सुनील गावस्कर ने बताई वो एक गलती, जिसकी वजह से वर्ल्ड कप 2019 हारी भारतीय टीम
भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर ने उस एक गलती के बारे में बताया है जिसकी वजह से भारतीय टीम को वर्ल्ड कप 2019 में हार झेलनी पड़ी।
नई दिल्ली, जेएनएन। भारत के 2019 के विश्व कप अभियान के बारे में एक साल से अधिक समय से विस्तृत चर्चा चल रही है। भारतीय टीम पिछले कुछ वर्षों में शानदार प्रदर्शन के बाद इंग्लैंड में खिताब जीतने के लिए पसंदीदा टीमों में शामिल थी। विराट कोहली की कप्तानी में टीम ग्रुप चरण के बाद अंक तालिका में शीर्ष पर रही। ऐसा लग रहा था कि सेमीफाइनल में भारत 240 रन बनाकर न्यूजीलैंड को हराकर फाइनल में पहुंच जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। अब टीम के पूर्व कप्तान और महान बल्लेबाज सुनील गावस्कर ने बताया है कि भारतीय टीम से कहां चूक हुई।
दरअसल, भारत का शीर्ष क्रम टूर्नामेंट में पहली बार विफल रहा, मध्य क्रम बहुत कुछ नहीं कर सका और भारतीय उम्मीदों पर खरा उतरने के लिए इसे एमएस धौनी और रवींद्र जडेजा पर छोड़ दिया गया, लेकिन यह प्रतियोगिता तब समाप्त हुई जब धौनी रन आउट हो गए। ऐसे में जब भी विश्व कप के बारे में कोई बहस होती है, तो यह बातचीत टीम प्रबंधन की अक्षमता की ओर मुड़ जाती है, क्योंकि टीम के पास एक व्यवस्थित नंबर 4 का बल्लेबाज नहीं था। ऐसा ही कुछ भारतीय दिग्गज सुनील गावस्कर ने भी कहा है कि भारत के पास वर्ल्ड कप में नंबर 4 का बल्लेबाज नहीं था।
सुनील गावस्कर ने एक चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा है, "हमें देखने की जरूरत है कि 4, 5 और 6 के बल्लेबाज बहुत अच्छे बल्लेबाज हों, जो शीर्ष पर भी बल्लेबाजी कर सके या फिर टॉप ऑर्डर के फ्लॉप होने के बाद मध्य क्रम को संभाल सकें। हमने 2019 विश्व कप में नंबर 4 का प्रोपर बैट्समैन नहीं रखने की गलती की। अगर हमारे पास विश्व कप के लिए उचित नंबर 4 होता तो शायद यह पूरी तरह से अलग कहानी होती।" हाल ही में संन्यास लेने वाले सुरेश रैना ने भी यही बात कही थी और कहा था कि अंबाती रायुडू नंबर 4 पर होते तो भारत विश्व कप जीत सकता था।
उन्होंने आगे कहा, "भारत की टॉप-3 बैटिंग लाइनअप एक ऐसी शानदार बैटिंग लाइनअप थी, जो कि वर्ल्ड कप के शुरुआती चरण में शानदार रही। ऐसे में नंबर 4 और 5 को लंबी पारी खेलने का मौका नहीं मिला है। वहीं, जब टॉप 3 सस्ते में आउट हो जाते हैं और यह भारत के लिए दुर्भाग्य से सेमीफाइनल मैच में होता है। ऐसे में मध्य क्रम को पारी संभालनी चाहिए थी और यहीं नंबर 4, 5 और 6 के बल्लेबाज असफल हो गए।"