Move to Jagran APP

Exclusive: एन श्रीनिवासन का खुलासा, शशांक और इस कमेटी के कारण BCCI को हुआ नुकसान

Exclusive BCCI के पूर्व अध्यक्ष एन श्रीनिवासन ने कहा है कि शशांक और सीओए के कारण BCCI का नुकसान हुआ और बोर्ड काफी कमजोर हुआ है।

By Vikash GaurEdited By: Published: Thu, 03 Oct 2019 09:29 AM (IST)Updated: Thu, 03 Oct 2019 09:29 AM (IST)
Exclusive: एन श्रीनिवासन का खुलासा, शशांक और इस कमेटी के कारण BCCI को हुआ नुकसान
Exclusive: एन श्रीनिवासन का खुलासा, शशांक और इस कमेटी के कारण BCCI को हुआ नुकसान

नई दिल्ली, जागरण स्पेशल। करीब ढाई साल बाद आगामी 23 अक्टूबर को बीसीसीआइ चुनावों के साथ बोर्ड को नई शीर्ष संस्था मिलेगी और इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित प्रशासकों की समिति (सीओए) का भी सफर समाप्त हो जाएगा। आइसीसी के पूर्व चेयरमैन और बीसीसीआइ के पूर्व अध्यक्ष एन श्रीनिवासन ने सीओए को और आइसीसी के मौजूदा चेयरमैन व पूर्व बोर्ड अध्यक्ष शशांक मनोहर को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बीसीसीआइ को कमजोर करने का आरोप लगाया है। बीसीसीआइ चुनाव और भारतीय क्रिकेट से जुड़े तमाम मुद्दों को लेकर एन. श्रीनिवासन से अभिषेक त्रिपाठी ने विशेष बातचीत की। पेश हैं प्रमुख अंश :

loksabha election banner

-आपकी बेटी रूपा तमिलनाडु क्रिकेट संघ में बतौर अध्यक्ष कुर्सी संभालने वाली बीसीसीआइ की पहली महिला सदस्य हैं। क्या आपने उनके बीसीसीआइ में जाने के लिए कुछ रोड मैप तैयार किया है?

--रूपा एक योग्य और सक्षम महिला हैं। वह काफी सालों से इंडिया सीमेंट्स में उच्च पद पर हैं और उन्हें बड़ी जिम्मेदारियों को संभालने का अनुभव है। उनको किसी की मदद की जरूरत नहीं है। पढ़ी-लिखी होने के साथ-साथ वह समझदार भी हैं। वह अपने फैसले खुद ले सकती हैं। जहां तक बीसीसीआइ की बात है तो मैं इतना ही कहूंगा अभी तो उन्होंने तमिलनाडु क्रिकेट संघ की जिम्मेदारी संभाली है और वह उसी को पूरा समय देंगी।

-आप बीसीसीआइ के अध्यक्ष रहे हैं और अब भी आप भारतीय क्रिकेट पर नजदीकी निगाह रखते हैं। आपके बीसीसीआइ से जाने के बाद बोर्ड में आए बदलाव को कैसे देखते हैं?

--पिछले कुछ सालों में भारत को आइसीसी में अपनी मजबूत स्थिति गंवानी पड़ी जबकि बीसीसीआइ में ऐसे अधिकारी रखे गए हैं जिनको अच्छा-खासा भुगतान किया जाता है। 2015 के बाद से हमें आइसीसी से एक भी पैसा नहीं मिला है। अचानक से नजरिया बदलने लगा है। अब खेलों के विकास के बजाय खिलाडि़यों के विकास पर ध्यान दिया जाने लगा है। मुझे दुख होता है कि हमारा ध्यान भटक चुका है।

-बीसीसीआइ चुनावों के साथ 23 अक्टूबर के बाद सीओए का सफर भी समाप्त हो जाएगा। क्या आप सीओए के कामों से खुश हैं?

--मैंने पहले भी सार्वजनिक रूप से कहा था कि सीओए की स्थिति स्पष्ट नहीं थी, लेकिन मुझे बीसीसीआइ के लिए ज्यादा बुरा लगता है। सीओए और शशांक मनोहर के कारण बीसीसीआइ का बहुत नुकसान हुआ है। बोर्ड को इससे उबरना के लिए बहुत कुछ खुद से करना पड़ेगा।

-हालिया समय में बीसीसीआइ और आइसीसी के संबंधों को आप कैसे देखते हैं?

--देखिए, बीसीसीआइ ने आइसीसी में अपनी पकड़ गंवा दी है। भारत को आर्थिक नुकसान हुआ है। जो भी नुकसान हुआ है उसके लिए बहुत कुछ करना चाहिए था। आइसीसी ने बीसीसीआइ का पूरा फायदा उठाया। शशांक मनोहर भारत के लिए एक बड़ी भूल साबित हुए। भारत को अब इन चीजों से उबरने केलिए कई कदम उठाने होंगे।

-एमएस धौनी के साथ आपके बहुत अच्छे संबंध रहे हैं जिनके संन्यास को लेकर इन दिनों बहुत चर्चा हो रही है। इस पर आपकी क्या राय है ?

