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IPL में 3 करोड़ रुपयों में नीलाम हुआ था ये भारतीय गेंदबाज, पिता ने पूरे गांव में बांटे थे रसगुल्ले

भारतीय टीम के तेज गेंदबाज खलील अहमद को जब पहली बार आइपीएल ऑक्शन में खरीदा गया था तो उनके पिता ने गांव में रसगुल्ले बांटे थे।

By Vikash GaurEdited By: Published: Sun, 24 May 2020 02:38 PM (IST)Updated: Sun, 24 May 2020 02:38 PM (IST)
IPL में 3 करोड़ रुपयों में नीलाम हुआ था ये भारतीय गेंदबाज, पिता ने पूरे गांव में बांटे थे रसगुल्ले
IPL में 3 करोड़ रुपयों में नीलाम हुआ था ये भारतीय गेंदबाज, पिता ने पूरे गांव में बांटे थे रसगुल्ले

नई दिल्ली, जेएनएन। इसमें कोई शक नहीं है कि इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) ने कई प्रतिभाशाली युवा भारतीय खिलाड़ियों का भाग्य बदल दिया है। न सिर्फ खिलाड़ियों का बल्कि उनके परिवारों की भी किस्मत में चार चांद लग गए हैं। घरेलू क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन करने का नतीजा तमाम खिलाड़ियों को आइपीएल में मोटी रकम के तौर पर मिला है। उसी तरह से भारतीय टीम के तेज गेंदबाज खलील अहमद की कहानी भी रही है, जो काफी अलग है।

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अहमद के पिता (जो राजस्थान के छोटे से शहर टोंक में कम्पाउंडर हैं) 2018 में हुए उनके शानदार आइपीएल ऑक्शन को याद करते हैं। सीनियर अहमद यानी खलील अहमद के पिता बताते हैं, "मैं सुबह 7 बजे जगा, एक कप चाय पी और ऑक्शन देखना शुरु किया। मैं इसकी बारी का इंतजार करता रहा और जब इसका नंबर आया तब शाम के 7 बज रहे थे। मैंने पूरा दिन खाना नहीं खाया था और घर में कोई भी नहीं था। मेरे दिल जोर-जोर से धड़क रहा था, मैं बहुत घबरा रहा था। जब मैंने अंतिम धनराशि (3 करोड़ रुपये) देखी तब मुझे अपनी आंखों पर भरोसा ही नहीं हो रहा था।"

खलील अहमद की बड़ी बहन बताती हैं, "मुझे याद है, मैं एक वलीमा (रिसेप्शन) में थी। हम बस खाना खाना शुरु ही करने वाले थे कि मुझे मेरे कज़िन का फोन आया। जब मुझे मेरे भाई के ऑक्शन के बारे में पता चला, मैं पागलों की तरह हंसने लगी। लोगों को लगा कि मैं पागल हो गयी हूं- वे मुझसे बार-बार पूछने लगे कि क्या हुआ। मुझे याद है उस रात मैंने डिनर भी नहीं किया और परिवार के साथ जश्न मनाने वापस लौट आई!"

जश्न के बारे में क्रिकबज के एक स्पेशल शो में खलील अहमद की बहन आगे बताती हैं, "हम खलील अहमद को प्यार से 'रसगुल्ला' बुलाते थे। इसलिए जब हमें इतनी बड़ी ऑक्शन मिली, मेरे पिता जी रसगुल्लों की ढेर सारी टिन ले आए और हमने पूरे मालपुरा गांव, जो हमारा पैतृक गांव भी है, उसमें रसगुल्लों के ये टिन बांटे।"

खुद खलील अहमद भी याद करते हुए बताते हैं, "ऐसा ही जश्न भारतीय टीम में मेरे चुने जाने पर भी मनाया गया था। टोंक से कई लोग, हमारे रिश्तेदार से लेकर करीबी दोस्त और यहां तक कि ऐसे लोग भी जिन्हें मैं जानता तक नहीं था, मेरे घर आए। मुझे फूलों की माला पहनाई गई। मुझे ढेर सारे फूल और मिठाइयां दी गई थीं। छोटे से शहर में ऐसा ही होता है। एक इंसान की सफलता पूरे समुदाय की सफलता होती है। मुझे याद है, उस दिन मुझे बहुत गर्व महसूस हो रहा था।"


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