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BCCI अध्यक्ष सौरव गांगुली ने खोला भेद, खास बदलाव की वजह से टीम इंडिया की गेंदबाजी हुई घातक

बीसीसीआइ अध्यक्ष सौरव गांगुली ने कहा कि वर्तमान में भारत के तेज गेंदबाजी विभाग के मजबूत बनने के मुख्य कारण सांस्कृतिक बदलाव और फिटनेस के बढ़ते मानक हैं।

By Viplove KumarEdited By: Published: Mon, 06 Jul 2020 08:14 PM (IST)Updated: Mon, 06 Jul 2020 08:14 PM (IST)
BCCI अध्यक्ष सौरव गांगुली ने खोला भेद, खास बदलाव की वजह से टीम इंडिया की गेंदबाजी हुई घातक
BCCI अध्यक्ष सौरव गांगुली ने खोला भेद, खास बदलाव की वजह से टीम इंडिया की गेंदबाजी हुई घातक

कोलकाता, पीटीआइ। भारतीय क्रिकेट टीम की गेंदबाजी को आज दुनिया की सबसे बेहतरीन आक्रमण में शुमार किया जाता है। ऑस्ट्रलिया, इंग्लैंड, साउथ अफ्रीका और न्यूजीलैंड में टीम इंडिया के तेज गेंदबाजों ने अपना लोहा मनवाया है। पूर्व कप्तान और बीसीसीआइ के वर्तमान अध्यक्ष सौरव गांगुली ने कहा कि वर्तमान में भारत के तेज गेंदबाजी विभाग के मजबूत बनने के मुख्य कारण सांस्कृतिक बदलाव और फिटनेस के बढ़ते मानक हैं।

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टीम इंडिया की तेज गेंदबाजी आक्रमण में अनुभवी इशांत शर्मा, मोहम्मद शमी, उमेश यादव और भुवनेश्वर कुमार मौजूद हैं। वहीं युवा जसप्रीत बुमराह ने टेस्ट क्रिकेट में बड़ी जल्दी बड़ी कामयाबी हासिल की है। इन सभी गेंदबाजों की उपस्थिति में भारतीय तेज गेंदबाजी विश्व में सबसे मजबूत आक्रमण के रूप में उभरा है।

गांगुली से भारतीय टेस्ट सलामी बल्लेबाज मयंक अग्रवाल के साथ बीसीसीआइ ट्विटर हैंडल पर चैट शो में पूछा गया कि बदलाव लाने में अहम भूमिका किसने निभाई, उन्होंने कहा, "मैं इसमें इन सभी का योगदान मानता हूं, कोच, फिटनेस ट्रेनर और मुझे लगता है कि सांस्कृतिक बदलाव भी।"

उन्होंने कहा, "भारत में अब यह धारणा बन गई है कि हम अच्छे तेज गेंदबाज तैयार कर सकते हैं। केवल तेज गेंदबाज ही नहीं, बल्कि बल्लेबाज भी फिटनेस के प्रति जागरूक हुए हैं। उनके फिटनेस मानदंड बदले हैं। मुझे लगता कि इसमें काफी बदलाव आया है।

जवागल श्रीनाथ, जहीर खान और आशीष नेहरा जैसे अच्छे तेज गेंदबाजों की अगुआई करने वाले गांगुली ने कहा कि वर्तमान गेंदबाजों में यह विश्वास आ गया है कि वे रफ्तार के सौदागर बन सकते हैं। उन्होंने कहा, "और इससे सभी की समझ में यह बात आ गई कि अगर वे फिट हैं, अगर वे दमदार हैं तो फिर हम भी दूसरों की तरह तेज गेंदबाजी कर सकते हैं।

गांगुली ने कहा, मेरी पीढ़ी के या उससे पहले के वेस्टइंडीज के खिलाड़ी नैसार्गिक तौर पर मजबूत और दमदार थे। हम भारतीय कभी नैसार्गिक रूप से इतने मजबूत और दमदार नहीं रहे, इसलिए हमने मजबूत बनने के लिए कड़ी मेहनत की। इसलिए मुझे लगता है कि यह संस्कृति में बदलाव है जो कि बेहद महत्वपूर्ण है।


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