टेस्ट क्रिकेट के बिना टी-20 का अस्तित्व नहीं बचेगा : रिचर्ड हेडली
हेडली टी-20 क्रिकेट के प्रशंसक नहीं हैं और उनका मानना है कि अगर टेस्ट क्रिकेट का ध्यान नहीं रखा गया तो क्रिकेट के सबसे छोटे प्रारूप का बचे रहना मुश्किल होगा।
क्राइस्टचर्च, प्रेट्र। न्यूजीलैंड के दिग्गज क्रिकेटर रिचर्ड हेडली ने कहा कि दो साल तक कैंसर से जूझने के बाद उनका जिंदगी के प्रति नजरिया बदल गया। हेडली को जून 2018 में आंत का कैंसर हो गया था। इसके एक महीने बाद उन्हें ट्यूमर हटाने के लिए ऑपरेशन करवाना पड़ा। इसके बाद लीवर के कैंसर के लिए उनका फिर से ऑपरेशन किया गया।
हेडली ने बातचीत में कहा कि इससे मेरा जिंदगी के प्रति नजरिया बदल गया क्योंकि मुझे कभी इस तरह के लक्षण नजर नहीं आए थे। सब कुछ अचानक ही हुआ जब नियमित जांच से इस समस्या का पता चला। मेरे सामने जिंदगी की सबसे बड़ी चुनौती थी क्योंकि स्थितियां मेरे अनुकूल नहीं थीं। सर्वकालिक सर्वश्रेष्ठ तेज गेंदबाजों में से एक हेडली ने कहा कि कैंसर के बाद पांच साल मेरे लिए काफी महत्वपूर्ण हैं। दो वर्ष बीत चुके हैं और अगले तीन साल गुजारने हैं। कल हो सकता है कि मेरे अंदर बीमारी के लक्षण दिख जाएं।
न्यूजीलैंड की तरफ से 86 टेस्ट मैचों में 431 विकेट लेकर कभी दुनिया के सबसे ज्यादा टेस्ट विकेट हासिल करने वाले गेंदबाज रहे हेडिली ने कहा कि बीमारी का पता लगने के बाद छह महीने मेरे लिए काफी मुश्किल भरे थे। मेरा वजन 10 किलो कम हो गया था। अब मैं सभी सामान्य काम कर रहा हूं केवल अपने खाने पर ध्यान देता हूं। मैं हर तीन महीने में नियमित जांच करवाता हूं। परीक्षण भी मेरे अनुकूल हैं लेकिन मैं अब भी इससे बाहर नहीं निकल पा रहा हूं।
जिंदगी बदलने वाली इस घटना के बावजूद हेडली ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट पर भी नजर बनाए रखी। उन्होंने कहा कि भारत के पास कुछ शानदार तेज गेंदबाज है। इशांत शर्मा टेस्ट क्रिकेट में अच्छी भूमिका निभा रहा है। मुझे मुहम्मद शमी पसंद है। बुमराह अलग तरह का गेंदबाज है। वर्तमान तेज गेंदबाजों में हेडली ने इंग्लैंड के जेम्स एंडरसन को अपनी पसंद बताया। उन्होंने कहा कि एंडरसन का जवाब नहीं। आप उसके विकेट देख लो। आउटस्विंगर, इनस्विंगर, गेंद छोड़ना और कलाई की स्थिति को देखो। उसने लगभग 600 टेस्ट विकेट लिए हैं।'
टेस्ट क्रिकेट के बिना टी-20 का अस्तित्व नहीं बचेगा
हेडली टी-20 क्रिकेट के प्रशंसक नहीं हैं और उनका मानना है कि अगर टेस्ट क्रिकेट का ध्यान नहीं रखा गया तो क्रिकेट के सबसे छोटे प्रारूप का बचे रहना मुश्किल होगा। हेडली ने कहा कि क्रिकेट के आधार को 'बचाए' रखना चाहिए और अगर संतुलन बनाया गया तो तीनों प्रारूप एक साथ बने रह सकते हैं। उन्होंने कहा कि टेस्ट क्रिकेट को संरक्षित करना होगा। यह वह नींव है जिस पर खेल आधारित है इसलिए हमें पांच वनडे मैच पर ध्यान देना होगा।
उन्होंने कहा कि जाहिर है टी-20 क्रिकेट के आने से इस खेल में क्रांति आई है, तीनों प्रारूप एक साथ बने रह सकते है। तीनों जारी रह सकते है लेकिन मुझे टी-20 क्रिकेट देखना पसंद नहीं जो इन दिनों क्रिकेट की दुनिया में राज कर रहा है। उन्होंने कहा कि अगर पारंपरिक प्रारूप पर ध्यान नहीं दिया गया तो टी-20 क्रिकेट का बचे रहना मुश्किल है। उन्होंने कहा कि शायद दुनिया भर में काफी टी-20 क्रिकेट खेला जा रहा, लेकिन मैं इस बात को लेकर आश्वस्त हूं कि यह खेल टी-20 क्रिकेट के सहारे ही जीवित नहीं रह पाएगा क्योंकि टी-20 प्रारूप वास्तविक क्रिकेट नहीं है। टेस्ट क्रिकेट ही असली क्रिकेट है।