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जो भारतीय टीम से बाहर बैठे हैं, वो भी मेरे से ज्यादा टैलैंटेड, ऑस्ट्रेलियाई धुरंधर का बयान

कोच जस्टिन लैंगर ने भारत को ऑस्ट्रेलिया दौरे पर कोहली एंड टीम की जीत को यादगार बताया तो ऑलराउंडर मार्कस स्टोइनिस ने भारत को दुनिया की सबसे टैलेंटेड टीम करार दिया।

By Viplove KumarEdited By: Published: Thu, 19 Mar 2020 12:49 PM (IST)Updated: Thu, 19 Mar 2020 12:49 PM (IST)
जो भारतीय टीम से बाहर बैठे हैं, वो भी मेरे से ज्यादा टैलैंटेड, ऑस्ट्रेलियाई धुरंधर का बयान
जो भारतीय टीम से बाहर बैठे हैं, वो भी मेरे से ज्यादा टैलैंटेड, ऑस्ट्रेलियाई धुरंधर का बयान

नई दिल्ली, जेएनएन। ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट टीम के कोच और ऑलराउंडर ने भारतीय क्रिकेट टीम की जमकर तारीफ की है। कोच जस्टिन लैंगर ने ऑस्ट्रेलिया दौरे पर कोहली एंड टीम की टेस्ट जीत को यादगार बताया तो ऑलराउंडर मार्कस स्टोइनिस ने भारत को दुनिया की सबसे टैलेंटेड टीम करार दिया। ऑस्ट्रेलियन टीम की डॉक्यूमेंट्री 'द टेस्ट' में यह सारी बातें कही गई हैं।  

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ऑस्ट्रेलिया की टीम पर बनी एक डॉक्यूमेंट्री में मार्कस स्टोइनिस ने भारतीय टीम की जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा, "इसमें कोई शक नहीं कि भारत दुनिया की सबसे टैलेंटेड टीम है। जो भारतीय टीम में इस वक्त नहीं खेल रहे हैं वो भी मेरे से ज्यादा टैलेंटेड हैं।"

"मुझे भारत में खेलना पसंद है, वहां का सभ्याता से मुझे प्यार है। इसकी उर्जा का मुकाबला करना नामुमकिन है। इससे आपके सभी इंद्रियों को अलग ही उंचाई मिलती है। अगर आप सारी उत्साह को सही तरीके से प्रयोग में ला सकें तो वहां वो ऊर्जा मिलती है कि ऐसा हो ही नहीं सकता आप अपना बेहतरीन प्रदर्शन ना करें। ऐसा संभव नहीं कि आपको वहां अपने सबसे बेहतरीन खेल दिखाने की प्रेरणा ना मिले।" 

भारत के खिलाफ ऑस्ट्रेलिया ने वनडे सीरीज में इतिहास रचा था। 2 लगातार मैच हारने के बाद ऑस्ट्रेलिया की टीम ने 3-2 से वनडे सीरीज जीतने में कामयाबी पाई थी। 

 

भारतीय टीम ने 2018-19 में इतिहास रचते हुए पहली बार ऑस्ट्रेलिया में ऑस्ट्रेलिया को टेस्ट सीरीज में हराया था। इस अनुभव को साझा करते हुए ऑस्ट्रेलिया के कोच जस्टिन लैंगर ने अपने दिल की बात कही। उन्होंने बताया कि भारतीय टीम ने जिस तरह से उनको हराया वो बेबस और लाचार करने वाला था। उन्हें लगा था जैसे वो किसी पंचिंग बैग की तरह से हो और उनके हाथ को किसी ने पीछे बांध दिया हो।

"मैं उस दोपहर को याद कर सकता हूं हमें पंचिंग बैग जैसा महसूस हो रहा था। हम किसी भी तरह से लड़ने में कामयाब नहीं हो पा रहे हैं क्योंकि हमें ऐसा लग रहा था कि किसी ने हमारे हाथों को पीछे बांध दिया है और हमें उनके प्रहार को सहना ही होगा।"


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