क्रिकेट खेलने के लिए बच्चे की तरह बेताब हैं जेसन रॉय, T20 वर्ल्ड कप को लेकर कही ये बात
इंग्लैंड टीम के ओपनर जेसन रॉय क्रिकेट खेलने के लिए बच्चे की तरह बेताब हैं। हालांकि वे कहते हैं कि T20 वर्ल्ड कप तैयारी की वजह से स्थगित होना चाहिए।
लंदन, पीटीआइ। एक बच्चे की तरह फिर से महसूस कर रहे इंग्लैंड टीम के सलामी बल्लेबाज जेसन रॉय क्रिकेट के मैदान पर वापस करने के लिए बेताब हैं, लेकिन उनका कहना है कि अक्टूबर-नवंबर में होने वाले टी20 विश्व कप को तब स्थगित करना उचित रहेगा, जब इस मेगा टूर्नामेंट के लिए खिलाड़ियों को तैयारी करने का मौका नहीं मिलता है। कोरोना वायरस महामारी के कारण सभी तरह की क्रिकेट गतिविधियां बंद हैं। इसका असर ऑस्ट्रेलिया में साल के आखिर में होने वाले टी20 वर्ल्ड कप पर भी पड़ सकता है।
जेसन रॉय ने ईएसपीएन क्रिकइंफो से बात करते हुए कहा है, "यदि खिलाड़ी सही तरीके से तैयारी नहीं कर पा रहे हैं और ऑस्ट्रेलिया नहीं जा पा रहे हैं, तो यह इसे(टी20 वर्ल्ड कप) स्थगित करने के लिए समझ में आता है, लेकिन अगर यह आगे बढ़ता है, तो क्रिकेट खेलना हमारा काम है और अगर हमें बताया जाए कि हमारे पास टी20 वर्ल्ड कप में जाने और खेलने के लिए तैयार होने के लिए तीन सप्ताह हैं, तो सभी लड़के यह सुनिश्चित करने के लिए तैयार होंगे।"
29 साल के रॉय ने कहा है, "मुझे लगता है कि सभी खिलाड़ी किनारे पर हैं, कॉल के लिए इंतजार कर रहे हैं, 'ठीक है, हमारे पास एक महीने या फिर छह सप्ताह का समय है तो हमें तैयारी करनी होगी। ऐसे में कहा जाएगा कि नेट्स में जाओ और कुछ गेंदों को हिट करो। मुझे लगता है कि खिलाड़ी उतने ही तैयार होंगे जितना कि हो सकता है।" इंग्लैंड की बात करें तो यहां ईसीबी ने एक जुलाई तक के लिए सारी क्रिकेट गतिविधियां सस्पेंड कर दी हैं।
जेसन रॉय खेलने के लिए उत्सुक जरूर हैं, उन्होंने कहा कि सुरक्षा सर्वोपरि है। रॉय ने ये भी कहा है कि उन्हें खाली स्टेडियम में भी खेलने में कोई परेशानी नहीं है। जेसन रॉय ने कहा है, "मैं ईमानदारी से कहूं तो कुछ क्रिकेट खेलना चाहता हूं। मुझे लगता है कि हमारे लिए वहां जाना और कुछ क्रिकेट खेलना एक अविश्वसनीय अनुभव होगा। मैं फिर से एक बच्चे की तरह महसूस करता हूं। मुझे लगता है कि हम यहां सरकार द्वारा शासित हैं, हम वास्तव में नहीं जानते कि क्या हो रहा है या सुरक्षा के उपाय क्या हैं। मैं खाली स्टेडियम में भी खेलने के लिए खुश हूं। बस वहां से बाहर निकलना अच्छा है।"