भारत ने इंग्लैंड की किस सबसे बड़ी कमजोरी का फायदा उठाकर मैच जीते, इयान चैपल ने किया खुलासा
चैपल ने कहा कि जब इंग्लैंड को स्पिन की गंभीर चुनौती का सामना करना पड़ा तो इंग्लैंड के बल्लेबाजों को अपने रक्षात्मक खेल पर भरोसा नहीं था जिसके कारण उन्होंने भारतीय स्पिनरों के खिलाफ आक्रामक रुख अपनाने का प्रयास किया।
नई दिल्ली, प्रेट्र। ऑस्ट्रेलिया के पूर्व दिग्गज बल्लेबाज इयान चैपल ने कहा कि भारत ने चेन्नई में खेले गए दूसरे टेस्ट में स्पिन खेलने में इंग्लैंड की कमजोरी की पहचान कर तीसरे टेस्ट में इसे अपने फायदे की तरह इस्तेमाल किया, जिससे गुलाबी गेंद से मेहमान टीम दो दिन के अंदर मैच गंवा बैठी। भारतीय स्पिनर अक्षर पटेल और रविचंद्रन अश्विन ने तीसरे टेस्ट में 11 और सात विकेट चटकाए, जिससे इंग्लैंड की टीम पहली पारी में 112 और दूसरी पारी में 81 रन पर ऑलआउट हो गई और भारत ने 10 विकेट से मैच अपने नाम कर लिया।
चैपल ने ईएसपीएनक्रिकइंफो पर अपने कॉलम में लिखा, 'भारत ने टेस्ट में तीन स्पिनरों को खिलाने का फैसला किया, क्योंकि चेन्नई की पिच पर जो रूट के अलावा कोई और बल्लेबाज स्पिन के खिलाफ अच्छा प्रदर्शन नहीं कर सका था। भारत ने इसका सही इस्तेमाल करते हुए उनकी मानसिकता को प्रभावित करते हुए इसे अपने फायदे के लिए इस्तेमाल किया।'
उन्होंने कहा कि चेन्नई में खेले गए दूसरे टेस्ट में इंग्लैंड की पारी सस्ते में इसलिए सिमटी क्योंकि उनके बल्लेबाजों को अपने रक्षात्मक खेल पर भरोसा नहीं था। इस पूर्व दिग्गज ने कहा, 'जब स्पिन की गंभीर चुनौती का सामना करना पड़ा तो इंग्लैंड के बल्लेबाजों को अपने रक्षात्मक खेल पर भरोसा नहीं था, जिसके कारण उन्होंने भारतीय स्पिनरों के खिलाफ आक्रामक रुख अपनाने का प्रयास किया। वे क्रीज से बाहर निकल कर खेलने की जगह रिवर्स स्वीप का सहारा ले रहे थे जो इसका सटीक उदाहरण है। पहले से मन बना कर खेले गए जोखिम भरे शॉट, अच्छे स्पिनरों को अस्थिर करने के लिए इस्तेमाल की जा रही विश्वसनीय तकनीक से बेहतर कैसे हो सकते हैं? कदमों के बेहतर इस्तेमाल से स्पिन के असर को कम करने के साथ बल्लेबाज के पास मन मुताबिक जगह पर शॉट खेलने का विकल्प होता है। यह ऐसा कौशल है जिसे खेल के शुरुआती दिनों में सीखा जाता है।'