शुभमन गिल ने बताया टेस्ट क्रिकेट में वो अब तक शतक लगाने में क्यों नहीं हो पाए हैं सफल
गिल ने दिन के खेल के बाद कहा मैं अच्छी बल्लेबाजी कर रहा था और यह मेरे लिए बड़ा मौका था लेकिन दुर्भाग्य से मैं इससे (बड़ी पारी से) चूक गया। इस पिच पर तेज गेंदबाजों के लिए ज्यादा कुछ नहीं था लेकिन स्पिनरों को मदद मिल रही है।
मुंबई, प्रेट्र। भारत के युवा सलामी बल्लेबाज शुभमन गिल ने शुक्रवार को न्यूजीलैंड के खिलाफ दूसरे टेस्ट के पहले दिन से स्पिनरों की मददगार रही वानखेड़े की पिच पर गेंद की दिशा खेलने की जरूरत पर जोर दिया।
गिल ने दिन के खेल के बाद कहा, 'मैं अच्छी बल्लेबाजी कर रहा था और यह मेरे लिए बड़ा मौका था, लेकिन दुर्भाग्य से मैं इससे (बड़ी पारी से) चूक गया। इस पिच पर तेज गेंदबाजों के लिए ज्यादा कुछ नहीं था, लेकिन स्पिनरों को मदद मिल रही है। कोई-कोई गेंद अधिक स्पिन हो रही थी और रुक कर आ रही थी। मुझे हालांकि लगता है कि दिन का खेल जैसे-जैसे आगे बढ़ा, पिच सामान्य होने लगी। गेंद की दिशा में खेलना महत्वपूर्ण है। अगर यह स्पिन हो रही है तो स्पिन के साथ खेलने से बचना चाहिए। अगर ज्यादा स्पिन होती है तो आपको उम्मीद करनी होगी कि यह आपके बल्ले के बाहरी किनारे से नहीं टकराए। आप कोशिश करते हैं खासकर बायें हाथ के स्पिनरों के खिलाफ एलबीडब्ल्यू न हों।'
गिल अपना 10वां टेस्ट मैच खेल रहे हैं, लेकिन अभी तक शतक नहीं बना पाए हैं। उन्होंने अब तक 18 पारियों में चार अर्धशतक लगाए हैं। उन्होंने इस बात पर जो दिया कि शतक लगाने में विफलता के पीछे उनकी एकाग्रता कोई मुद्दा नहीं है। टेस्ट में उनका सर्वश्रेष्ठ स्कोर 91 है। उन्होंने कहा, 'दुर्भाग्य से मैंने इन 10 मैचों में अभी तक शतक नहीं बनाया है, लेकिन यह मेरी एकाग्रता के कारण नहीं है। मुझे लगता है कि अच्छी शुरुआत को बड़े स्कोर में बदलना वास्तव में मेरी ताकत है।'
वहीं शुभमन गिल ने मयंक अग्रवाल के बारे में कहा कि वो कानपुर टेस्ट मैच की दोनों पारियों में रन बनाने में सफल नहीं रहे थे। वहीं मुंबई टेस्ट मैच की पहली पारी में उन्होंने एक दृढ़ और शानदार पारी खेली। एक दिन में लगभग 250 गेंद खेलना और खेल के अंत में नाबाद पवेलियन लौटना असाधारण है। मयंक अग्रवाल ने खेल के पहले दिन नाबाद 120 रन बनाए थे और टीम को अच्छी स्थिति में लाने का काम किया।