सहवाग ने बताया 2011 वनडे वर्ल्ड कप से पहले उन्हें सर्जरी की थी जरूरत, फिर बोर्ड ने किया था ये फैसला
वीरेंद्र सहवाग ने ऑस्ट्रेलिया दौरे के लिए रोहित शर्मा के टीम में नहीं चुने जाने के बाद अपना उदाहरण देते हुए कहा कि 2011 वर्ल्ड कप से पहले उन्हें सर्जरी की जरूरत थी लेकिन बोर्ड ने ऐसा नहीं किया और कहा गया कि इस टूर्नामेंट में बाद मेरी सर्जरी होगी।
नई दिल्ली, जेएनएन। टीम इंडिया के पूर्व ओपनर बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग का मानना है कि रोहित शर्मा को ऑस्ट्रेलिया दौरे के लिए टीम इंडिया में शामिल किया जाना चाहिए था और अगर बोर्ड को रोहित के इंजरी की चिंता थी तो उनके साथ उनके रिप्लेसमेंट के तौर पर किसी अन्य खिलाड़ी को भी भेजा जाना चाहिए था। आइपीएल 2020 के बीच में हैमस्ट्रिंग इंजरी की वजह से रोहित ने कुछ मुकाबले मिस किए थे, लेकिन उन्होंने अपनी फिटनेस हासिल कर ली और मुंबई के लिए वो दो मैच खेल चुके हैं। इसके बाद तो सब हैरान हैं कि आखिर रोहित को ऑस्ट्रेलिया दौरे के लिए क्यों नहीं चुना गया।
अब सहवाग ने इस मामले पर एक उदाहरण दिया और कहा कि 2011 वनडे वर्ल्ड कप से पहले उन्हें सोल्जर की इंजरी थी और सर्जरी की जरूरत थी, लेकिन अगर उनकी सर्जरी होती तो वो वर्ल्ड कप में नहीं खेल पाते इस वजह से बीसीसीआइ ने उनकी सर्जरी में देर की। सहवाग ने कहा कि, मुंबई के फिजियो की तरफ से कहा गया कि, रोहित के फिट होने में कितना समय लगेगा और अगर टीम के चयन में इस बात को ध्यान में रखा गया तो फिर कहने के लिए कुछ भी नहीं है।
सहवाग ने कहा कि मैं अपने करियर का उदाहरण देता हूं कि 2011 विश्व कप से पहले मेरे कंधे में तकलीफ थी और जब स्कैन किया गया तब पता लगा कि मुझे सर्जरी की जरूरत है। इसके बाद मैंने बीसीसीआइ और कोच गैरी कर्स्टन से कहा कि मुझे सर्जरी की जरूरत है। ये दिसंबर 2010 की घटना थी और अगर सर्जरी होती तो मैं विश्व कप में नहीं खेल पाता।
अब फैसला बीसीसीआइ और गैरी के हाथ में था और मुझसे कहा गया कि आपकी सर्जरी वर्ल्ड कप से बाद होगी। इसके बाद मैं टेस्ट क्रिकेट खेला, लेकिन वर्ल्ड कप से पहले वनडे क्रिकेट नहीं खेला। मैं अधिक चोट लगने से बचना चाहता था और रिहैब के साथ-साथ इंजक्शन लगाने के लिए जर्मनी भी गया। इसके बारे में सभी जानते हैं।
सहवाग ने कहा कि रोहित की परेशानी भी कुछ ऐसी ही है। अगर वो फिट नहीं हैं तो भी उन्हें भेजा जाना चाहिए और उनके रिप्लेसमेंट के तौर पर एक खिलाड़ी भी साथ में जा सकता था। अगर वो फिट हैं और आइपीेएल फाइनल खेल सकते हैं तो एक अच्छे बल्लेबाज को टीम से दूर रखना सही नहीं है।