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सौरव गांगुली और राहुल द्रविड़ ने बदली भारतीय जूनियर क्रिकेट की तस्वीर

राहुल द्रविड़ और टीम इंडिया को आक्रामक बनाने वाले सौरव गांगुली वर्तमान में भारतीय जूनियर क्रिकेट की तस्वीर बदलने में अहम भूमिका निभा रहे हैं।

By Sanjay SavernEdited By: Published: Wed, 19 Feb 2020 08:49 PM (IST)Updated: Wed, 19 Feb 2020 08:49 PM (IST)
सौरव गांगुली और राहुल द्रविड़ ने बदली भारतीय जूनियर क्रिकेट की तस्वीर
सौरव गांगुली और राहुल द्रविड़ ने बदली भारतीय जूनियर क्रिकेट की तस्वीर

अरुण सिंह, पटना। कभी भारतीय क्रिकेट की दीवार कहे जाने वाले राहुल द्रविड़ और टीम इंडिया को आक्रामक बनाने वाले सौरव गांगुली वर्तमान में भारतीय जूनियर क्रिकेट की तस्वीर बदलने में अहम भूमिका निभा रहे हैं।

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भारतीय जूनियर टीम चयन समिति के सदस्य पूर्व क्रिकेटर ज्ञानेंद्र पांडेय ने दैनिक जागरण से विशेष बातचीत में बताया कि अंडर-19 और भारत-ए टीम के मुख्य कोच के रूप में राहुल द्रविड़ ने इशान किशन, पृथ्वी शॉ, रिषभ पंत जैसे कई प्रतिभाओं को तलाश कर उन्हें निखारा है। अब वह बेंगलुरु में राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी (एनसीए) में निदेशक के तौर पर अपनी भूमिका को बखूबी अंजाम दे रहे हैं। साथ ही भारत-ए और अंडर-19 टीम की प्रगति पर वह कड़ी नजर रखे हुए हैं।

उन्होंने कहा कि न्यूजीलैंड दौरे पर भारत-ए टीम को देखने मैं भी गया था और मैं दावे से कह सकता हूं कि द्रविड़ के कारण काफी फर्क पड़ा है। उसी तरह भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआइ) के अध्यक्ष के रूप में सौरव गांगुली काफी आक्रामक नजर आ रहे हैं, जैसा कभी वह कप्तान के रूप में थे। उनके आने से सीनियर, जूनियर और महिला क्रिकेट में काफी बदलाव नजर आ रहा है। इतना ही नहीं, राज्य संघों के क्रिकेट संचालन में भी वे बढ़-चढ़ कर मदद कर रहे हैं।

दादा के कहने पर एमपी वर्मा क्रिकेट टूर्नामेंट देखने पटना पहुंचे ज्ञानेंद्र पिछले दिनों बांग्लादेश के खिलाफ अंडर-19 विश्व कप के फाइनल में भारत की हार से निराश दिखे। उन्होंने बताया कि भारत का स्कोर अगर दौ सौ के पार होता तो हमे लगातार दूसरी बार खिताब जीतने से कोई नहीं रोक सकता था। बहरहाल यशस्वी जायसवाल, प्रियम गर्ग, रवि बिस्नोई जैसे कई क्रिकेटरों ने बेहतरीन प्रदर्शन कर सीनियर टीम के लिए अपनी दावेदारी मजबूत की है। अपने करियर में दो वनडे और सौ प्रथम श्रेणी मैच खेल चुके ज्ञानेंद्र पांडेय ने कहा कि बिहार क्रिकेट को पटरी पर लाने में आदित्य वर्मा की अहम भूमिका रही है। बिहार को रणजी की मान्यता उन्हीं के कारण मिली है और मैं उनसे काफी प्रभावित हूं।


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