अंकोलेकर BEST में बस कंडक्टर हैं। 43 साल की वैदेही के दो बच्चे हैं, जिनमें एक अथर्व हैं। अथर्व के पिता के निधन के बाद से ही वे उनकी जगह काम कर रही हैं। कोरोना वायरस वॉरियर्स(जिनमें पुलिस, स्वास्थ्य, सफाईकर्मी और मीडियाकर्मी जैसे तमाम लोग हैं) की आवाजाही के लिए बसों को लगाया है, जिनमें वैदेही भी एक बस की कंडक्टर हैं।
वैदेही अंकोलेकर ने टाइम्स ऑफ इंडिया से बात करते हुए कहा है, "मुझे बीएमसी कर्मचारियों, पुलिस, डॉक्टरों और नर्सों सहित आवश्यक कर्मचारियों को समय पर अपने कार्यस्थल तक पहुंचाना सुनिश्चित करना है। गाड़ियों के अभाव में ये योद्धा बसों और मुझ जैसे श्रमिकों पर निर्भर हैं। मुझे गर्व महसूस होता है कि COVID 19 के खिलाफ इस लड़ाई में मेरी भूमिका है।"
15 अन्य महिला बस कंडक्टर्स के साथ BEST में काम करनी वाली अथर्व की मां का कहना है, "BEST के कर्मचारियों की बढ़ती संख्या और मौतों के कारण, अथर्व मुझे काम पर नहीं जाने दे रहा था। हमारी बिल्डिंग को भी हाल ही में यहां एक मामले के बाद सील कर दिया गया था, लेकिन अगर हम काम पर नहीं जाते हैं, तो हमें छुट्टी के बिना अनुपस्थित चिह्नित किया जाता है। ऐसे कैसे चलेगा? मुझे अपना पूरा वेतन चाहिए। मैंने किसी तरह उसे मना लिया कि मुझे अपनी नौकरी जारी रखनी है।"
उन्होंने बताया है कि उनके लिए किसी भी प्रकार का कोई बीमा नहीं है। फिर भी वे लगातार काम कर रही हैं। बीते करीब एक दशक से बस कंडक्टर के रूप में काम कर रहीं वैदेही ने कहा है, "हमें कोई बीमा कवर नहीं दिया गया है। बीएमसी या पुलिस विभाग में, सरकार परिवार के किसी सदस्य को नौकरी देने के अलावा कम से कम 50 लाख रुपये का बीमा कवर प्रदान करती है। हमने कोविड -19 के कारण अब तक आठ कर्मचारियों को खो दिया है। यदि उन्हें 50 लाख रुपये का बीमा कवर प्रदान किया गया होता, तो यह उनके परिवारों के लिए राहत का कुछ उपाय होता।"