World Cup 2019: न्यूजीलैंड की स्थिति वैसी, जैसी हमारी 1983 में थी- श्रीकांत
world cup 2019 श्रीकांत ने कहा कि केन विलियमसन और रॉस टेलर को छोड़ दें तो न्यूजीलैंड की बल्लेबाजी अभी तक उतनी मजबूत नजर नहीं आई है।
(क्रिस श्रीकांत का कॉलम)
यह वो फाइनल नहीं है जिसकी भारतीय प्रशंसकों ने उम्मीद की थी। मगर हमें यह बात स्वीकार करनी होगी कि इंग्लैंड और न्यूजीलैंड ने अपने खेल का स्तर तभी उठाया जब इसकी सबसे ज्यादा जरूरत थी। बेशक रविवार के मुकाबले में इंग्लैंड की टीम दावेदार होगी, लेकिन न्यूजीलैंड ने इस बात के सुबूत दे दिए हैं कि उसे हल्के में लेना भारी पड़ सकता है।
जेसन रॉय के वापस लौटने के बाद से इंग्लैंड की टीम अलग ही लय में नजर आ रही हैँ। इंग्लैंड की बल्लेबाजी में भी न्यूजीलैंड की तुलना में अधिक गहराई है। केन विलियमसन और रॉस टेलर को छोड़ दें तो न्यूजीलैंड की बल्लेबाजी अभी तक उतनी मजबूत नजर नहीं आई है। अगर टीम इंग्लैंड को चुनौती देना चाहती है तो फिर मार्टिन गुप्टिल और शीर्ष क्रम के उनके साथियों को बेहतर प्रदर्शन करना होगा।
टूर्नामेंट की शुरुआत में यह अनुमान लगाया जा रहा था कि यहां मुकाबले हाई स्कोरिंग होंगे और गेंदबाजों की भूमिका सीमित हो जाएगी। सौभाग्य से ऐसा नहीं हुआ। तेज गेंदबाजों ने इस टूर्नामेंट को रोमांचक बनाने के लिए पूरा जोर लगा दिया। यहां बात सिर्फ चौकों-छक्कों की नहीं थी, बल्कि छोटे लक्ष्यों का भी बचाव किया गया। ये नजारा देखना वाकई सुखद था।
ट्रेंट बोल्ट और लॉकी फर्ग्यूसन ने सुनिश्चित किया कि न्यूजीलैंड की टीम टूर्नामेंट में बनी रहे। उन्होंने जिस लेंथ पर गेंदबाजी की, उससे विकेट मिलने के अवसर बढ़ गए। मेरे लिहाज से यह एक ऐसा क्षेत्र था जहां उसने भारतीय टीम पर बढ़त बनाई। भारतीय गेंदबाज अपने शानदार प्रदर्शन के बावजूद सेमीफाइनल में जादुई खेल दिखाने से कुछ पीछे रह गए।
न्यूजीलैंड की टीम जब इस मुकाबले में उतरेगी तो उसके सामने खोने के लिए कुछ नहीं होगा, जबकि पाने के लिए होगा विश्व चैंपियन का रुतबा। यह टीम फाइनल में बिना किसी डर और दबाव के उतर सकती है। यह ऐसी ही स्थिति है जो 1983 में हमारे सामने थी। तब सारा दबाव वेस्टइंडीज पर था और हम काफी खुश थे। अंत में जो हुआ वो सभी को मालूम है।
मौजूदा समय में इंग्लैंड की टीम ने सभी विभागों में बेहतर प्रदर्शन किया है। इंग्लैंड को रोकने के लिए न्यूजीलैंड को बेहद खास प्रदर्शन करना होगा। इसके लिए सिर्फ एक खिलाड़ी नहीं, बल्कि पूरी टीम को एकजुट होकर खेलना होगा। मेरे ख्याल से टॉस बेहद अहम भूमिका निभाएगा और पहले बल्लेबाजी करने वाली टीम फायदे में रहेगी।
विश्व चैंपियन बनने के लिए इंग्लैंड का लंबा इंतजार अब खत्म हो सकता है। ऐसे में कई मामलों में यह पहला मौका हो सकता है जब इंग्लैंड की टीम पहली बार इस चमचमाती ट्रॉफी को अपने हाथों में उठाएगी।