--इसके बारे में मीडिया सबसे अच्छे से बता सकता है। 2013 में मैं लगातार मीडिया की खबरों में रहा था, लेकिन मैंने किया क्या था। यहां तक की जवाहर लाल नेहरू और मोहन दास करमचंद गांधी भी इससे अछूते नहीं रहे हैं। मीडिया से कोई नहीं बच पाया है और कुछ ऐसा ही एमएस धौनी के साथ है। एक खास वर्ग धौनी के पीछे पड़ा हुआ है। वह अभी भी भारत के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों में से एक हैं। मुझे यह नहीं समझ में आता कि जब तक एक खिलाड़ी खेल रहा है तब उससे यह पूछने का क्या मतलब है कि आप कब संन्यास ले रहे हैं ? भारतीय क्रिकेट को कई यादगार जीतें उन्होंने दिलाई हैं और क्रिकेट में इतने योगदान के बावजूद एक खास वर्ग उन्हें निशाने पर रखता है, यह जानकर दुख होता है। पता नहीं ये लोग कौन हैं, कहां से आते हैं और इनको इसका क्या फायदा मिलता है। जो भी क्रिकेटर उनके बारे में बात कर रहे हैं, वे धौनी के खेले कुल मैचों के 10 फीसद मैच भी नहीं खेले हैं।

-क्या आपने मीडिया से बचने का कोई सुझाव धौनी को दिया है?

--नहीं। मुझे नहीं लगता कि उन्हें किसी से किसी तरह के सुझाव की जरूरत है। लोग पूछते हैं कि क्या धौनी की अभी भी चेन्नई सुपरकिंग्स के कप्तान रहेंगे तो मैं उनसे यही कहूंगा कि वह कप्तान थे और और आगे भी वही कप्तान रहेंगे।

-बीसीसीआइ के सबसे अनुभवी प्रशासकों में से एक होने के नाते आप भारतीय क्रिकेट के भविष्य को कैसे देखते हैं?

--आज भारतीय क्रिकेट जिस भी मुकाम पर है उसके लिए मैं कई क्रिकेटरों का शुक्रगुजार हूं। साथ ही मैं आइपीएल को भी धन्यवाद देता हूं। अब भारत के हर क्षेत्र से क्रिकेटर आ रहे हैं और अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहे हैं। अगर सही तरीके से उनकी ऊर्जा का इस्तेमाल किया जाएगा तो हमारा क्रिकेट यूं ही आगे बढ़ता रहेगा। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत से ही ज्यादातर कमाई होती है लेकिन हमारे साथ गैर नागरिक की तरह बर्ताव किया जाता है। इसे बदलने की जरूरत है। मैंने इसे बदलने की कोशिश की थी, लेकिन शशांक मनोहर और उनकी टीम व सीओए ने फिर से आइसीसी के हाथों में सब सौंप दिया। आज स्थिति यह है कि भारत से कमाया जाने वाला पैसा दूसरों में बांटा जा रहा है। फिलहाल यह मेरा काम नहीं है, लेकिन मुझे जो करना है वह मैं करता हूं। सच्चाई यह है कि आज के समय में मैं अपने कारोबार में बहुत ज्यादा व्यस्त हूं। सबसे पहले तो चुनाव हो जाएं, फिर देखते हैं क्या होता है।

-तमिलनाडु प्रीमियर लीग काफी विवादों में रही। फिक्सिंग की बातें सामने आईं। क्या अपने उसमें सुधार के लिए कोई कदम उठाए हैं?

-तमिलनाडु प्रीमियर लीग पर भी सीओए का हमला देखने को मिला। उन्होंने इस लीग को लेकर कई शंकाएं जाहिर कीं और हमने उसकी हर तरह से जांच की। मुझे यकीन है कि इसको लेकर तमिलनाडु क्रिकेट संघ कार्रवाई करेगा। कई देशों में सट्टेबाजी को वैध करार दिया गया है। तमिलनाडु क्रिकेट लीग के दौरान कुछ शिकायतें भी दर्ज कराई गई हैं। अगर इसमें सच्चाई है तो इस पर कार्रवाई होनी चाहिए। किसी को बचाने और इससे बचने का सवाल नहीं है। अगर जांच में कोई पकड़ा जाता है तो तमिलनाडु क्रिकेट संघ उसके खिलाफ सख्ती बरतेगा।

-पिछले दो-तीन वर्षों में बहुत कुछ देखने को मिला है। स्पॉट फिक्सिंग के बाद क्या आपने महसूस किया कि आपको निशाना बनाया जा रहा है?

-बिलकुल। मुझे लगता है कि मैं लोगों के निशाने पर रहा था, लेकिन मैं उनके खिलाफ खड़ा हुआ।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.