Move to Jagran APP

भारतीय तेज गेंदबाजों में अगले दो साल तक टेस्ट क्रिकेट में टॉप पर रहने की क्षमता- भरत अरुण

टीम इंडिया के गेंदबाजी कोच ने कहा है कि भारत की मौजूदा पेस अटैक के पास टेस्ट क्रिकेट में अगले दो साल तक शीर्ष पर बने रहने की क्षमता है।

By Sanjay SavernEdited By: Published: Tue, 26 May 2020 04:43 PM (IST)Updated: Tue, 26 May 2020 05:09 PM (IST)
भारतीय तेज गेंदबाजों में अगले दो साल तक टेस्ट क्रिकेट में टॉप पर रहने की क्षमता- भरत अरुण
भारतीय तेज गेंदबाजों में अगले दो साल तक टेस्ट क्रिकेट में टॉप पर रहने की क्षमता- भरत अरुण

नई दिल्ली, प्रेट्र। भारतीय पेस अटैक को दुनिया की सबसे बेहतरीन तेज गेंदबाजी आक्रमण के तौर पर देखा जाता है। टीम इंडिया की हालिया सफलता में टीम के गेंदबाजों का काफी योगदान रहा है और ये सबका मानना है कि इस तरह की तेज गेंदबाजी अटैक भारत के पास पहले कभी नहीं हुई। अब टीम के गेंदबाजी कोच भरत अरुण ने कहा है कि टीम के तेज गेंदबाजों को मौजूदा सफल चौकड़ी अगले दो साल तक अपने खेल के टॉप पर रह सकती है। 

loksabha election banner

इस वक्त भारतीय चयनकर्ता इन गेंदबाजों का विकल्प तलाशने में नाकाम रहे हैं। भारतीय तेज गेंदबाज इशांत शर्मा (97 टेस्ट में 297 विकेट), मोहम्मद शमी (49 टेस्ट में 180 विकेट), उमेश यादव (46 टेस्ट में 144 विकेट) और जसप्रीत बुमराह (14 टेस्ट में 68 विकेट) ने 2018 और 2019 के दौरान घरेलू और विदेशी टेस्ट मैचों में शानदार प्रदर्शन किया है।अगले नौ टेस्ट (ऑस्ट्रेलिया दौरे पर चार और इंग्लैंड के खिलाफ घरेलू सीरीज में पांच) इस चौकड़ी के लिए एक साथ आखिरी टेस्ट सीरीज हो सकती हैं। इन चारों में सिर्फ 26 साल के बुमराह अपने करियर के शुरूआती दिनों मे है।

भरत अरूण ने कहा कि मौजूदा तेज गेंदबाजों ने असाधारण रूप से अच्छा प्रदर्शन किया है और मुझे कम से कम अगले दो और वर्षों के लिए इस चौकड़ी के साथ कोई समस्या नहीं दिखती है। उनका मानना है कि भारतीय क्रिकेट में कई युवा तेज गेंदबाज सामने आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि तेज गेंदबाजों की अगली पीढ़ी तैयार हो रही है। उन्हें पहचानने के लिए चयनकर्ताओं और कोचों के एक साथ मिलकर प्रयास करने की जरूरत है जिससे कि मजबूत बेंच स्ट्रेंथ तैयार हो सके।

उन्होंने कहा कि बेंच स्ट्रेंथ की पहचान करना इस लिए भी जरूरी है ताकि जो गेंदबाज हैं उन्हें रोटेशन नीति के तहत आराम देकर उनके करियर को लंबा खींचा जा सके। उन्होंने कहा कि रोटेशन नीति से गेंदबाजों के कार्यभार को संभालने में मदद मिलेगी। अरुण ने कहा कि जब लॉकडाउन के बाद प्रैक्टिस कैंप लगे तब मुख्य गेंदबाजों के इस शिविर में खिलाड़ियों को लार से इस्तेमाल से बचने के लिए अभ्यस्त होने का मौका भी मिलेगा। उन्होंने कहा कि लार के इस्तेमाल की आदत को रोकना काफी मुशकिल काम होगा। हम अपने अभ्यास सत्रों के दौरान इस आदत को खत्म करने की पूरी कोशिश करेंगे। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.