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शादाब जकाती ने बताया, महेंद्र सिंह धौनी के प्लान से सचिन तेंदुलकर को किया था आउट

चेन्नई सुपर किंग्स की तरफ से खेल चुके शादाब जकाती ने बताया कि सचिन तेंदुलकर का विकेट हासिल करने के लिए 2010 IPL में धौनी का बनाया प्लान कामयाब हुआ था।

By Viplove KumarEdited By: Published: Wed, 27 May 2020 05:18 PM (IST)Updated: Wed, 27 May 2020 05:18 PM (IST)
शादाब जकाती ने बताया, महेंद्र सिंह धौनी के प्लान से सचिन तेंदुलकर को किया था आउट
शादाब जकाती ने बताया, महेंद्र सिंह धौनी के प्लान से सचिन तेंदुलकर को किया था आउट

नई दिल्ली, जेएनएन। इंडियन प्रीमियर लीग की सफलतम टीमों में शुमार चेन्नई सुपर किंग्स ने अब तक तीन बार यह खिताब जीता है। साल 2010 में चेन्नई की टीम ने मुंबई को उसके घरेलू मैदान डी वाई पाटिल स्टेडियम में हराकर पहली बार ट्रॉफी पर कब्जा जमाया था।

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चेन्नई टीम ने मुंबई के सामने 169 रन का लक्ष्य रखा था जिसे महेंद्र सिंह धौनी की बेहतरीन कप्तानी के आगे हासिल करने में नाकाम रही। उस टीम के सदस्य रहे शादाब जकाती ने इस बात का खुलासा किया है कि धौनी ने हर एक खिलाड़ी को लेकर खास प्लान बनाया था और पूरी तैयारी के साथ फाइनल खेलने उतरे थे। सचिन को आउट करने पर जकाती ने धौनी को श्रेय दिया।

विजडन से बात करते हुए जकाती ने बताया, "मुझे पहले दो ओवर में 21 रन पड़ चुके थे। जब बाएं हाथ के बल्लेबाज अभिषेक नायर बल्लेबाजी कर रहे थे तभी मुझे धौनी ने बताया कि मुझे बीच के ओवरों में गेंदबाजी करनी होगी। उन्होंने मुझे दाएं हाथ के बल्लेबाजों सचिन तेंदुलकर, अम्बाती रायडू और किरोन पोलार्ड को खिलाफ बचाकर रखा था। हमने मुंबई के दाएं हाथ के बल्लेबाजों को लेकर अपना होमवर्क पूरा किया था उन सभी को लेकर जो बाएं हाथ के स्पिनर के खिलाफ थोड़े से कमजोर थे।"

धौनी का जकाती को तीसरे ओवर में गेंदबाजी कराने का प्लान सफल रहा था और महज पांच रन देकर उन्होंने सचिन तेंदुलकर का अहम विकेट हासिल किया था। इसके दो गेंद बाद ही सौरव तिवारी भी अपना विकेट गंवा बैठे थे। मुंबई की टीम को 22 रन से हराकर चेन्नई की टीम ने पहली बार इस खिताब पर कब्जा जमाया था।

एमएस की कप्तान पर जकाती ने बता करते हुए कहा, "उन्होंने कभी भी किसी गेंदबाजी मीटिंग में भाग नहीं लिया। ऐसा इसलिए था क्योंकि उनको अपनी प्लानिंग और सोच पर भरोसा था और उनके अंदर वो दम था कि मुश्किल हालात में साहसिक फैसले ले सकें। उन्होंने हमें अपने फील्डरों को चुनने का आजादी दी थी और अगर यह काम नहीं करता था तब वो अपना दिमाग लगाते थे लेकिन सबसे पहली प्राथमिकता हमें ही देते थे।"  


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