'रोहित शर्मा और विराट कोहली दोनों ही मेरी आक्रामकता को टीम के लिए मानते हैं फायदेमंद'
भारतीय गेंदबाज ने कहा कि लार पर बैन लगने से स्पिनर भी बुरी तरह से प्रभावित होंगे।
नई दिल्ली, प्रेट्र। आइसीसी ने अब क्रिकेट में लार के इस्तेमाल पर रोक लगा दी है। अब जितने भी क्रिकेट मैच खेले जाएंगे उनमें ये नियम लागू रहेगा। इस नियम के लागू होने के बाद टीम इंडिया के स्पिनर युजवेंद्रा चहल ने कहा है कि इसके प्रतिबंध से सिर्फ फास्ट बॉलर ही नहीं बल्कि स्पिनर भी प्रभावित होंगे। अब स्पिनरों को बीच के ओवरों में ड्रिफ्ट नहीं मिलेगी। जब मैच के दौरान धीमी गति से गेंद फेंकने वाले गेंदबाज हवा की मदद से गेंद से स्पिन हासिल करते हैं उसे ड्रिफ्ट कहा जाता है।
चहल ने कहा कि जब आप लार का इस्तेमाल करते हैं तो इससे तेज गेंदबाजों को स्विंग हासिल करने में मदद मिलती है जबकि स्पिनरों को ड्रिफ्ट पाने में आसानी होती है। लार के इस्तेमाल पर लगे रोक के बाद स्पिनर अब ये हासिल नहीं कर पाएंगे और इससे बल्लेबाजों का काम काफी आसान हो जाएगा। इस पर प्रतिबंध के बाद दुनिया का हर गेंदबाज प्रभावित होगा।
चहल ने कहा कि इसका विकल्प क्या हो सकता है ये नेट पर अभ्यास के दौरान ही पता चल पाएगा। उन्होंने बताया कि स्पिनर भी गेंद को चमकाने के लिए लार का इस्तेमाल करते हैं क्योंकि हमें ये पता होता है कि हमारे बाद तेज गेंदबाज आएगा या फिर दूसरे छोर से तेज गेंदबाज गेंदबाजी कर रहा होता है। स्पिनर हों या फिर तेज गेंदबाज वो ऐसी स्थिति में गेंद को रखना चाहते हैं जिससे कि दोनों को मदद मिल सके।
इस चैट के दौरान हरभजन सिंह के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि आइपीएल में भज्जी ने मुझसे एक बार कहा था कि हमेशा एक गेंदबाज के तौर पर अपने स्किल पर भरोसा करो और उनकी ये सलाह मेरे बहुत काम आई। वहीं उन्होंने बताया कि मेरी गेंदबाजी का जो मजबूत पक्ष है वो ये कि मेरी गेंद की गति में विविधता है और मैं बल्लेबाजों को अपनी फ्लाइट से परेशान करता हूं।
वहीं उन्होंने कहा कि विराट और रोहित होनों ही ये मानते हैं कि मेरी आक्रामकता टीम के लिए काफी फायदेमंद है। चहल ने कहा कि मैच के दौरान कप्तानी चाहे दोनों में से कोई भी करे वो चाहते हैं कि हमें विकेट मिले। अगर मैं अपने 10 ओवर के स्पेल में 70 रन दे भी दूं, लेकिन बीच के ओवर में तीन विकेट निकाल दूं तो इससे टीम को फायदा मिलेगा।