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नवदीप सैनी ने इंजरी के बावजूद क्यों किया था गेंदबाजी करने का फैसला, अब खोला ये बड़ा राज

नवदीप सैनी ने सिडनी टेस्ट में चार विकेट लिए थे और इसके बारे में उन्होंने कहा कि सभी विकेट खास हैं लेकिन पहला विकेट आप कभी नहीं भूल सकते। जब तक वह नहीं मिल जाता आप पहले विकेट के बारे में ही सोचते रहते हैं।

By Sanjay SavernEdited By: Published: Sat, 23 Jan 2021 06:45 PM (IST)Updated: Sat, 23 Jan 2021 06:45 PM (IST)
नवदीप सैनी ने इंजरी के बावजूद क्यों किया था गेंदबाजी करने का फैसला, अब खोला ये बड़ा राज
टीम इंडिया के तेज गेंदबाज नवदीप सैनी (एपी फोटो)

नई दिल्ली, एएनआइ। भारतीय युवा तेज गेंदबाज नवदीप सैनी ब्रिसबेन में ग्रोइन की चोट से ग्रसित हो गए थे और इसकी वजह से वो इस टेस्ट में ज्यादा अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाए थे। इस टेस्ट मैच में चोटिल होने के बाद जब उनसे कप्तान अजिंक्य रहाणे ने गेंदबाजी के लिए पूछा तो वो मना नहीं कर पाए और पांच ओवर गेंदबाजी की। सैनी के मुताबिक इतने बड़े लेवल पर फिर खेलने का मौका नहीं मिल पाने के डर से उन्होंने ऐसा किया था। उन्होंने बताया कि, जब अजिंक्य भैया ने मुझसे पूछा कि, क्या मैं चोट के बावजूद गेंदबाजी कर सकता हूं तो मुझे हां कहना ही थी। 

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रिषभ पंत ने जब ब्रिस्बेन टेस्ट में विजयी रन बनाया था तब दूसरे एंड पर नवदीप सैनी बतौर बल्लेबाज मौजूद थे। सैनी ने सिडनी टेस्ट के जरिए डेब्यू किया था और चार विकेट लिए, लेकिन गाबा में ऑस्ट्रेलिया की पहली पारी में वो चोटिल हो गए थे और फिर 7.5 ओवर ही फेंक पाए थे। सैनी ने कहा कि मैं ठीक था लेकिन अचानक चोट लग गई। मैने सोचा कि इतने अहम मैच में चोट क्यों लगी जब मुझे इतने साल बाद खेलने का मौका मिला था।

उन्होंने कहा कि मैं बस यही चाहता था कि चोट के बावजूद खेल सकूं। इस तरह का मौका शायद दोबारा कभी ना मिले। इसके बाद कप्तान ने पूछा कि क्या मैं खेल सकूंगा। मुझे दर्द था लेकिन मैने कहा कि मैं जो कर सकूंगा, करूंगा। सैनी ने बताया कि अब मैं ठीक हो रहा हूं और जल्दी ही फिट हो जाऊंगा। अब तक दस टी20 और सात वनडे खेल चुके सैनी इंग्लैंड के खिलाफ पांच फरवरी से शुरू हो रही टेस्ट सीरीज के पहले दो मैचों के लिए भारतीय टीम का हिस्सा नहीं हैं। 

सैनी ने सिडनी टेस्ट में चार विकेट लिए थे और इसके बारे में उन्होंने कहा कि, सभी विकेट खास हैं लेकिन पहला विकेट आप कभी नहीं भूल सकते। जब तक वह नहीं मिल जाता, आप पहले विकेट के बारे में ही सोचते रहते हैं।ऑस्ट्रेलिया में पहली बार टेस्ट सीरीज खेलने को यादगार अनुभव बताते हुए उन्होंने कहा कि ऑस्ट्रेलियाई पिचों पर मिलने वाले उछाल से रोमांचित होना स्वाभाविक है। ऐसे में शॉर्ट गेंद डालने का लालच आता है लेकिन टेस्ट क्रिकेट सिर्फ इतना ही नहीं है। इसमें संयम रखकर लगातार अच्छा प्रदर्शन करना होता है।

उन्होंने बताया कि ऑस्ट्रेलिया में अच्छे प्रदर्शन के लिए मानसिक रूप से मजबूत होना जरूरी है। कंगारू टीम के खिलाड़ी आखिर तक हार नहीं मानते। भारतीय टीम मैनेजमेंट की उन्होंने तारीफ की और बताया कि रहाणे व रोहित भैया ने मेरी काफी मदद की। उन्होंने मुझसे कहा कि, मैं उसी तरह से गेंदबाजी करूं जैसे कि रणजी ट्रॉफी के दौरान करता हूं। वहीं सैनी ने सिराज के बारे में कहा कि, उनके पिता का निधन हो गया था फिर भी वो सीरीज के लिए रुके और दिखाया कि वो काफी मजबूत हैं और उन्होंने सबसे ज्यादा विकेट भी लिए। 


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