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IPL 2020 के स्टार खिलाड़ी ने कहा, लोग संन्यास की बात कर रहे थे, मैं 95 किलो वजन बढ़ा चुका था

साल 2015 में और 2018 में भी मुझे काफी चोटों लगी थी। मीडिया में ऐसा खबरे आ रही थी कि मेरा करियर खत्म हो गया। मीडिया में तो ऐसी भी खबरे आ रही थी कि मैंने वापसी की भी कर ली तो पहले जैसा शमी नहीं रहूंगा।

By Viplove KumarEdited By: Published: Sat, 03 Oct 2020 07:04 PM (IST)Updated: Sat, 03 Oct 2020 07:04 PM (IST)
IPL 2020 के स्टार खिलाड़ी ने कहा, लोग संन्यास की बात कर रहे थे, मैं 95 किलो वजन बढ़ा चुका था
मोहम्मद शमी किंग्स इलेवन पंजाब के कप्तान केेएल राहुल के साथ (फोटो ट्विटर पेज)

नई दिल्ली, जेएनएन। इंडियन प्रीमियर लीग की फ्रेंचाइजी टीम किंग्स इेलवन पंजाब की तरफ से खेलने वाले तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी ओरेंज कैप की रेस में दिल्ली के कगिसो रबादा तो लगातार टक्कर दे रहे हैं। चोट के बाद भारतीय टीम में वापसी करने वाले शमी ने अपनी फिटनेस पर काफी काम किया है। उन्होंने बताया कि एक वक्त ऐसा भी था जब लोगों ने उनका करियर खत्म बता दिया था।

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आइपीएल में अब तक के खेले चार मुकाबले में शमी ने कुल 8 विकेट हासिल किए हैं। 15 रन देकर तीन विकेट उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन रहा है। चोट की वजह से भारतीय टीम से बाहर हुए शमी ने फिटने हासिल करने के बाद ना सिर्फ वनडे टीम में वापसी की बल्कि 2019 में खेले गए विश्व कप में अफगानिस्तान के खिलाफ हैट्रिक लेने की खास उपलब्धि भी हासिस की।

"साल 2015 में और 2018 में भी मुझे काफी चोटों लगी थी। मीडिया में ऐसा खबरे आ रही थी कि मेरा करियर खत्म हो गया। मीडिया में तो ऐसी भी खबरे आ रही थी कि मैंने वापसी की भी कर ली तो पहले जैसा शमी नहीं रहूंगा, मैं इस बात को मानता भी हूं कि कुछ साल पहले तक मै पहले वाला शमी नहीं था। और यही एक सही बता थी जो मेरे बारे में कही गई थी। इस टिप्पणी ने मुझे काफी ज्यादा प्रेरित किया कि मैं अपने खेल में इतना अच्छा करूं जिसके लिए मुझे जाना जाता है।"

"हर किसी को खेल या निजी जिंदगी में मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। एक लक्ष्य निर्धारित करना और उसको हासिल करने के लिए आपको एक योजना बनानी होती है और इसके हिसाब से ही काम भी करना होता है। मैं यह मानता हूं कि जीवन के किसी ना किसी पड़ाव पर हर किसी को मुश्किलों का सामना करना पड़ता है और इसके बाद दोबारा से ध्यान केंद्रित कर सही दिशा में काम करना होता है।"

"मुझे याद है कि चोटिल होने के बाद मेरा वजन 95 किलो हो गया था और मुझे लगा कि लोग सही कह रहे हैं मैं इसको लेकर कुछ भी नहीं कर पाउंगा। लेकिन इसके बाद अगले 60 दिन के मेरे बेड रेस्ट के दौरान मेरे पास गेंद थी। आपको जीवन में चीजों को भूलना होता है, परिस्थिति के मुताबिक ढलना सीखना होता है, और आप अपने आप से तो झूठ नहीं बोल सकते हैं खासकर काम को लेकर तो बिल्कुल भी नहीं।"


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