सचिन तेंदुलकर से मांगे हुए बल्ले से शाहिद अफरीदी ने बनाया था तूफानी शतक का विश्व रिकॉर्ड, महमूद का खुलासा
पूर्व पाकिस्तानी क्रिकेटर महमूद ने इस बात का खुलासा किया कि अफरीदी ने श्रीलंका के खिलाफ रिकॉर्ड पारी सचिन तेंदुलकर के बल्ले से खेली थी।
नई दिल्ली, जेएनएन। पाकिस्तानी क्रिकेट टीम के पूर्व ऑलराउंडर शाहिद अफरीदी ने साल 1996 में डेब्यू सीरीज में महज 37 गेंद पर शतक बनाया था। यह उस समय का सबसे तेज शतक का रिकॉर्ड था और अफरीदी रातों रात स्टार बन गए थे। उनके साथी ने इस बात का खुलासा किया है कि अफरीदी की यह आतिशी पारी सचिन तेंदुलकर के बल्ले से आई थी।
शाहिद ने साल 1996 में नैरोबी में सहारा कप में डेब्यू किया था, जहां मैंने भी अपना पहला मैच खेला था। मुश्ताक अहमद को सीरीज के दौरान चोट लगी थी और शाहिद अफरीदी पाकिस्तान की ए टीम के साथ वेस्टइंडीज के दौरे पर थे। उन्होंने मुश्ताक अहमद की जगह टीम में लीग उस टूर्नामेंट के दौरान।
महमूद साल 1996 में खेले गए टूर्नामेंट की बात कर रहे हैं जहां श्रीलंका, पाकिस्तान, साउथ अफ्रीका और केन्या ने खेला था। यहां श्रीलंका के खिलाफ टूर्नामेंट के छठे मुकाबले में अफरीदी ने 40 गेंद पर 102 रन की आतिशी पारी खेली थी। उन्होंने महज 37 गेंद पर शतक जमाया था और यह 2014 में न्यूजीलैंड के कोरी एंडरसन द्वारा बनाए गए 36 गेंद पर शतक के बाद टूटा था। इसके एक साल बाद 2015 में पूर्व साउथ अफ्रीका कप्तान एबी डिविलियर्स ने 31 गेंद पर शतक जमाकर इस रिकॉर्ड को भी तोड़ दिया था।
महमूद ने इस बात का खुलासा किया कि अफरीदी ने यह शानदार पारी सचिन तेंदुलकर के बल्ले से खेली थी। "उन दिनों में श्रीलंका के दो ओपनर जयसूर्या और विकेटकीपर कालुवितराना काफी आक्रामक होकर खेला करते थे। इसी वजह से हमने सोचा कोई ऐसा हो जो तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी कर सके अफरीदी और मैं, वसीम ने कहा आप लोग जाओ और नेट्स में तेज शॉट्स लगाने की प्रैक्टिस कीजिए। मैं काफी अच्छी तरह से आगे बढ़कर शॉट्स लगा रहा था और अफरीदी स्पिनर के खिलाफ जमकर खेलते थे। नेट्स में लगभग सभी को बेरहमी से पिटाई करते थे।"
"अगले दिन हमें श्रीलंका के खिलाफ खेलना था और उन्होंने कहा अफरीदी तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी करेंगे। मुझे लगता है वकार यूनिस ने सचिन तेंदुलकर से वह बल्ला लिया था। उन्होंने महान बल्लेबाज सचिन का बल्ला इस्तेमाल किया और शतक बनाने में कमयाब हुए और वह बल्लेबाज बन गए। मुख्य तौर पर वह गेंदबाज थे जो गेंद पर प्रहार कर लेता था लेकिन आखिरी में उनका एक शानदार करियर रहा।"