लड़खड़ा रही है मुंबई और पंजाब की नैया
आइपीएल कभी-कभी समुद्र में तैर रही उस किश्ती की तरह लगता है, जिसे किनारा नजर नहीं आता। कुछ नावें लहरों में डूब जाती हैं, लेकिन कुछ को ऐसा खिवैया मिल जाता है, जो उसे किनारे पर ले आता है। अपनी नैया को लहरों से बचाने की कला सबको नहीं आती।
(शास्त्री का कॉलम)
आइपीएल कभी-कभी समुद्र में तैर रही उस किश्ती की तरह लगता है, जिसे किनारा नजर नहीं आता। कुछ नावें लहरों में डूब जाती हैं, लेकिन कुछ को ऐसा खिवैया मिल जाता है, जो उसे किनारे पर ले आता है। अपनी नैया को लहरों से बचाने की कला सबको नहीं आती। अभी तक राजस्थान रॉयल्स, चेन्नई सुपरकिंग्स और कोलकाता नाइटराइडर्स ही इसमें माहिर नजर आ रहे हैं।
मुंबई इंडियंस उस मुकाम पर पहंुच चुकी है, जहां उसे होड़ में बने रहने के लिए अगले मैच में हर हाल में जीत चाहिए होगी। जरूरी नहीं है कि हर बार 2004 का इतिहास दोहराया जाए। जब लगातार पांच मैच हारने के बाद इस टीम ने जोरदार वापसी की थी। मुंबई को एक साल पहले जैसी अनिश्चितता का सामना फिर से करना पड़ रहा है। इसको लेकर उनके डग आउट में कैसा माहौल है यह तो समय ही बताएगा।
किंग्स इलेवन पंजाब भी ऐसी टीम है जो लड़खड़ा रही है। इस टीम ने पिछले सत्र में 200 रन के स्कोर को आम बात बना दिया था। लेकिन इस बार यह टीम अभी तक ऐसा करने में असफल रही है। कोई बड़ा स्कोर नहीं, न ही बड़े छक्के। पंजाब की टीम हड़बड़ाहट में विकेट गंवा रही है। जबकि उनकी टीम कमोबेश वही है। इस बार अंतर यही है कि पंजाब एक इकाई के रूप में प्रदर्शन नहीं कर पा रहा है। लेकिन मुंबई की स्थिति को देखते हुए पंजाब के लिए अभी ज्यादा देर नहीं हुई है। मुंबई और पंजाब दोनों की ताकत उनकी बल्लेबाजी है। अब समय आ गया है, जब उनके शीर्ष क्रम को जोरदार प्रदर्शन करना होगा। दोनों के पास पर्याप्त ऐसे खिलाड़ी हैं, जो जीत की नींव रख सकते हैं। लेकिन वे कितने सफल होंगे यह तो आने वाला समय ही बताएगा।