DRS को लेकर आया सचिन तेंदुलकर का बयान, बताया- क्यों खिलाड़ी लेते हैं रिव्यू
DRS Review महान बल्लेबाज और पूर्व भारतीय सलामी बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर ने डिसीजन रिव्यू सिस्टम यानी डीआरएस को लेकर कहा है कि खिलाड़ी रिव्यू इसलिए लेते हैं क्योंकि उनको फील्ड अंपायर के फैसले पर भरोसा नहीं होता है।
मुंबई, एएनआइ। भारतीय टीम के पूर्व सलामी बल्लेबाज और महान क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर ने इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल यानी आइसीसी से डिसीजन रिव्यू सिस्टम यानी डीआरएस में कुछ बदलाव करने की मांग की है। साथ ही सचिन ने ये भी बताया है कि खिलाड़ी क्यों डीआरएस लेने का फैसला करते हैं।
दर्जनों बार अंपायरों के गलत फैसलों का शिकार हुए सचिन तेंदुलकर ने कहा है, "खिलाड़ी रिव्यू का विकल्प इसलिए चुनते हैं, क्योंकि वे ऑन-फील्ड अंपायर द्वारा दिए गए निर्णय से खुश नहीं होते हैं। डीआरएस प्रणाली को आइसीसी द्वारा पूरी तरह से देखा जाना चाहिए, विशेष रूप से 'अंपायर्स कॉल' के लिए।"
The reason players opt for a review is because they’re unhappy with the decision taken by the on-field umpire.
DRS system needs to be thoroughly looked into by ICC
, especially for the 'Umpires Call': Legendary batsman & Former Indian Cricketer Sachin Tendulkar on DRS review pic.twitter.com/dQJWw4N2L6— ANI (@ANI) December 28, 2020
दरअसल, डीआरएस में सबसे बड़ा पंगा इस समय अंपायर्स कॉल का है, क्योंकि अंपायर का निर्णय सर्वमान्य होता है। ऐसे में अगर अंपायर ने कोई ऐसा फैसला लिया है, जिसमें खिलाड़ी नॉट आउट है, लेकिन अंपायर ने उसे आउट दिया है और डीआरएस में पता चलता है कि गेंद सिर्फ स्टंप्स को छूकर जा रही है तो फिर खिलाड़ी को आउट दिया जाता है।
वहीं, दूसरी स्थिति में अगर फील्डिंग वाली टीम ने ऑन-फील्ड अंपायर के फैसले को चुनौती दी है और lbw के केस में गेंद स्टंप्स को छूकर गुजर रही है तो फिर खिलाड़ी को नॉट आउट करार दिया जाता है। अंपायर का फैसला सिर्फ इस स्थिति में ही बदला जा सकता है, जब गेंद का आधा भाग स्टंप्स को टकराए या फिर गेंद जहां पिच हुई हो।
हालांकि, डीआरएस के आने से अंपायर के फैसलों में सुधार हुआ है और खिलाड़ियों को भी कई बार फायदा होता है। सबसे ज्यादा फायदा बल्लेबाज को उस समय मिलता है, जब अंपायर ने कैच आउट दिया हो, लेकिन बल्लेबाज को पता हो कि गेंद और बल्ले का संपर्क नहीं हुआ है।