इंग्लैंड के लिए खेल चुके भारतीय मूल के पूर्व स्पिनर ने कहा, ब्रिटेन में अश्वेतों को अधिक नस्लवाद झेलना पड़ता है
पनेसर ने कहा कि उनके देश में अश्वेत समुदाय के साथ नस्लवाद खत्म होना चाहिए और अधिकारियों को पांच साल की योजना बनाकर इसे खत्म करना चाहिए।
नई दिल्ली, पीटीआइ। पिछले महीनों से नस्लभेद को लेकर काफी चर्चा की जा रही है। इंग्लैंड और वेस्टइंडीज के बीच खेली जा रही तीन मैचों की टेस्ट सीरीज का पहला मुकाबला इसको लेकर चलाई गई खास मुहिम का साक्षी रहा। मैच शुरू होने से पहले दोनों टीमों के खिलाड़ी मैदान पर घुटने पर बैठे और मुहिम में अपनी भागेदारी जताई।
भारतीय मूल के इंग्लैंड के पूर्व स्पिनर मोंटी पनेसर का मानना है कि ब्रिटेन में दक्षिण एशियाई प्रवासियों को कभी-कभी ही नस्लवाद का सामना करना पड़ता है, लेकिन इसकी तुलना अश्वेत समुदाय के साथ रोजमर्रा की जिंदगी में हो रहे बर्ताव से नहीं की जा सकती। पनेसर ने कहा कि उनके देश में अश्वेत समुदाय के साथ नस्लवाद खत्म होना चाहिए और अधिकारियों को पांच साल की योजना बनाकर इसे खत्म करना चाहिए।
इंग्लैंड के लिए 50 टेस्ट में 167 विकेट ले चुके पनेसर ने कहा, 'यदि कोई यहां काला रंग चढ़ी खिड़कियों वाली कार चलाता है और वह अश्वेत है तो पुलिस उसकी कार जरूर रोकेगी। यहां अश्वेत लोग रोज पुलिस के खौफ के साये में जीते हैं। यह मेरे अश्वेत दोस्त बताते हैं। वे सुपर मार्केट जाते हैं तो लोगों को उन पर चोरी का शक होता है। यदि मैं जेब में कुछ रख लूं तो कोई ध्यान नहीं देगा, लेकिन वे कुछ नहीं करते हैं तो भी उन पर शक रहता है।'
समूचे क्रिकेट जगत की तरह उन्हें भी वेस्टइंडीज के महान क्रिकेटर माइकल होल्डिंग के नस्लवाद पर दिए गए भाषण ने झकझोर दिया है। पनेसर ने कहा, 'पांच साल की योजना बनाकर इसे खत्म किया जाना चाहिए। भाषणों के बाद भी कुछ किया नहीं जाता तो फिर क्या फायदा। मैंने माइकल होल्डिंग जैसा दमदार भाषण किसी का नहीं देखा। क्रिकेट के जरिये ही नस्लवाद को खत्म करने से बेहतर क्या हो सकता है। दक्षिण एशियाई समुदाय को कभी-कभी ही सुनना पड़ता है, लेकिन अश्वेतों को नियमित आधार पर यह सब सहना पड़ता है।'