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टीम की जरूरत खिलाड़ी की व्यक्तिगत उपलब्धि से अधिक महत्वपूर्ण- सुनील गावस्कर

गावस्कर ने कहा कि अगर भारत ने सेंचुरियन में दक्षिण अफ्रीका के किले को ध्वस्त किया तो अफ्रीकी खिलाड़ियों ने जोहानिसबर्ग के वांडरर्स क्रिकेट मैदान में घर से बाहर बने भारत के किले को तोड़ा। भारत की 1992 के बाद इस स्थल पर सभी दौरों में यह पहली हार है।

By Sanjay SavernEdited By: Published: Sat, 08 Jan 2022 06:52 PM (IST)Updated: Mon, 10 Jan 2022 11:23 AM (IST)
टीम इंडिया के पूर्व ओपनर बल्लेबाज गावस्कर (एपी फोटो)

(सुनील गावस्कर का कालम)

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भारत के खिलाफ दूसरे टेस्ट मैच में दक्षिण अफ्रीका के डीन एल्गर ने अपनी क्षमता सभी को दिखाई। अगर भारत ने सेंचुरियन में दक्षिण अफ्रीका के किले को ध्वस्त किया तो अफ्रीकी खिलाड़ियों ने जोहानिसबर्ग के वांडरर्स क्रिकेट मैदान में घर से बाहर बने भारत के किले को तोड़ा। भारत की 1992 के बाद इस स्थल पर सभी दौरों में यह पहली हार है। एल्गर इस मैच में नाबाद रहे और वह टेस्ट शतक के काफी करीब थे लेकिन जीत मिलना टेस्ट शतक बनाने से चूकने से अधिक महत्वपूर्ण है। दक्षिण अफ्रीका जीत के करीब पहुंच रहा था वैसे ही एल्गर के शतक बनाने की उम्मीद बढ़ रही थी। उन्हें शतक बनाने के लिए ज्यादा से ज्यादा स्ट्राइक मिलनी चाहिए थी। हालांकि, उस वक्त तेंबा बावुमा ने शानदार बाउंड्री लगाई जिसके बाद एल्गर शतक बनाने से चूक गए।

मान लीजिए ऐसी स्थिति भारत में बनती जहां बल्लेबाज शतक के करीब और उसके प्रशंसक इसका इंतजार कर रहे हैं लेकिन वह शतक नहीं बना पाए। उनका तर्क यह होता कि मैच में काफी समय बचा था, सात विकेट हाथ में थे फिर भी उस बल्लेबाज ने जिसने बाउंड्री लगाई उसने प्रशंसकों के प्रिय बल्लेबाज को शतक लगाने का मौका क्यों नहीं दिया। हां, टीम में व्यक्तिगत उपलब्धि के लिए जगह होती है लेकिन टीम की जरूरतें इससे बढ़कर होती हैं।

जवागल श्रीनाथ इस बात का उदाहरण हैं जिन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ टेस्ट में स्टंप के बाहर गेंद की जिससे उन्हें अंतिम विकेट नहीं मिल सके क्योंकि दूसरी तरफ अनिल कुंबले थे जो नौ विकेट ले चुके थे। श्रीनाथ ने अपनी तरफ से ऐसा करने की पूरी कोशिश की। आमतौर पर श्रीनाथ स्टंप के बाहर गेंद नहीं कर पाते थे क्योंकि उनकी पूरी अभ्यास प्रक्रिया स्टंप को हिट करने को लेकर होती थी। अपने नियमित खेल को नहीं खेलना आसान नहीं होता। वो श्रीनाथ के करियर का एकमात्र ओवर था जिसमें वह उम्मीद कर रहे थे कि उन्हें आखिरी विकेट नहीं मिले। कुंबले ने अगले ओवर में 10वां विकेट लिया और इतिहास रचा लेकिन उनसे पहले का श्रीनाथ का ओवर एक नाटकीय क्रम रहा जो मुझे याद है। उस वक्त फिरोजशाह कोटला स्टेडियम में बैठे दर्शक, टीवी पर मैच देख रहे प्रशंसक और मैदान पर मौजूद 10 खिलाड़ी प्रार्थना कर रहे थे कि श्रीनाथ को विकेट नहीं मिले।

आस्ट्रेलिया के उस्मान ख्वाजा का सिडनी टेस्ट मैच की दोनों पारियों में शतक उन लोगों पर तमाचा है जिन्होंने पिछले दो-ढाई वर्ष से उन्हें आस्ट्रेलियाई टीम से बाहर रखा। दक्षिण अफ्रीका में 2018 में सैंड पेपर कांड के बाद आस्ट्रेलियाई क्रिकेट टीम के ड्रेसिंग रूम में कैमरे को करीब 16 महीनों तक वहां ले जाने की अनुमति दी गई थी। उसने एक घटना दिखाई जहां ख्वाजा टीम के कोच को बता रहे थे कि टीम के अन्य खिलाड़ी उनके बारे में क्या सोचते हैं। इसके बाद उन्होंने शायद ही कोई मैच खेला, उन्हें टीम में वापसी की जगह मिली लेकिन उस वक्त जब ट्रेविस वेड कोरोना के कारण सिडनी टेस्ट में नहीं खेले। हेड पांचवें और आखिरी टेस्ट के लिए फिट हैं, ऐसे में क्या ख्वाजा टीम में जगह बना पाएंगे। यह देखना दिलचस्प होगा।


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